India's Most Wanted: शाहिद लतीफ ही नहीं, 'अनजान कातिलों' के हाथों विदेशी जमीन पर मारे गए ये आतंकी और गैंगस्टर्स

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भारत के दुश्मन अनजान कातिलों के निशाने पर हैं. एक बाद एक आतंकी मारे जा रहे हैं. इन हत्याओं ने वहां जमे आतंकियों की नींद उड़ा रखी है. उनके बीच खलबली मची है. लेकिन अभी तक साफ नहीं है कि भारत के दुश्मनों का सफाया कौन कर रहा है?

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भारत के इन दुश्मनों का सफाया कौन कर रहा है, ये मिस्ट्री अभी तक अनसुलझी है भारत के इन दुश्मनों का सफाया कौन कर रहा है, ये मिस्ट्री अभी तक अनसुलझी है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST

भारत का मोस्ट वॉन्टेड शाहिद लतीफ पाकिस्तान में मारा गया. यह पहला मौका नहीं है, जब 'अंजान किलर' ने पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकी को ढेर किया है. इससे पहले लश्कर के आतंरी मुफ्ती कैसर फारूक की कराची में अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इससे पहले पाकिस्तान की जमीन पर खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़, एजाज अहमद अहंगर, बशीर अहमद पीर जैसे तमाम आतंकियों को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया.

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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भारत के दुश्मन अनजान कातिलों के निशाने पर हैं. एक बाद एक आतंकी मारे जा रहे हैं. इन हत्याओं ने वहां जमे आतंकियों की नींद उड़ा रखी है. उनके बीच खलबली मची है. लेकिन अभी तक साफ नहीं है कि भारत के दुश्मनों का सफाया कौन कर रहा है? लेकिन आतंकियों की सफाई जारी है.

06 मई 2023
इसी साल 6 मई को पाकिस्तान के लाहौर में गुमनाम क़ातिलों ने खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. खालिस्तानी आतंकी लंबे वक्त से पाकिस्तान में छिपा था. परमजीत पाकिस्तान के लाहौर में ही रहकर काम कर रहा था. वह पाकिस्तान में युवाओं के लिए हथियारों की ट्रेनिंग की व्यवस्था कर रहा था

20 फरवरी 2023 
उस दिन जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की पाकिस्तान में अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी. हिजबुल मुजाहिदीन के लॉन्चिंग कमांडर रहे बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम को रावलपिंडी में गोलियों से भून दिया गया था. 

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22 फरवरी, 2023
आतंक की किताब कहे जाने वाला एजाज अहमद अहंगर 22 फरवरी, 2023 को अफगानिस्तान के काबुल में मारा गया था. अनजान हमलावरों ने उसकी हत्या कर दी थी. वो भारत में इस्लामिक स्टेट (आईएस) को फिर से शुरू करना चाहता था. एजाज आतंकी संगठन अल कायदा के भी संपर्क में था. 

26 फरवरी, 2023
पाकिस्तान में अल बद्र के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अल बद्र एक कट्टरवादी संगठन है, जो कश्‍मीर में आतंकियों को ट्रेंड कराता था. सैयद खालिद रजा की कराची में उसके घर के बाहर ही अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. शूटर ने रजा के सिर पर गोली मारी थी. वह कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में सक्रिय था.

4 मार्च, 2023
भारत के वॉन्टेड आतंकवादियों की सूची में शामिल सैयद नूर शालोबर को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलियों से भूनकर मार डाला था. शालोबार पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का काम करता था और नए आतंकियों की फौज को ट्रेंड करता था.

इसी तरह से इसी साल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद से 130 किलोमीटर दूर रावलकोट की एक मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान आतंकी मोहम्मद रियाज की हत्या कर दी गई थी. एक अंजान हत्यारे ने उसके जिस्म को चार-चार गोलियां से छलनी कर दिया था.

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इसके अलावा कई ऐसे आतंकी और गैंगस्टर्स हैं, जो साल 2022-23 में भारत के बाहर यानी पाकिस्तान और कनाडा में मारे गए. एक नजर डालते हैं उन आतंकियों की लिस्ट पर- 

1- शाहिद लतीफ- जैश-ए-मोहम्मद, 10 अक्टूबर को पाकिस्तान में मर्डर

2- रियाज अहमद उर्फ अबु कासिम- PoK में सितम्बर में हत्या

3- हरदीप निज्जर- कनाडा में हत्या

4- बशीर अहमद पीर - 2023 में रावलपिंडी में हत्या, हिजबुल कमांडर

5- सैयद खालिद राजा, अल बदर का कमांडर, कराची में हत्या, 2023 में 

6- मिस्त्री जहुर इब्राहिम, जैश का आतंकी, कंधार प्लेन हाई जैक ने शामिल था, कराची में हत्या

