बाहुबली अनंत सिंह से नजदीकी, अपहरण में नाम... ऐसे हैं बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह

हैरानी की बात ये है कि अपहरण के मामले में वॉन्टेड कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट निकला हुआ है और वो कोर्ट में पेश भी नहीं हुए. इसके बावजूद उन्हें कानून मंत्री जैसे अहम पद की जिम्मेदारी दे दी गई है.

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अनंत सिंह और कार्तिकेय सिंह अपहरण के एक मामले में आरोपित हैं अनंत सिंह और कार्तिकेय सिंह अपहरण के एक मामले में आरोपित हैं

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

बिहार के नए कानून मंत्री (Law Minister) और आरजेडी एमएलसी (RJD MLC) कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) को लेकर सूबे की सियासत में बवाल मचा हुआ है. हैरानी की बात ये है कि अपहरण के मामले में वॉन्टेड कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट निकला हुआ है और वो कोर्ट में पेश भी नहीं हुए. इसके बावजूद उन्हें कानून मंत्री जैसे अहम पद की जिम्मेदारी दे दी गई है. आखिर कौन है कार्तिकेय सिंह? मोकामा के बाहुबली डॉन अनंत सिंह से क्या है उनका कनेक्शन? आइए जानते हैं इस बारे में..

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कौन है कार्तिकेय सिंह?

कार्तिकेय सिंह ने मोकामा के रुद्रावती हाई स्कूल से 1980 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. फिर कार्तिकेय ने इंटर पास किया. 1985 में मोकामा से ही उन्होंने बीए पास किया था. उनका परिवार खेती और कारोबार से जुड़ा रहा. इस दौरान वो समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़े रहे. साल 2020 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले थे, तो वह राजद में शामिल हो गए. हाल ही में वो आरजेडी कोटे से विधान परिषद के सदस्य (MLC) चुने गए. 16 अगस्त 2022 को बिहार की नई गठबंधन सरकार में नीतीश ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर कानून विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी. इसी बात पर विपक्ष ने हमला बोल दिया.

कार्तिकेय से जुड़े विवाद और अपराध

बवाल इसलिए हो रहा है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ पटना के कोतवाली थाना समेत मोकामा और बिहटा में कई अपराधिक मामले दर्ज बताये जाते हैं. असली वजह ये कि कार्तिकेय सिंह को बिहार के बाहुबली नेता और माफिया डॉन अनंत सिंह का दायां हाथ माना जाता है. कार्तिकेय सिंह का नाम साल 2014 में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह के अपहरण मामले में आया था. जिसमें वह अनंत के साथ आरोपी हैं. इस मामले में उनके खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद वो अभी तक ना तो कोर्ट में पेश हुए और ना ही सरेंडर किया. यहां तक कि उन्होंने अभी तक जमानत के लिए अर्जी भी नहीं लगाई है. कार्तिकेय सिंह के खिलाफ बिहटा थाना क्षेत्र में मुकदमा अपराध संख्या 859/2014 दर्ज है.

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बवाल के बाद कार्तिकेय की सफाई

जानकारी के मुताबिक अपहरण के इस मामले में कार्तिकेय सिंह को 16 अगस्त के दिन अदालत के समक्ष पेश होना था. क्योंकि उनके खिलाफ पहले ही वारंट जारी हो चुका है. लेकिन कार्तिकेय कोर्ट में पेश होने के बजाय मंगलवार को राजभवन में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. कार्तिकेय सिंह ने अपनी सफाई देते हुए खुद को बेकसूर करार दिया है. उनका कहना है कि जिस अपहरण कांड में उन्हें फरार मुल्जिम बताया जा रहा है, वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. कार्तिकेय का दावा है कि इस केस में अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से छूट दे रखी है.

कार्तिकेय सिंह को मोकामा के डॉन अनंत सिंह का खास माना जाता है. बताया जाता हैं जेल बंद अनंत सिंह का सारा कामकाज कार्तिकेय सिंह ही संभालते थे और वो अनंत सिंह ही थे, जिन्होंने कार्तिकेय सिंह को विधान पार्षद का चुनाव जितवाया था. कार्तिकेय सिंह को लोग अनंत सिंह के मास्टर के तौर पर भी जानते हैं. 

बाहुबली अनंत सिंह से जुड़े अपराध और विवाद!

साल 2004 में बिहार एसटीएफ ने मोकामा में अनंत सिंह के आवास पर छापेमारी की थी. तब घंटों गोलीबारी हुई थी. एक जवान और अनंत सिंह के आठ लोग भी मारे गए. गोली अनंत सिंह को भी लगी लेकिन वे बचकर निकल गए. गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी.

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जब साल 2005 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो उनके और अनंत के बीच बड़े और छोटे का रिश्ता चल रहा था. लेकिन साल 2007 में एक महिला से दुष्कर्म और हत्या के मामले में अनंत सिंह का नाम सामने आया. जब इस बारे में एक निजी चैनल के पत्रकार उनसे बात करने पहुंचे तो उनके समर्थकों ने पत्रकारों की जमकर पिटाई की और बंधक बनाकर रखा. मामले ने तूल पकड़ा और विधायक की गिरफ्तारी भी हुई लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली.

अनंत की खौफ कथा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री थे, तो अनंत ने उन्हें खुलेआम धमकाया था. अनंत ने नीतीश सरकार में मंत्री रहीं परवीन अमानुल्लाह को भी धमकी दी थी. उनका एके-47 लहराते हुए एक वीडियो भी वायरल हो चुका है.

इन सबकी वजह से नीतीश पर अनंत सिंह बोझ बनते जा रहे थे. इन सबके बीच साल 17 जून 2015 को अनंत सिंह के परिवार की किसी महिला को बाढ़ के बाजार में चार युवकों ने छेड़ दिया. इसको लेकर काफी हंगामा हुआ. आरोप है कि अनंत सिंह के इशारे पर उनके गुर्गों ने चारों युवकों को अगवा कर लिया. जिनमें से एक युवक की दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई थी. अगले दिन उसका शव जंगल में पड़ा मिला था.

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इस मामले में अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था. मामले में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था और बाकी तीनों अपहृत युवकों को भी बरामद कर लिया था. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया था कि विधायक ने चारों युवकों को सबक सिखाने का आदेश दिया था, लेकिन वे बाकी युवकों को मारते इससे पहले ही पुलिस वहां पहुंच गई.

विधायक बनने के पांच साल बाद ही अनंत सिंह की संपत्ति कई गुना बढ़ गई है. 2005 में अनंत सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे में 3.40 लाख रुपये की मामूली संपत्ति होने की घोषणा की थी, जो 2010 में बढ़कर 38.84 लाख रुपये तक पहुंच गई. अब तक सार्वजनिक तौर पर ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि उनसे कभी इस दुर्लभ तरीके से और तत्काल अमीर बनने के बारे में कोई सवाल किया गया हो.

2007 में जानवरों के मेले में वह लालू यादव का घोड़ा लेकर पहुंचे थे. अनंत सिंह को पता था कि लालू उन्हें अपना घोड़ा नहीं बेचेंगे, इसलिए उन्होंने किसी और के जरिए घोड़ा खरीदा था. अजगर पालने जैसी अपनी सनक के लिए चर्चित ये विधायक महोदय पहले भी कई विवादों में फंस चुके हैं. मसलन, दूसरे की मर्सिडीज का मनमाने ढंग से दबावपूर्वक इस्तेमाल करना या फिर एक कार्यक्रम के दौरान हवाई फायरिंग करना भी उनके रिकॉर्ड में दर्ज है.

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बाढ़ में अनंत सिंह के पैतृक घर में 16 अगस्त 2019 को पुलिस ने छापेमारी की थी. उनके घर से एक एके 47 राइफल, दो हैंड ग्रेनेड, मैगजीन में भरे हुए 26 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे. इस मामले में उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में विधायक अनंत सिंह ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर किया था.

 

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