दिल्लीः लाश के नाम पर मिले जले हुए दो पैर, बच्ची के साथ रेप हुआ या नहीं? कैसे पता लगाएगी पुलिस

अब ये समझने की ज़रूरत है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच किस दिशा में जा रही है. दरअसल, इस केस में चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने मौका-ए-वारदात की दोबारा जांच के लिए देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई और सीएफएसएल टीम की मदद ली है.

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जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक बच्ची की लाश जल चुकी थी जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक बच्ची की लाश जल चुकी थी

तनसीम हैदर / अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST
  • 1 अगस्त की है दिल दहला देने वाली वारदात
  • श्मसान के वाटर कूलर से ठंडा पानी लेने गई थी बच्ची
  • अब मामले की जांच क्राइम ब्रांच के हवाले

दिल्ली के कैंट इलाके में 9 साल की बच्ची के कत्ल और रेप का मामला पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है. पुलिस उसकी मौत की वजह तलाश कर रही है. पुलिस पता लगाना चाहती है कि बच्ची के साथ रेप हुआ था या नहीं? लेकिन इस केस में सबसे बड़ी मुश्किल यह है पुलिस के पास जांच के नाम पर केवल चिता से निकले हुए बच्ची के दो पैर हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि मात्र जले हुए पैरों से पुलिस कैसे पता लगाएगी कि ये मामला रेप के बाद कत्ल का है या नहीं? 

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अब ये समझने की ज़रूरत है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच किस दिशा में जा रही है. दरअसल, इस केस में चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने मौका-ए-वारदात की दोबारा जांच के लिए देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई और सीएफएसएल टीम की मदद ली है. दिल्ली पुलिस सीएफएसएल की टीम के साथ मौके पहुंची और छानबीन की.

फोरेंसिक टीम ने सबसे पहले आरोपी पुजारी पंडित राधेश्याम के कमरे की गहन जांच की. उसके बिस्तर पर बिछी हुई चादर, तकिए और उसके पहने गए कपड़ों को जांच के लिए सीज़ कर लिया गया है. सीएफएसएल की टीम डीएनए प्रोफाइलिंग और माइक्रो साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन के जरिए आरोपी के कमरे की चादर और तकिए पर किसी भी तरह से खून के निशान, वीर्य के निशान, शरीर के रोएं और बालों की मौजूदगी का पता लगाएगी.

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साथ ही दिल्ली पुलिस जल्द ही चारों आरोपियों के खून की जांच के लिए नमूने भी लेगी. ताकि उनके डीएनए जांच की जा सके. शुरुआती जांच में इलेक्ट्रिशयन टीम ने वाटर कूलर का मुआयना किया तो मशीन में शार्ट-सर्किट होना पाया गया. अब दिल्ली पुलिस इस वाटर कूलर मशीन को सीज़ करके फॉरेंसिक एग्जामिनेशन के लिए भेज रही है. इस मशीन पर फिंगरप्रिंट मिलने की संभावनाएं भी हैं. 

क्योंकि यह मामला बेहद उलझा हुआ है, लिहाजा दिल्ली पुलिस जल्द ही आरोपियों का पॉलीग्राफ और नार्को एनालिसिस टेस्ट कराएगी. इसके लिए पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेगी. गौरतलब है कि ऐसा टेस्ट कराने के लिए दिल्ली पुलिस को अदालत और अभियुक्त की इजाजत लेनी पड़ेगी. इन सब टेस्ट के बाद ही इस मामले की असलियत सामने आ सकती है.

जांच क्राइम ब्रांच के हवाले
उधर, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे त्वरित सुनवाई और और वैज्ञानिक जांच के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दिया गया है. दिल्ली कैंट थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 261/21 की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी. 

 

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