'VIP' फोन नंबर दिलाने के बहाने MP, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल के 500 लोगों से ठगे 3 करोड़

मध्य प्रदेश के जबलपुर (MP Jabalpur) में 'VIP' फोन नंबर दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. यह गैंग लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर उन्हें फंसाता था. इसके बाद खाते में पैसा ट्रांसफर करवा लेता था. पुलिस ने 3 आरोपियों को पकड़ा है. उनसे पूछताछ की जा रही है.

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'वीआईपी' फोन नंबर दिलाने के बहाने 500 लोगों से ठगे 3 करोड़. (Representative image) 'वीआईपी' फोन नंबर दिलाने के बहाने 500 लोगों से ठगे 3 करोड़. (Representative image)

aajtak.in

  • जबलपुर,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:22 PM IST
  • जबलपुर पुलिस ने दिया कार्रवाई को अंजाम
  • आरोपियों से पूछताछ कर रही पुलिस

जबलपुर पुलिस (Jabalpur Police) ने विभिन्न राज्यों में करीब 500 लोगों को 'VIP Phone Numbers' दिलाने के बहाने ठगी करने वाले 3 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है. बताया जा रहा है कि इन आरोपियों ने लोगों से तीन करोड़ रुपये की ठगी की है. इस मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी दी.

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एजेंसी के अनुसार, जबलपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल के लोगों के साथ इन आरोपियों ने ठगी की है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 28 वर्षीय शुभम राय उर्फ ​​शिवम, 57 वर्षीय अशोक तीर्थानी उर्फ ​​केक्का और 44 वर्षीय दिलीप कुकरेजा के रूप में हुई है. एसपी ने कहा कि मुंबई निवासी रवि मिश्रा वांछित आरोपी था.

मोबाइल पर मैसेज भेजकर लोगों को फंसाते थे ठग

स्थानीय निवासी हरजिंदर सिंह ने गोरखपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके रिश्तेदार हरविंदर को 2 फरवरी को एक मैसेज मिल था. इसमें 49,999 रुपये में एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी का 'वीआईपी' या 'वैनिटी' फोन नंबर दिलाने की बात कही गई थी. इसके बाद हरविंदर को एक फोन आया, उसने खुद को टेलीकॉम कंपनी का एजेंट बताया और उसे 41,300 रुपये में वीआईपी सिम कार्ड देने की पेशकश की. कॉलर ने भुगतान करने के लिए बैंक खाते की डिटेल भी दी.

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इसके बाद हरविंदर ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन वादे के मुताबिक सिम कार्ड नहीं मिला. एसपी ने बताया कि जांच में पता चला है कि पैसा अशोक तीर्थानी के बैंक खाते में गया था. इस मामले में तीर्थानी को गिरफ्तार कर लिया गया, उससे पूछताछ करने पर पुलिस दिलीप कुकरेजा और शुभम राय तक पहुंच गई. राय को इससे पहले 2017 में उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.

डेबिट कार्ड, चेक बुक, आधार, मोबाइल बरामद

एसपी ने कहा कि धोखाधड़ी की इस राशि में से कुछ हिस्सा शुभम राय के मुंबई स्थित दोस्त रवि मिश्रा को दी गई. राय और मिश्रा ने 2007 से 2012 के बीच मुंबई में फिल्म सिटी में साथ काम किया था. आरोपी ने पैसा इकट्ठा करने के लिए 52 बैंक खातों का इस्तेमाल किया. पुलिस ने आरोपियों के पास से बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज, सात डेबिट कार्ड, चेक बुक, आधार कार्ड, आठ मोबाइल फोन और एक दोपहिया वाहन समेत अन्य चीजें जब्त की हैं. एसपी ने कहा कि आगे की जांच जारी है.

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