एंटीलिया केस: सचिन वाजे को सेशन कोर्ट ने 25 मार्च तक NIA की हिरासत में भेजा

मुंबई पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस इनोवा कार को एनआईए ने सीज किया है वो मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की है. एनआईए की तरफ से CIU के जिन चार लोगों को जांच के लिए बुलाया है उनमें से दो ड्राइवर हैं और दो अफसर हैं.

Advertisement
एंटीलिया मामले की जांच NIA कर रही है.(सांकेतिक तस्वीर) एंटीलिया मामले की जांच NIA कर रही है.(सांकेतिक तस्वीर)

मुस्तफा शेख

  • मुंबई,
  • 14 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST
  • API रियाज काजी से NIA कर रही पूछताछ
  • सभी चार सदस्य सचिन वाजे की टीम के
  • सेशन कोर्ट ने वाजे को 25 मार्च तक NIA की कस्टडी में भेजा

एंटीलिया मामले में मुंबई पुलिस अफसर सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद उन्हेें सेशन कोर्ट में पेश किया गया. जहां उन्हें कोर्ट ने 25 मार्च तक NIA की कस्टडी में भेज दिया है. इससे पहले ठाणे की अदालत ने सचिन वाजे को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. 

रविवार को ही मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के चार और सदस्य एनआईए दफ्तर पहुंचे. यह सभी उस टीम के सदस्य हैं जिसका नेतृत्व सचिन वाजे कर रहे थे. मुुंबई पुलिस (CIU) के एपीआई रियाज काजी से फिलहाल एनआईए पूछताछ कर रही है. काजी मुंबई पुलिस में सचिन वाजे के अंडर में काम करते हैं.

Advertisement

मुंबई पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस इनोवा कार को एनआईए ने सीज किया है वो मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की है. एनआईए की तरफ से CIU के जिन चार लोगों को जांच के लिए बुलाया है उनमें से दो ड्राइवर हैं और दो अफसर हैं. इससे पहले  NIA के अधिकारियों ने 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सचिन वाजे को गिरफ्तार किया था. 

NIA ने सचिन वाजे को केस आरसी संख्या 01/2021/NIA/MUM के तहत आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 B और Explosive Substances Act 1908 की धारा 4(a)(b)(I) के तहत गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने वाजे के खिलाफ जालसाजी, विस्फोटक पदार्थों के साथ लापरवाही बरतने, नकली मुहर बनाने और आपराधिक धमकी देने को लेकर मामला दर्ज किया है.

गौरतलब है कि वाजे की गिरफ्तारी के बाद से महाराष्ट्र में  सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी ने वाजे पर कार्रवाई में हुई देरी को लेकर शिवसेना पर सवाल उठा रहा है. वहीं शिवसेना ने सवाल किया है कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के पास मनुसख हिरने के मामले की अहम जानकारियां कैसे पहुंची. सामना के आर्टिकल में सांसद संजय राउत ने इसे उद्धव सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं बताया है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement