गुजरात एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने रविवार को राजस्थान के भिवाड़ी में बड़ी कार्रवाई करते हुए साइकोट्रॉपिक ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का खुलासा किया है. यह संयुक्त छापेमारी APL फार्मा में की गई, जो RIICO औद्योगिक क्षेत्र कहारानी में स्थित है. यह इलाका भिवाड़ी फेज-3 (UIT) सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है.
इस ऑपरेशन को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया. ATS की इस कार्रवाई को ड्रग्स नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है. जांच एजेंसियों को लंबे समय से इस फैक्ट्री की गतिविधियों पर शक था. आखिरकार पुख्ता सूचना के आधार पर रेड की गई.
राजस्थान SOG और स्थानीय पुलिस का सहयोग
इस पूरे ऑपरेशन को गुजरात ATS ने राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), जयपुर और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अंजाम दिया. तीनों एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला. संयुक्त टीम ने फैक्ट्री परिसर को चारों तरफ से घेरकर तलाशी शुरू की. ऑपरेशन के दौरान किसी तरह की अव्यवस्था न हो, इसके लिए स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाया. ATS और SOG की टीमों ने अंदर मौजूद कच्चे माल और उपकरणों की बारीकी से जांच की. यह कार्रवाई कई घंटों तक चली. अंत में बड़े पैमाने पर अवैध सामग्री बरामद की गई.
अवैध गतिविधियों का खुलासा
छापेमारी APL फार्मा, प्लॉट नंबर H1/13(D), RIICO इंडस्ट्रियल एरिया कहारानी में की गई. जांच में सामने आया कि यहां अवैध रूप से साइकोट्रॉपिक ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा था. फैक्ट्री के अंदर केमिकल प्रोसेसिंग से जुड़े उपकरण मौजूद थे. मौके पर से अर्ध-तैयार ड्रग्स और केमिकल्स बरामद किए गए. प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह यूनिट लंबे समय से सक्रिय थी. ड्रग्स को आगे सप्लाई करने की भी तैयारी थी. एजेंसियां अब इसके नेटवर्क की जांच कर रही हैं.
तीन मुख्य आरोपी मौके से गिरफ्तार
संयुक्त टीम ने मौके से तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान अंशुल अनिलकुमार शास्त्री, अखिलेश कुमार पारसनाथ मौर्य और कृष्ण कुमार यादव के रूप में हुई है. इनके साथ तीन मजदूरों को भी हिरासत में लिया गया है. सभी आरोपियों से मौके पर ही पूछताछ शुरू की गई. प्रारंभिक पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है. एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि यह लोग कब से फैक्ट्री चला रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों को आगे की जांच के लिए रिमांड पर लिया जाएगा.
साइकोट्रॉपिक ड्रग्स की बरामदगी
छापेमारी के दौरान अवैध रूप से निर्मित साइकोट्रॉपिक ड्रग्स की कुल मात्रा 22 किलोग्राम पाई गई. इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी को जांच एजेंसियां गंभीर मान रही हैं. यह ड्रग्स बाजार में पहुंचती तो युवाओं के लिए बड़ा खतरा बन सकती थी. बरामद सामग्री को जब्त कर सुरक्षित रखा गया है. फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे. इससे यह स्पष्ट होगा कि ड्रग्स किस स्तर की और किस उपयोग के लिए बनाई जा रही थी. जांच एजेंसियां इसकी सप्लाई चेन भी खंगाल रही हैं.
अल्प्राज़ोलम बनाने के रसायन भी जब्त
रेड के दौरान अल्प्राज़ोलम बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्रीकर्सर केमिकल और अर्ध-संसाधित इंटरमीडिएट पदार्थ भी बरामद किए गए. यह केमिकल्स आमतौर पर नियंत्रित श्रेणी में आते हैं. इनके अवैध इस्तेमाल पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. एजेंसियों का मानना है कि यहां बड़े स्तर पर अल्प्राज़ोलम का निर्माण किया जा रहा था. केमिकल्स की मात्रा और मशीनरी इस ओर इशारा करती है. अब यह भी जांच की जा रही है कि ये रसायन कहां से मंगाए गए थे.
ड्रग्स नेटवर्क पर शिकंजा
गुजरात ATS और राजस्थान पुलिस की यह कार्रवाई ड्रग्स माफिया के खिलाफ बड़ा संदेश मानी जा रही है. एजेंसियां अब इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई हैं. आरोपियों के मोबाइल, दस्तावेज और डिजिटल डेटा की जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि इस फैक्ट्री का कनेक्शन अंतरराज्यीय ड्रग्स नेटवर्क से हो सकता है. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं. ATS ने साफ किया है कि ड्रग्स के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा. कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ब्रिजेश दोशी