UPTET Paper Leak: पेपर छापने वाली कंपनी का मालिक और उसको ठेका देने वाला गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ ने शिक्षक पात्रता परीक्षा मामले में मंगलवार को जहां पेपर छापने का ठेका लेने वाली कंपनी r.s.m. finserv ltd के मालिक राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया तो वहीं बुधवार को एसटीएफ ने सचिव शिक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

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पेपर छापने वाली कंपनी का मालिक और उसको ठेका देने वाला गिरफ्तार ( सांकेतिक फोटो) पेपर छापने वाली कंपनी का मालिक और उसको ठेका देने वाला गिरफ्तार ( सांकेतिक फोटो)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 01 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST
  • पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई
  • पेपर छापने वाली कंपनी का मालिक और उसको ठेका देने वाला गिरफ्तार

यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में 2 दिनों तक सॉल्वर और सॉल्वर गैंग सरगना से पूछताछ के बाद यूपी एसटीएफ ने बड़ी मछलियों को पकड़ना शुरू कर दिया है. यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में पेपर छापने वाली कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ ने शिक्षा विभाग के उस अफसर को भी गिरफ्तार कर लिया जिसने ऐसी कंपनी को पेपर छापने का ठेका दिया जो मानकों को पूरा ही नहीं कर रही थी. जिसके पास टीईटी जैसी परीक्षा का पेपर छापने का अनुभव भी नहीं था.

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पेपर लीक मामले में दो गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ ने शिक्षक पात्रता परीक्षा मामले में मंगलवार को जहां पेपर छापने का ठेका लेने वाली कंपनी r.s.m. finserv ltd के मालिक राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया तो वहीं बुधवार को एसटीएफ ने सचिव शिक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

संजय उपाध्याय pcs अफ़सर हैं और इनके ऊपर ही टीईटी के प्रश्न पत्र को छपवाने की जिम्मेदारी दी गई थी. सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी रहते हुए संजय उपाध्याय ने पेपर छापने का ठेका एक ऐसी कंपनी को दे दिया जिसने पहले कभी टीईटी जैसी संवेदनशील परीक्षा का ना तो पेपर छापा था और ना ही उसके पास सिक्योर्ड प्रिंटिंग प्रेस की सुविधा थी.

कैसे हुआ पेपर लीक?

प्रत्येक प्रश्नपत्र ₹60 की दर से दिए गए इस ठेके में पेपर छापने के साथ-साथ पूरी गोपनीयता के साथ पेपर को ट्रेजरी तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी राय अनूप प्रसाद की कंपनी आरएसएम फींसर्व लिमिटेड को दी गई थी. सचिव संजय उपाध्याय के द्वारा यह ठेका परीक्षा से ठीक 1 महीना 2 दिन पहले यानी 28 नवंबर को हुई इस परीक्षा की पेपर छपाई का ठेका 26 अक्टूबर को राय अनूप प्रसाद की कंपनी को दिया गया. राय अनूप प्रसाद ने इतने बड़े पैमाने पर पेपर छापने का काम हासिल तो कर लिया लेकिन उसके पास ना तो इतने बड़े पैमाने पर पेपर छापने की प्रिंटिंग प्रेस थी और ना ही टीईटी जैसा पेपर छापने के लिए के लिए बरती जाने वाली गोपनीयता और सुरक्षित व्यवस्था. राय अनूप प्रसाद ने वर्क आर्डर पूरा करने के लिए पेपर छापने का काम चार अन्य प्रिंटिंग प्रेस को दे दिया. बिना मानक के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवा कर राय अनूप प्रसाद ने टीईटी का पेपर 27 नवंबर की शाम तक सभी जिलों की ट्रेजरी में पहुंचा भी दिया गया.

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लापरवाही या फिर साजिश?

यूपी एसटीएफ ने ठेका लेकर चार अन्य प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवाने वाले राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया, सचिव संजय उपाध्याय से पूछताछ की तो पता चला ठेका देने से पहले आरएसएम फींसर्व लिमिटेड का कभी किसी अधिकारी या सचिव संजय उपाध्याय ने दौरा तक करने की जहमत नहीं उठाई, कि जिस कंपनी को करोड़ों का ठेका दिया जा रहा है, 20लाख नौजवानों के भविष्य का फैसला करने वाली परीक्षा की जिम्मेदारी दी जा रही है वह कंपनी संसाधनों से लैस है भी या नहीं.

नियमों की अनदेखी लापरवाही और गोपनीयता भंग करने के मामले में सचिव संजय उपाध्याय को नोएडा के सूरजपुर थाने में एसटीएफ की तरफ से दर्ज कराई गई f.i.r. में गिरफ्तार कर लिया गया. यूपी एसटीएफ ने इस मामले में राय अनुप प्रसाद से पूछताछ की और एक टीम ने कंपनी का मुआयना किया तो पता चला r.s.m. finserv ने कभी ऑफलाइन परीक्षा कराई ही नहीं. यह कंपनी तो परीक्षा कराने की कंसलटेंसी एजेंसी का काम करती है. ऑनलाइन परीक्षा भी कराती है लेकिन ऑफलाइन परीक्षा कराने का कोई अनुभव नहीं रहा है.

अब तक यूपी एसटीएफ और जिला पुलिस 34 से अधिक लोगों को टीईटी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर चुकी है. जांच कर रही एसटीएफ को शक है कि पेपर छपाई में बरती गई इसी लापरवाही का सॉल्वर गैंग ने फायदा उठाया. या तो सॉल्वर गैंग ने अपने नेटवर्क से प्रिंटिंग प्रेस से पेपर हासिल किया या फिर प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी ने ही जल्द पैसा कमाने के लालच में पेपर पहले कुछ लोगों को चंद पैसों के लिए बेचा पर धीरे-धीरे यह सॉल्वर गैंगो तक पहुंचकर बड़े पैमाने पर लीक हुआ.

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यूपी एसटीएफ अब उस सिरे को जोड़ने की कोशिश कर रही है जो पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस और पेपर लीक करने वाले सॉल्वर गैंग को जोड़ रहा हो. अभी भी यूपीएसटीएफ यह नहीं पता लगा पाई कि वह कौन शख्स था जिसने टीईटी पेपर लीक मामले में सबसे पहला पेपर हासिल कर लीक किया था.

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