मैनपुरी: छात्रा की मौत मामले में अगले हफ्ते दर्ज होगा मां का बयान, प्रिंसिपल हो चुका है अरेस्ट

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में एस आई टी ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता की मां की नार्को एनालिसिस की अनुमति के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की है. यह जानकारी राज्य सरकार की तरफ से महेंद्र प्रताप सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ को दी गई.

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Allahabad high court Allahabad high court

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 16 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST
  • संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी छात्रा की मौत
  • नार्को टेस्ट के लिए पीड़िता की मां ने दी अर्जी

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में एसआईटी ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता की मां की नार्को एनालिसिस की अनुमति के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की है. यह जानकारी राज्य सरकार की तरफ से महेंद्र प्रताप सिंह की जनहित याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ को दी गई. यह भी बताया कि पीड़िता की मां कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने में सहयोग नहीं कर रही है.

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कोर्ट ने निचली अदालत को पीड़िता की मां का नार्को एनालिसिस कराने की एसआईटी की अर्जी तय करने का निर्देश दिया है और 22 दिसंबर को मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता की मां को धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत अपना बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है.

हालांकि याची का कहना था कि मां बयान दर्ज कराने को तैयार है. वकीलों की हड़ताल व अन्य वजह से बयान दर्ज नहीं किया जा सका है और सहयोग न करने का कथन निराधार है. सरकार की तरफ से कहा गया कि एसआईटी हर पहलू पर विवेचना कर रही है. मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी.

बता दें कि साल 2019 में 16 सितंबर को मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ने वाली एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी और छात्रावास में ही उसका शव मिला था. पुलिस और प्रशासन ने इसे आत्महत्या माना था लेकिन परिजनों ने दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाते हुए मैनपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में 26 सितंबर को राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की भी सिफारिश भी कर दी थी. आगरा की एफएसएल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. स्लाइड में मेल स्पर्म पाये गये थे. लैब ने 15 नवंबर 2019 को पुलिस को रिपोर्ट सौंप दी थी.

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