पुलिस से अलग होता है तरीका, ऐसे पूछताछ करती है सीबीआई

सीबीआई की पूछताछ के दौरान किसी तरह की मारपीट नहीं की जाती. बल्कि बयान और सवाल पर फोकस होता है. आरोपी के साथ 2 अधिकारी मौजूद रहते हैं. अगर आरोपी महिला है. और उससे पूछताछ हो रही है, तो वहां पर महिला अधिकारी के साथ जांच अधिकारी मौजूद रहता है.

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CBI की टीम लगातार रिया चक्रवर्ती से पूछताछ कर रही है CBI की टीम लगातार रिया चक्रवर्ती से पूछताछ कर रही है

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST
  • सीबीआई की SIT कर रही है जांच
  • रिया चक्रवर्ती से चल रही है पूछताछ
  • अलग अंदाज में सवाल करती है CBI

सुशांत सिंह राजपूत केस में आरोपी नंबर वन बताई जा रही रिया चक्रवर्ती से सीबीआई लगातार पूछताछ कर रही है. इस पूछताछ की अवधि काफी लंबी होती है. सीबीआई की एसआईटी रिया से भी घंटों-घंटों की पूछताछ कर रही है. ऐसे मामलों में CBI पूछताछ के दौरान आरोपी को मारती या पीटती नहीं है. सबसे पहले CBI आरोपी का बयान दर्ज करती है और बयान दर्ज करने का तरीका भी काफी अलग होता है. आपको बताते हैं कैसे पूछताछ करती है सीबीआई.

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महिला अफसर की मौजूदगी में महिला से पूछताछ
सीबीआई की पूछताछ के दौरान किसी तरह की मारपीट नहीं की जाती. बल्कि बयान और सवाल पर फोकस होता है. आरोपी के साथ 2 अधिकारी मौजूद रहते हैं. अगर आरोपी महिला है. और उससे पूछताछ हो रही है, तो वहां पर महिला अधिकारी के साथ जांच अधिकारी मौजूद रहता है. एक अधिकारी सवाल पूछता है और दूसरा अधिकारी उसके बयान को लिखता है. बयान लिखने के बाद आरोपी को दिखाया जाता है और फिर उसके हस्ताक्षर लिए जाते हैं.

कई बार पूछा जाता है एक सवाल 
जब सीबीआई की टीम सवालों की लिस्ट बनाती है, तो पूछताछ के दौरान एक ही सवाल कई बार पूछे जाते हैं और इसके पीछे की वजह यह होती है कि कई बार 1 ही सवाल पूछने से आरोपी अपने गुस्से का इजहार करता है, मानसिक रूप से परेशान होता है. गुस्से में आकर कई बार वो उन बातों को बोलता है जो कि उसने पहले नहीं बताई होती. इसलिए CBI एक ही सवाल को कई कई बार पूछती है. 

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साइकोलॉजिकल एनालिस्ट भी रहता है मौजूद
जब किसी आरोपी से पूछताछ की जाती है या उसके बयान दर्ज किए जाते हैं, तो उस वक्त वहां साइकोलॉजिकल एनालिस्ट भी मौजूद रहता है, जो आरोपी के हाव-भाव उसके चेहरे के एक्सप्रेशन, उसके हाथ-पैर के मूवमेंट आदि पर नजर रखता है. उसके दिमाग को पढ़ने की कोशिश करता है. जिससे यह पता चल पाता है कि आरोपी कब परेशान हो रहा है और किन सवालों से परेशान हो रहा है. जिन सवालों से वो परेशान होता है, उन सवालों को CBI दोबारा पूछती है और इससे यह भी पता करने की कोशिश करती है कि आरोपी कब झूठ बोल रहा है. 

दूसरे गवाहों से आमना-सामना
जब CBI बयान दर्ज कर लेती है, उसके बाद कई ऐसे सवाल होते हैं जिसे लेकर मामले के गवाहों से भी सवाल पूछा गया होता है. सीबीआई उनके जवाबों को सबूत मानते हुए आरोपी के सामने लेकर आती है. और आरोपी से उस बयान देने वाले का आमना-सामना भी कराया जाता है. और पूछा जाता है कि आपने इस सवाल का तो ये जवाब दिया है, लेकिन गवाह इस मामले में आपके खिलाफ ऐसा बोल रहा है. तो क्या आप झूठ बोल रहे हैं और क्यों.

अगर CBI को ऐसा लगता है कि आरोपी झूठ बोल रहा है. तो सीबीआई कई मामलों में आरोपी का आमना-सामना मामले के मौजूदा गवाहों से भी कराती है और आमने-सामने बिठाकर पूछा जाता है कि दोनों में से आखिरकार झूठ कौन बोल रहा है और झूठ बोलने की वजह क्या है.

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