गुजरातः दान के नाम पर चल रहा था रैकेट, 317 करोड़ की फेक करेंसी जब्त

गुजरात में पुलिस ने नकली नोटों का जखीरा बरामद किया है. दरअसल पुलिस ने कुछ दिनों पहले एक ट्रस्ट की एंबुलेंस से 25 करोड़ रुपये के नकली नोट बरामद किए थे. ड्राइवर से पूछताछ में पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हो गया. पुलिस ने इस केस में मास्टरमाइंड विकास जैन समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि 317 करोड़ रुपये की फेक करेंसी भी बरामद कर ली है.

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पुलिस ने फेक करेंसी के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है (फोटो-ANI) पुलिस ने फेक करेंसी के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है (फोटो-ANI)

संजय सिंह राठौर

  • सूरत,
  • 04 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

गुजरात के सूरत में कामरेज थाना पुलिस ने हाल ही में अहमदाबाद से मुंबई की तरफ जाने वाले हाईवे पर पारडी गांव के पास एक दीकरी एजुकेशन ट्रस्ट की एंबुलेंस को रोक कर उसमें से 25 करोड़ रुपये के नकली नोटों से भरे 6 बक्से बरामद किए थे. इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने अब बताया है कि 316 करोड़ 98 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए हैं. पुलिस ने नक़ली नोट के मामले के मास्टरमाइंड विकास जैन को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही करीब 317 करोड़ के नकली नोटों के मामले में कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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पुलिस ने हितेश परसोत्तम भाई कोटडिया, दिनेश लालजी भाई पोशिया, विपुल हरीश पटेल, विकास पदम चंद जैन, दीनानाथ रामनिवास यादव और अनुश वीरेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है.

सूरत रूरल एसपी हितेश जॉयसर ने बताया कि कामरेज थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर 29 सितंबर को जामनगर की एक दीकरी एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट की एंबुलेंस से 25 करोड़ रुपए के नकली नोट जब्त किए गए थे. पुलिस ने इस मामले में एंबुलेंस के चालक हितेश परशोत्तम भाई कोटड़िया को गिरफ्तार किया था. उसके बाद हितेश के घर से पुलिस ने 52 करोड़ रुपये के नकली नोट और बरामद हुए थे. 

हितेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि इस केस का मास्टरमाइंड विकास जैन है, जो मुंबई में रहता है. इसके बाद पुलिस ने मुंबई में वीआरएल लॉजिस्टिक आंगड़िया कंपनी के मालिक विकास जैन को गिरफ़्तार किया था. विकास ने पूछताछ में साथी आरोपियों के बारे में बताया. जिन्होंने दान करने के नाम पर लोगों से नकली नोटों के बहाने असली नोट लेकर धोखाधड़ी की थी.

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ऐसे करते थे धोखाधड़ी


एसपी हितेश जॉयसर ने बताया कि विकास जैन जब किसी व्यक्ति के साथ ट्रस्ट में दान करने के लिए डीलिंग करता था तो वह दान की रकम का 10 प्रतिशत एडवांस बुकिंग के रूप में ले लेता था. इस गैंग ने राजकोट के एक व्यापारी के पास से एक करोड़ से भी अधिक की ठगी का खुलासा किया है. 

एंबुलेंस के ड्राइवर ने किए थे कई खुलासे


वहीं, एंबुलेंस के ड्राइवर हितेश ने पुलिस को बताया था कि यह फिल्मों की शूटिंग में उपयोग होने वाले रुपए हैं. हितेश से पूछताछ में जैसे-जैसे खुलासे होते गए, वैसे-वैसे पुलिस कई लोगों तक पहुंचती गई. मास्टरमाइंड विकास जैन के देश के कई राज्यों में ऑफिस हैं और उन्हीं ऑफ़िसों के ज़रिए उसने ट्रस्ट का गलत तरीके से उपयोग कर नकली नोटों को असली नोट बताकर लाखों रुपए वसूल किए थे.

दिल्ली, मुंबई समेत कई जगह फैला था नेटवर्क


विकास जैन ने गुजरात में नहीं बल्कि, मुंबई, दिल्ली, इंदौर और बेंगलुरु में भी नेटवर्क खड़ा किया था. डीलिंग के दौरान आरोपी वीडियो कॉल करते थे और वीडियो कॉल में नक़ली नोट बता कर सामने वाले को विश्वास में लेते थे. जांच में पुलिस के साथ बैंकर्स और आरबीआई की टीम भी मॉनिटरिंग कर रही है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जनवरी में उत्तर भारत से 500 करोड़ मंगाए थे. पुलिस ने 2000 और 500 की नई नोटों के साथ प्रतिबंध 1000 और 500 रुपये के नोट भी बरामद किए हैं. 

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