7- परमजीत सिंह पंजवार, लाहौर में हत्या, खालिस्तानी आतंकी

8- लाल मोहम्मद, ISI एजेंट, दाऊद का करीबी, काठमांडू में 2022 में हत्या

9- 2021 में हाफिज सईद पर पाकिस्तान में हमला, बाल बाल बचा

10- मसूद अजहर पर 2019 में पाकिस्तान में हमला, बाल बाल बचा, पेशावर में मदरसे में हुआ था हमला

11- हाफिज के बेटे तलहा सईद पर पाकिस्तान में हमला, बाल बाल बचा

अब सवाल यह है कि क्या ये मामले अलग-अलग घटनाएं हैं या किसी बड़े पैटर्न का हिस्सा हैं? हाल की सुर्खियों पर करीब से नजर डालने पर इसी तरह की ट्रेंड का पता चलता है. अल-बद्र के कमांडर सैयद खालिद रजा और जैश-ए-मोहम्मद के मिस्त्री जहूर इब्राहिम को कराची में अलग-अलग हमलों में गोली मार दी गई. ये दोनों ही इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 184 के अपहरणकर्ताओं में से एक थे. खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह का भी लाहौर में ऐसा ही हश्र हुआ.

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20 सितंबर 2023, सुबह 9 बजकर 30 मिनट
हैजल्टन ड्राइव रोड, विनिपैग, कनाडा

देवेंद्र बंबीहा गैंग से जुड़े खालिस्तानी गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके कॉर्नर हाउस के फ्लैट नंबर 203 में दुबका हुआ था. लेकिन इसी बीच हमलावरों ने उसके घर पर धावा बोला और देखते ही देखते सुक्खा दुनुके के जिस्म में 9 गोलियां उतार दीं. और इसी के साथ भारत के खिलाफ साजिशें रचने वाले एक और गैंगस्टर का चैप्टर हमेशा-हमेशा के लिए क्लोज़ हो गया. दुकुने एक और खालिस्तानी गैंगस्टर अर्श डाला का राइट हैंड माना जाता था. वही अर्श डाला जिसने महज दो रोज पहले पंजाब के मोगा में कांगेस नेता बलजिंदर सिंह बल्ली का कनाडा से बैठे-बैठे कत्ल करवा दिया था. लेकिन इससे पहले कि डाला बल्ली की मौत का जश्न मना पाता, उसके दुश्मनों ने उसके खासमखास और राइट हैंड माने जाने वाले गैंगस्टर दुकुने को मार कर अपना हिसाब-किताब चुकता कर दिया.

हरदीप सिंह निज्जर
कनाडा के पीएम ने जिस खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर बयान जारी किया है, उसे बीते रविवार कनाडा में गोली मारी गई. घटना देश के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में गुरुद्वारे की पार्किंग में हुई थी. पुलिस ने हत्या की पुष्टि की. साथ ही बताया कि 45 साल के निज्जर को दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी है. उसे भारत सरकार की वांटेड लिस्ट में शामिल किया गया था. निज्जर पंजाब राज्य के जालंधर के भार सिंह पुरा गांव से था. भारत की तरफ से कहा गया था कि वो 'खालिस्तान टाइगर फोर्स' का सदस्य था. वो इस संगठन के संचालन, प्रशिक्षण और नेटवर्किंग से लेकर उसे वित्तीय सहायता प्रदान करने में भी सक्रिय रूप से काम कर रहा था.

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भारत में प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' ने साल 2020 में एक अभियान चलाया. इसमें खालिस्तान नाम के एक अलग देश की मांग की गई थी. इस ऑनलाइन अभियान का नाम 'सिख रेफरेंडम 2020' था. इसमें भी निज्जर शामिल रहा. जिसके बाद उसके गांव में उसकी जमीनों को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जब्त कर लिया. कनाडा और खालिस्तानियों का गहरा नाता किसी से छिपा नहीं है.

ऐसे में निज्जर साल 1997 में पहली बार कनाडा पहुंचा. शुरुआत में वो यहां प्लंबर के तौर पर काम करता था. इसके बाद 2013-2014 के बीच पाकिस्तान चला गया. यहां उसने खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख जगत सिंह तारा से मुलाकात की. भारत के खिलाफ साजिशें रचने वाले खालिस्तानी समर्थकों के साथ निज्जर का उठना बैठना था. वो पूरी तरह इन साजिशों में सक्रिय होकर काम भी कर रहा था.
 

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