एंटीलिया केसः केमिकल एनालिसिस रिपोर्ट में खुलासा, मनसुख हिरेन के शरीर में नहीं मिला कोई ज़हर

केमिकल एनालिसिस का मकसद यह पता लगाना था कि मनसुख को किसी तरह का कोई जहर तो नहीं दिया गया था. और उसे मारने के बाद पानी में फेंका गया था या फिर ज़िंदा? रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा कर दिया है.

Advertisement
मनसुख हिरेन की लाश मुंब्रा क्रीक से 5 मार्च को बरामद की गई थी मनसुख हिरेन की लाश मुंब्रा क्रीक से 5 मार्च को बरामद की गई थी

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 09 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 4:37 PM IST
  • मुंब्रा क्रीक से मिली थी मनसुख हिरेन की लाश
  • हत्या से पहले हिरेन के साथ की गई थी मारपीट
  • पोस्टमार्टम के दौरान शरीर पर मिले थे चोट के निशान

मुंबई में एंटीलिया के बाहर मिली स्कॉर्पियो कार के मालिक मनसुख हिरेन की लाश की केमिकल एनालिसिस कराया गया था. जिसकी रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मनसुख हिरेन के शरीर में किसी तरह का कोई ज़हर नहीं था. इससे पहले जानकारी मिली थी कि मौत से पहले मनसुख हिरेन को बुरी तरह से मारा पीटा गया था. जब आरोपियों ने मनसुख हिरेन को समंदर में फेंका था, तब उसकी सांसें चल रही थी. यानी वो ज़िंदा थे. 

Advertisement

केमिकल एनालिसिस का मकसद यह पता लगाना था कि मनसुख को किसी तरह का कोई जहर तो नहीं दिया गया था. और उसे मारने के बाद पानी में फेंका गया था या फिर ज़िंदा? रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा कर दिया है. ग्रांट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में किए गए डायटम टेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मनसुख हिरेन जब पानी के संपर्क में आए, तब वो ज़िंदा थे. दरअसल, किसी मुर्दा शख्स को जब पानी में फेंका जाता है, तो पानी उसके फेफड़े, ख़ून या बोन मैरो में नहीं जाता. 

लेकिन मनसुख हिरेन के बोन मैरो में डायटम मिले हैं, जो मुंब्रा क्रीक के पानी से मैच करते हैं. मनसुख हिरेन की लाश 5 मार्च की सुबह मुंब्रा क्रीक में मिली थी. उसकी लाश के साथ पांच रूमाल भी थे, जो उसके मुंह पर बंधे हुए थे. साथ ही एक स्कार्फ भी मिला था. इसी सिलसिले में एटीएस की टीम केमिकल एनालिसिस की रिपोर्ट पर दोबारा राय लेने की बात की थी. इसके लिए उस रिपोर्ट को हरियाणा की मधुबन फॉरेंसिक लैब में भेजा गया था. 

Advertisement

एटीएस की टीम उन तमाम लोगों से भी पूछताछ की थी, जिन्होंने 5 मार्च को आखरी बार मनसुख हिरेन को देखा था. अब मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच भी एनआईए कर रही है. 

मनसुख हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा
हिरेन के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि "दाहिने इलिए फोसा (कूल्हे की हड्डी) पर नीला काला रंग. पेट फूला हुआ. आंखें बाहर निकली हुईं. चेहरा काला. बाएं कंधे के ऊपर चोट के निशान. सड़ते हुए शव की नाक से द्रव्य निकलता हुआ."  उनके शव को ठाणे पुलिस 5 मार्च को कलवा में छत्रपति शिवाजी महाराज हॉस्पिटल ले गई थी. पीएम रिपोर्ट की कॉपी के मुताबिक हिरेन का शव गलने लगा था. उसका मुंह और आंखें बंद थीं, जबान मुंह के भीतर थी. शरीर पर कई जगह मिट्टी लगी हुई थी. नाखून काले पड़ गए थे. 

पोस्टमार्टम के दौरान सीने के दाहिनी ओर तीन चीरे और निचले होठ के नीचे एक चीरा लगाया गया और फिर उन्हें सिल दिया गया. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाएं गाल, नाक और दाएं गाल के साथ ही दाहिनी ओर दांत से लेकर थुड्डी तक और दाईं आंख लेकर कनपटी तक घिसटने के निशान थे. उनका मस्तिष्क पुलपुला था और उसकी झिल्ली सही थी. छोटी और बड़ी आंत में सड़न की वजह से गैस भरी थी, यकृत और अग्नेयाशय सही थे. लेकिन सड़ने की वजह से पुलपुले हो गए थे. 

Advertisement

छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया था कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता चलता है कि हिरेन को बेरहमी से मारने से पहले बहुत यातना दी गई थी. जबान में मुंह में होने से संकेत मिलता है कि उनका गला नहीं घोटा गया. उनके चेहरे पर खरोश के निशान से पता चलता है कि बड़ी कद काठी के हिरेन ने अपने हत्यारों के साथ हाथापाई की होगी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement