पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने चुप्पी तोड़ी, बोले- चंडीगढ़ में हूं, जांच में करूंगा सहयोग

बता दें कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ मुंबई और ठाणे में 5 केस दर्ज हैं. परमबीर सिंह की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत दे दी थी जिसके बाद उन्होंने अपने ठिकाने का खुलासा किया है.

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परमबीर सिंह परमबीर सिंह

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST
  • मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने तोड़ी चुप्पी
  • परमबीर सिंह ने कहा, चंडीगढ़ में हूं, जांच में करूंगा सहयोग

सुप्रीम कोर्ट से फटकार पड़ने के बाद आखिरकार मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने खुलासा कर दिया है कि वो इस वक्त कहां है. परमबीर सिंह ने इंडिया टुडे को बताया कि वो इस वक्त चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई पहुंचकर जांच में शमिल होंगे.

बता दें कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ मुंबई और ठाणे में 5 केस दर्ज हैं. परमबीर सिंह की याचिका पर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी.

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कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत दे दी थी जिसके बाद उन्होंने अपने ठिकाने का खुलासा किया है. परमबीर सिंह पर जबरन वसूली समेत कई केस दर्ज है.

इस दौरान परमबीर सिंह के वकील ने कोर्ट में कहा कि था कि उन्हें मुंबई में जान का खतरा है, इसलिए वो यहां नहीं आ रहे. इस पर कोर्ट ने कहा था कि ये हैरान करने वाली बात है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर को मुंबई आने और रहने में डर लगता है.

परमबीर सिंह पर क्या है आरोप ?

22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था. 

आरोप के मुताबिक परमबीर सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की थी.

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इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका कोई अतापता नहीं था. 

बता दें कि मुंबई की एक कोर्ट ने परमबीर को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की अनुमति दे दी थी, जिसके बाद उन्हें पुलिस वॉन्टेड घोषित करने की तैयारी में थी.

जानकारी के मुताबिक, अगर परमबीर 30 दिन के भीतर सामने नहीं आते हैं तो मुंबई पुलिस उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती थी.

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