झारखंड: गर्भ में पल रही बच्ची का पता चलते ही कराया अबॉर्शन, महिला की हुई मौत

कोडरमा में जब एक महिला को अल्ट्रासाउंड से यह पता चला कि उसके पेट में बेटा नहीं बल्कि बेटी पल रही है. तो उसने अबॉर्शन कराया. लेकिन ज्यादा खून निकलने के कारण महिला की मौत हो गई. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है.

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(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)

सत्यजीत कुमार

  • कोडरमा,
  • 12 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:56 AM IST
  • बेटे की चाहत में महिला ने कराया गर्भपात
  • अबॉर्शन के बाद हालत बिगड़ी, हुई मौत

झारखंड के कोडरमा से एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने बेटे की चाहत में अल्ट्रासाउंड कराया तो उसे पता चला कि उसके कोख में बच्ची पल रही है. फिर महिला ने गर्भपात कराया. जिसमें महिला की जान चली गई. बताया जा रहा है कि अबॉर्शन के दौरान महिला का खून ज्यादा निकल गया जिससे उसकी मौत हो गई.

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यह मामला जयनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत स्टेशन रोड परसाबाद में संचालित नेहा क्लीनिक का है. घटना की सूचना मिलते ही कोडरमा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू की. बताया जा रहा है कि महिला बरही थाना क्षेत्र के शिवपुर की रहने वाली थी और उसकी पहले से दो बेटियां हैं. 

मायका पक्ष का आरोप- ससुराल वालों ने जबरन कराया अल्ट्रासाउंड

महिला के मायके वालों का कहना है कि बेटे की चाहत में ससुराल वालों ने उनकी बेटी का जबरन अल्ट्रासाउंड कराया. जिससे पता चला कि उसके गर्भ में बच्ची पल रही है. बताया जा रहा है कि महिला अपने परिजनों के साथ गर्भपात कराने 9 मार्च को नेहा क्लीनिक पहुंची थी.

अस्पताल के डॉक्टर व संचालक डॉक्टर अफताब अंसारी ने यह गर्भपात कराया. सर्जरी के दौरान ब्लिडिंग नहीं रुकी जिससे महिला की स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती चली गई. इसके बाद महिला को रेफर कर दिया. शुक्रवार सुबह परिजन महिला को लेकर आनन-फानन में सदर अस्पताल पहुंचे. जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. 

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वहीं इस मामले पर डॉक्टर अफताब अंसारी ने महिला के अबॉर्शन की बात को माना. साथ ही उन्होंने कहा कि महिला के परिवार वालों के कहने पर उन्हें अबॉर्शन करना पड़ा. कोडरमा अल्ट्रासाउंड और गर्भ में पल रहे भ्रूण की लिंग जांच करना खुलेआम चल रहा है. कुछ समय पहले एसडीओ मनीष कुमार के नेतृत्व में कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर छापेमारी की गई थी. बावजूद इसके गर्भ में पल रहे भ्रूण की लिंग जांच करना खुलेआम जारी है. 

(इनपुट-बिश्वजीत कुंदन)

 

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