राजधानी दिल्ली में इंसानियत की मौत का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पति अपनी पत्नी की लाश लेकर पांच घंटे तक सड़कों पर भटकता रहा. उसने राह चलते लोगों से मदद की गुहार लगाई, मगर समाज में बसी इंसानियत तो जैसे दम तोड़ चुकी थी.
घटना दिल्ली के आनंद विहार इलाके की है. दरअसल सोमवार शाम अंजू नाम की एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. महिला की लाश को उसके पति छोटेलाल के हवाले किया गया. प्राइवेट एंबुलेंस से छोटेलाल पत्नी के शव को अस्पताल से लेकर घर पहुंचा.
मगर जुल्म देखिए, मकानमालिक ने छोटेलाल को पत्नी के शव को घर में रखने से साफ इंकार कर दिया. लाश एंबुलेंस में पड़ी थी. बेबस छोटेलाल पत्नी की लाश लेकर फिर से अस्पताल पहुंचा, मगर समाज के ठेकेदारों ने उसे यहां भी राहत नहीं दी.
अस्पताल के जालिम गार्डों ने उसे कुछ देर बाद अस्पताल से बाहर निकल जाने का फरमान सुना दिया. लाश को एंबुलेंस में लिए तीन घंटे बीत चुके थे. तभी एंबुलेंस चालक ने भी पैसों का तकादा किया, लेकिन छोटेलाल के पास एंबुलेंस चालक को देने के लिए ज्यादा पैसे नहीं थे.
जिस कारण एंबुलेंस चालक भी छोटेलाल से लाश एंबुलेंस से निकालने के लिए बार-बार कहता रहा. आखिरकार एंबुलेंस चालक भी लाश को छोटेलाल के हवाले छोड़ वहां से निकल गया. वक्त बीतता गया और बेबस छोटेलाल मानवता के असली फरेबी चेहरों से वाकिफ होता रहा. जिसके बाद पांच घंटे तक छोटेलाल पत्नी की लाश लेकर सड़कों पर घूमता रहा.
तभी वहां गश्त कर रही एक पुलिस टीम की उस पर नजर पड़ी. पुलिसकर्मियों ने पत्नी के शव को एक घर में रखवाने की व्यवस्था की. छोटेलाल ने अपने मकानमालिक पर उसके साथ ज्यादती करने का आरोप लगाया. वहीं मकानमालिक ने अपनी सफाई में कहा कि उसने तो छोटेलाल की मदद की थी. साथ ही उसकी पत्नी के अंतिम संस्कार का खर्च उठाने की भी बात कही थी. बहरहाल इस घटना ने छोटेलाल को तो सबक सिखाया ही, साथ ही समाज के सामने आईना रख उसके असली चेहरे को भी बेनकाब किया है.
अनुज मिश्रा / राहुल सिंह