निवेश का झांसा, 91 शिकार और 7 करोड़ की धोखाधड़ी... 3 साल बाद उत्तराखंड से पकड़ा गया शातिर मास्टरमाइंड

धोखाधड़ी की शुरुआत 2022 में हुई थी, जब आरोपी और उसके साथियों ने 'डिवाइन पावर फॉरेक्स ट्रेडिंग' नाम से एक कंपनी बनाई थी. डीसीपी ने कहा, आरोपी ने अलग-अलग निवेश योजनाएं शुरू कीं और निवेशकों को 15 महीने तक हर महीने 15 प्रतिशत ब्याज देने का वादा किया था.

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आरोपी की गिरफ्तारी 3 साल बाद देहरादून से हुई आरोपी की गिरफ्तारी 3 साल बाद देहरादून से हुई

aajtak.in

  • ठाणे,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 8:50 PM IST

Thane Seven Crores Investment Fraud Scam: महाराष्ट्र के ठाणे में शहर में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाला मास्टरमाइंड आखिरकार करीब तीन साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. ठाणे पुलिस ने उसे उत्तराखंड से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बुधवार को उसकी गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी.

ठाणे के पुलिस उपायुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) पराग मानेरे ने पीटीआई को बताया कि आरोपी अजय उसारे (38) ने अपने साथियों के साथ मिलकर ठाणे के वागले एस्टेट इलाके में एक विदेशी मुद्रा व्यापार कंपनी खोली थी और भोले-भाले निवेशकों को मोटे मुनाफे का ख्वाब दिखाकर ठग लिया था.

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DCP मानेरे के अनुसार, यह अब तक की छठी गिरफ्तारी है, जो 91 निवेशकों से 7,14,93,349 रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े मामले की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने बताया कि करोड़ों रुपये के निवेश धोखाधड़ी घोटाले का मुख्य खिलाड़ी अजय उसारे ही था, जिसे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है. 

धोखाधड़ी की शुरुआत 2022 में हुई थी, जब आरोपी और उसके साथियों ने 'डिवाइन पावर फॉरेक्स ट्रेडिंग' नाम से एक कंपनी बनाई थी. डीसीपी ने कहा, आरोपी ने अलग-अलग निवेश योजनाएं शुरू कीं और निवेशकों को 15 महीने तक हर महीने 15 प्रतिशत ब्याज देने का वादा किया. 

उच्च रिटर्न के वादे से आकर्षित होकर, कई निवेशकों ने कंपनी की विभिन्न योजनाओं में अपना पैसा लगाया. हालांकि, जब रिटर्न मिलना बंद हो गया और कंपनी ने काम करना बंद कर दिया, तो पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया. 

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कई शिकायतों के आधार पर, वागले एस्टेट पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें 420 (धोखाधड़ी), 406 और 409 (आपराधिक विश्वासघात), 34 (सामान्य इरादा), और 120 बी (आपराधिक साजिश), और महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण (MPID) अधिनियम की संबंधित धाराएं शामिल हैं. 

अजय मानेरे ने बताया कि मामला 7 अक्टूबर, 2024 को ठाणे पुलिस के साइबर सेल को सौंप दिया गया और अधिकारियों की एक समर्पित टीम ने मुख्य आरोपी उसारे का पता लगाना शुरू कर दिया था, जो कथित तौर पर भारत से भाग गया था. वो दुबई और नेपाल जैसे विदेशी स्थानों पर पहचान छिपाकर रह रहा था.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि टीम ने तकनीकी इनपुट और सुरागों पर काम किया और आखिरकार 13 जून को उसे उत्तराखंड के देहरादून में ट्रैक कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद में अजय उसारे को ठाणे लाया गया और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 26 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

डीसीपी ने बताया कि अजय उसारे इस मामले में गिरफ्तार होने वाला छठा आरोपी है. उन्होंने कहा कि इस अपराध में कुछ और साझेदारों के शामिल होने की संभावना है, जो विदेशी मुद्रा फर्म से जुड़े थे. पुलिस आगे की जांच कर रही है. इस जांच में पहले ही लगभग 8 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह धोखाधड़ी की आय से जुड़ी है.

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