अगर आप बेरोजगार हैं और नौकरी के लिए चौराहों पर चस्पा हुए इश्तेहारों को देखकर फोन कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि हो सकता है कि वह एक इश्तेहार आपको ठगी का शिकार बना दे. जी हां, ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया से आया है जहां एक ब्रांडेड कंपनी के नाम पर फर्जी व्यक्ति के जरिए इंटरव्यू किया जा रहा था. ब्रांडेड कंपनी में रजिस्ट्रेशन के नाम पर आठ सौ पचास रुपये की रसीद कटवाई जा रही थी. इसके बाद और भी रुपयों की मांग की जाती थी.
एक पीड़ित की शिकायत पर साइबर सेल के दो सिपाही भी इंटरव्यू देने पहुंचे और इस तरह गैंग का भंडाफोड़ हुआ. इस मामले में गोरखपुर जिले का एक तथाकथित डायरेक्टर विनय पासवान गिरफ्तार हुआ है. उसके पास से पुलिस ने 25 हजार कैश, ऑफर लेटर, दो लैपटॉप, मोबाइल, सिम बरामद किए हैं.
जांच में यह पता चला कि गोरखपुर के थाना खोराबार के रहने वाले विनय पासवान नाम के युवक ने देवरिया जिले के रुद्रपुर कस्बे में एक फर्जी ऑफिस खोल रखा है. जहां वह ब्रांडेड कम्पनियों के नाम पर बेरोजगार युवकों को गुमराह कर पैसे ऐंठता था. वह अलग-अलग इलाकों में फर्जी इश्तेहार, पम्पलेट और बैनर लगवाता था.
साथ ही उसमें अपना मोबाइल नम्बर देता था. वह कई कंपनियों के विभिन्न पदों के लिए आवेदन के लिए इश्तेहार देता था. फिर जब कोई फोन करता है तो वह उसके इंटरव्यू के लिए साढ़े आठ सौ रुपये की रसीद काटता था और ट्रेनिंग लेटर देता था. उससे बाद में और भी अधिक पैसे की मांग करता था. आरोपी का कुशीनगर गोरखपुर में भी ऑफिस है. पुलिस इसके अन्य साथियों की तलाश कर रही है.
सिपाही दीपक सोनी ने बताया कि एक इश्तेहार देकर नंबर लिखकर चस्पा किया गया था. हमने उस नबंर पर फोन किया कि हम बेरोजगार हैं, नौकरी चाहिए तो उधर से जबाव आया कि इंटरव्यू देना पड़ेगा. इसके बाद उन लोगों ने हमें रुद्रपुर बस स्टेशन पर बुलाया और हमारे डॉक्युमेंट्स देखे और बोले ठीक है. साथ ही कहा कि साढ़े आठ सौ रुपये की रसीद कटेगी फिर उन्होंने रसीद काटी. पैसे लेकर और ट्रेनिंग लेटर दिया. फिर कहा गया कि जब बुलाया जाएगा तो आपलोग आ जाना.
एसपी डॉक्टर श्रीपति मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो फर्जी तरीके से नामी कंपनी के लिए फर्जी रिक्रूटमेंट कर रहे थे. इन्होंने पैम्फलेट छपवाकर बैनर भी लगवाए थे. इसमें विभिन्न पदों पर आवदेन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. इसके बाद दो सिपाहियों को बेरोजगार बनाकर भेजा गया. इसमें पूरे मामले का खुलासा हो गया. छानबीन की गई तो पता चला कि आरोपी विभिन्न कंपनियों के फेक आईडी बनाकर क्लेम किया जा रहा था कि इसका उन कंपनियों से टाईअप है. जबकि पूरा फ्रॉड है, इस कंपनी का तथाकथित डाइरेक्टर रुद्रपुर से गिरफ्तार हुआ है. इसके साथियों की तलाश की जा रही है. आरोपी के पास से भारी मात्रा में पैम्फलेट, बैनर, दो लैपटॉप, मोबाइल सिम बरामद हुआ है. 25 हजार रुपये से अधिक बरामद हुआ है जो ये रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसे लेते थे. इनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.