तेलंगाना वकील दंपति हत्याकांड: हाईवे पर दिनदहाड़े कत्ल, चार साल बाद सीबीआई को सौंपी गई जांच

Telangana Couple Murder Case: तेलंगाना में चार साल पहले वकील दंपति की हत्या का मामला अब नए मोड़ पर पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने जांच की बागडोर अपने हाथ में ले ली है. मृतक दंपति के परिवार को एक बार फिर इंसाफ की उम्मीद जगी है और सच्चाई सामने आने की आस बढ़ी है.

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वकील दंपति पीआईएल फाइल किया करते, जिससे कुछ लोग परेशान थे. (Photo: Representational) वकील दंपति पीआईएल फाइल किया करते, जिससे कुछ लोग परेशान थे. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

तेलंगाना में चार साल पहले एक वकील दंपति को दिनदहाड़े हाईवे पर घेरकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था. अब इस हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंप दी गई है. गट्टू किशन राव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साफ कर दिया था कि इस केस की पड़ताल अब राज्य पुलिस नहीं करेगी. इसके बाद सीबीआई ने केस को अपने हाथों में ले लिया.

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17 फरवरी 2021 को पेड्डापल्ली जिले के मंथनी-पेड्डापल्ली राजमार्ग पर वामन राव और उनकी पत्नी नागमणि की नृशंस हत्या हुई थी. उनकी कार को रोका गया, फिर उन्हें बाहर खींचकर पहले गोलियों से भून दिया गया और बाद में धारदार हथियारों से हमला कर कत्ल कर दिया गया. इस केस में वेल्डी वसंत राव, कुंटा श्रीनिवास और अक्कापक्का कुमार जैसे नाम मुख्य आरोपी के तौर पर दर्ज हैं. 

इस हत्याकांड की शुरुआती जांच में वजह पुरानी रंजिश और व्यक्तिगत दुश्मनी बताई गई थी. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. मृतक के पिता गट्टू किशन राव ने कोर्ट को बताया था कि उनका बेटा और बहू लगातार व्यवस्था के काले खेलों को उजागर कर रहे थे. दोनों सार्वजनिक मुद्दों पर जनहित याचिकाएं दायर करने से पीछे नहीं हटते थे, इसलिए कुछ लोगों की आंख की किरकिरी बन गए थे.

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साल 2020 में भी वामन राव और नागमणि ने मंथनी पुलिस थाने में हिरासत में मौत के एक मामले में हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद से ही उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं. उन्होंने यहां तक आरोप लगाया था कि मंथनी पुलिस उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रही है. हत्या के दिन हमलावर कार में आए और उनका  रास्ता रोककर उन पर बर्बर हमला कर फरार हो गए.

राज्य पुलिस ने मामले में चार्जशीट भी दाखिल की थी, लेकिन परिवार ने इसे पक्षपाती बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद केस को सीबीआई को सौंप दिया. अब केंद्रीय जांच एजेंसी इस हाई-प्रोफाइल केस को अपने तरीके से नए सिरे से देखेगी. जांच एजेंसी को पूरी वारदात की तह तक जाकर सच सामने लाना है. इसकके बाद अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी. 

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