दिल्ली के वजीरपुर इलाके में 7 साल के एक बच्चे की नाले में लाश मिलने के बाद सनसनी फैल गई. बच्चा करीब 10 घंटे से लापता था, जिसकी परिजनों ने अशोक विहार थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. पुलिस ने बताया कि शव पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है और न ही किसी तरह के यौन शोषण के सबूत मिले हैं.
बच्चे के परिजनों ने भी किसी से रंजिश की बात होने से इनकार किया है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक मृतक बच्चे की पहचान सात साल के अंकुश के रूप में हुई है.
अंकुश का परिवार वजीरपुर इलाके में अशोक विहार कॉलोनी के पास झुग्गी बस्ती में रहता है. परिजनों ने बताया कि दो दिन पहले ही शालीमार बाग स्थित एक सरकारी स्कूल में उन्होंने अंकुश का दाखिला करवाया था. परिवार में पति विनोद और पत्नी ऊषा व दो बेटे हैं, जिनमें अंकुश सबसे छोटा था.
पुलिस जांच कर रही है कि आखिर बच्चा घर से नाले तक कैसे गया. घर से नाले की दूरी 500 मीटर के करीब है. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं कोई बहला-फुसलाकर तो बच्चे को नहीं ले गया था और गलत काम करने के बाद हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया हो.
आस-पास के लोगों ने बताया कि नाले से कुछ ही दूरी पर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. वहां पर शराब पीकर युवक सट्टा लगाने आते हैं. केशवपुरम थाना इलाके की पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है किसी ने बच्चे के चिल्लाने की आवाज़ तो नहीं सुनी थी.
परिजनों ने बताया कि शनिवार की रात घर के पास ही एक शादी थी, जिसमें पूरा परिवार रात को खाना खाने गया हुआ था. दरअसल नाले से थोड़ी ही दूरी पर खाने-पीने की व्यवस्था थी. घरवाले खाना खा रहे थे, जबकि बच्चे पास में ही खेल रहे थे.
लेकिन परिवार जब शादी समारोह में शामिल होकर घर लौटा तो बच्चा कहीं नहीं मिला. काफी खोजने के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो परिवार अशोक विहार थाने पहुंचा और बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई.
परिजनों के साथ पुलिस वालों ने बच्ची की तलाश शुरू कर दी, लेकिन पूरे 10 घंटे बाद रविवार की सुबह जाकर बच्चे की लाश नाले में मिली. नाले के पास खेल रहे बच्चों को नाले में किसी का हाथ बाहर निकला हुआ दिखा और जब शव को बाहर निकाला गया तो उसकी पहचान अंकुश के रूप में हुई.
राम किंकर सिंह / आशुतोष कुमार मौर्य