MP: पीएमओ में सलाहकार बताकर झाड़ता था रौब, ऐसे खुली पोल

उज्जैन पुलिस के मुताबिक 'माधवनगर टीआई को जानकारी मिली थी कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उज्जैन ज़ोन के  कार्यालय में एक व्यक्ति आया है और अपने आप को केन्द्रीय सर्तकता आयोग का सदस्य बता रहा है और एडीजी योगेश देशमुख से मिलना चाहता है.

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आरोपी प्रमोद मेहता. आरोपी प्रमोद मेहता.

रवीश पाल सिंह / संदीप कुलश्रेष्ठ

  • उज्जैन,
  • 19 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST
  • रौब झाड़ने के लिए खुद को पीएमओ में सलाहकार बताता था
  • पकड़े गए शख्स का नाम प्रमोद मेहता है

मध्यप्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने एक ऐसे शख्स को पकड़ा है जो लोगों में रौब झाड़ने के लिए खुद को पीएमओ में सलाहकार बताता था. लेकिन जब उसने उज्जैन ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के दफ्तर जाकर खुद को केंद्रीय सतर्कता आयोग का सदस्य बताया तो उसकी पोल खुल गई. 

उज्जैन पुलिस के मुताबिक 'माधवनगर टीआई को जानकारी मिली थी कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उज्जैन ज़ोन के  कार्यालय में एक व्यक्ति आया है और अपने आप को केन्द्रीय सर्तकता आयोग का सदस्य बता रहा है और एडीजी योगेश देशमुख से मिलना चाहता है.

मौके पर मौजूद स्टाफ को उसपर शक़ हुआ तो शख्स से पूछताछ की गयी और उसने कबूल किया कि वो हाल ही में दुग्ध संघ से रिटायर हुआ है और लोगों में रौब झाड़ने के लिए खुद के बड़े संस्थानों से जुड़े होने का दावा करता था. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए शख्स का नाम प्रमोद मेहता, उम्र 65 साल है. उसने एडीजी कार्यालय को ईमेल भेजकर जानकारी मांगी थी और किसी को शक ना हो इसके लिए उसने CC में पीएमओ, एनएसए और कैबिनेट सेक्रेटरी को भी रखा था. पूछताछ के दौरान जब उससे आईडी कार्ड मांगा गया तो उसने इनकार कर दिया. इसके बाद उससे कार्यालय का पता और उससे जुड़ी अन्य जानकारियां मांगी तो वो भी सही जानकारी नहीं दी.

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इसपर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह  ऋषिनगर का निवासी हैं और रौब झड़ने के मकसद से खुद को केंद्रीय सदस्यता आयोग का सदस्य और पीएमओ का सलाहकार बताया था ताकि अधिकारियों से मेल-जोल बढ़ाया जा सके और अपने निजी काम आसानी से हो जाए.

प्रमोद मेहता के मोबाइल को चैक करने पर मोबाइल और ईमेल आईडी prmd.mht@gmail.com से 15 जून को कमिश्नर उज्जैन और 16 जून को आईजी उज्जैन को ईमेल कर अपना पदनाम सीवीसी का सदस्य होना बताया था. फिलहाल आरोपी के खिलाफ धारा 170, 419, 511 आईपीसी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.

 

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