नीरज बवाना और विकास लगरपुरिया का करीबी गुरुप्रीत गिरफ्तार, 117 साल पुरानी विदेशी COLT पिस्टल भी बरामद

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरप्रीत सैनी को गिरफ्तार कर लिया है. गुरुप्रीत गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और नीरज बवाना का करीबी है. गुरप्रीत और विकास लगरपुरिया के गिरोह ने गुरुग्राम की एक पॉश सोसायटी के फ्लैट से 30 करोड़ की चोरी भी की थी. अब क्राइम ब्रांच ने गुरुप्रीत को 117 साल पुरानी COLT पिस्टल और कारतूस के साथ पकड़ा है.

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क्राइम ब्रांच ने गुरप्रीत सैनी को गिरफ्तार कर लिया है क्राइम ब्रांच ने गुरप्रीत सैनी को गिरफ्तार कर लिया है

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:27 AM IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और नीरज बवाना के करीबी गुरप्रीत सैनी को 117 साल पुरानी COLT पिस्टल और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है. आरोपी गुरुग्राम में 30 करोन रुपये के चोरी के मामले में वांटेड चल रहा था.

क्राइम ब्रांच के मुताबिक गुरप्रीत और गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के गिरोह ने गुरुग्राम की एक पॉश सोसायटी के फ्लैट से 30 करोड़ की चोरी की थी. चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद विकास लगरपुरिया ने चोरी के पैसे गुरप्रीत सैनी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एएसआई विकास के माध्यम से भेजे थे. 

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गुरप्रीत पहले तिलक नगर इलाके में रहता था और हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट जैसे अपराधों में शामिल था. साथ ही वह दिल्ली के पश्चिमी जिले का घोषित अपराधी है. गुरुप्रीत बाद में पीतमपुरा में शिफ्ट हो गया. हाल ही में उसका अपने मामा से विवाद हो गया और उसके बाद 12 लाख रुपये न देने पर उसे और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी.

पुलिस के मुताबिक गुरुप्रीत को पीतमपुरा से तब पकड़ा गया जब वो फॉर्च्यूनर कार से आया था. उसके कब्जे से एक 117 साल पुरानी मेक COLT की पिस्टल के साथ 4 कारतूस बरामद हुए. ये पिस्टल कंपनी ने 1905 में बनाई थी, यह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सबसे लोकप्रिय सैन्य हैंड गन थी और उसके बाद इसे बैरेटा बदलाव कर बनाया गया. इस पिस्टल के राउंड भी बहुत कम मिलते हैं.

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आरोपी गुरप्रीत से लगातार पूछताछ की गई, उसने खुलासा किया कि वह विकास लगरपुरिया का करीबी सहयोगी है, विकास लगरपुरिया की आपराधिक गतिविधियों के शुरुआती दिनों में गुरप्रीत उसे फाइनेंस करता था और उसे कई बार परेशान करता था. इससे पहले गुरप्रीत नीरज बवानिया गिरोह से जुड़ा था. उसे नीरज बवानिया गैंग के खिलाफ शुरू किए अभियान में  गिरफ्तार किया गया था. 

गुरुग्राम में चोरी के मामले में जब गुरुप्रीत का नाम सामने आया तो वह फरार हो गया और लगातार ठिकाने बदल रहा था. उसे पैसे की सख्त जरूरत थी, इसलिए उसने अपने मामा से पैसे मांगे. जब उसने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उसने उसे धमकी देना शुरू कर दिया और उससे पैसे वसूले. 

विकास लगारपुरिया ने दुबई में निवेश करने और पैसे ठिकाने लगाने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एएसआई विकास के जरिए 2 करोड़ रुपये भेजे, लेकिन जैसे ही चोरी की घटना सुर्खियों में आई और उसमें गुरप्रीत का नाम भी सामने आया तो गुरप्रीत ने तुरंत पैसे को विकास लगरपुरिया के एक अन्य सहयोगी बिट्टू को ट्रांसफर कर दिए, जिसे बाद में गुरुग्राम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अब गुरप्रीत तिलक नगर क्षेत्र के अन्य व्यापारियों के साथ-साथ अपने मामा से भी रंगदारी वसूलने में लगा था, लेकिन ऐसा करने से पहले ही उसे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया.

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