दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) यानी CrPC में पुलिस की कार्य प्रणाली से जुड़ी प्रक्रिया के बारे में तो निर्देश मिलते ही हैं, साथ ही सीआरपीसी न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) से जुड़े कई शब्दों को परिभाषित करती नजर आती है. ऐसी ही है सीआरपीसी (CrPC) की धारा 8. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 8 (Section 8) है क्या? और इसमें क्या प्रावधान मिलते हैं?
सीआरपीसी की धारा 8 (CrPC Section 8)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 8 (Section 8) महानगर क्षेत्र (Metropolitan area) को परिभाषित करती नजर आती है. धारा 8 के अनुसार, राज्य को ऐसा नगर, उपनगर या नगरीय इलाका, जिसकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक है, तो राज्य सरकार अधिसूचना जारी कर उस इलाके को उसी दिन, उसी तारीख से महानगर माना जाएगा. इस धारा के वजूद में आने पर ही बंबई, कलकत्ता और मद्रास प्रेसिडेन्सी के नगर और अहमदाबाद नगर, उपधारा (1) के अधीन महानगर क्षेत्र माने और समझे जाएंगे.
राज्य सरकार अधिसूचना जारी कर महानगर क्षेत्र की सीमाओं को बढ़ा और घटा सकती है. या उसमें बदलाव कर सकती है, लेकिन ऐसी कमी या बदलाव इस प्रकार नहीं किया जाएगा कि उस क्षेत्र की जनसंख्या दस लाख से कम रह जाए.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.
परवेज़ सागर