मुंबई में पोक्सो (POCSO) की स्पेशल कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि यौन इरादे के बिना बच्ची के गाल को छूना POCSO Act के तहत अपराध नहीं है. कोर्ट ने इस मामले में 28 वर्षीय आरोपी इलेक्ट्रीशियन को बरी कर दिया है. उस पर 5 साल की बच्ची का गाल छूने का इल्जाम था. हालांकि, इसी कोर्ट ने आरोपी को बच्ची की मां से छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराया है. साथ ही 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
बता दें कि कथित रूप से एक साथ होने वाले दो अलग-अलग अपराधों से संबंधित एक ही फैसले में, कोर्ट ने आरोपी को एक साल के कारावास की सजा सुनाई.
ये मामला 2 जून, 2017 का है, जब आरोपी इलेक्ट्रीशियन महिला के घर फ्रिज की मरम्मत के लिए गया था. उस वक्त महिला और उसकी नाबालिग बेटी घर पर ही थे. जबकि महिला का पति काम से बाहर गया था. फ्रिज की मरम्मत के दौरान महिला भी कुछ समय के लिए कमरे से बाहर चली गई. आरोप है कि जब वह लौटी तो उसने देखा कि इलेक्ट्रीशियन बच्ची के गालों को स्पर्श कर रहा था. महिला ने उस वक्त इलेक्ट्रीशियन को डांटा और अपना काम करने के लिए कहा. इसके बाद वो अपने किचन में चली गई.
लेकिन आरोपी महिला का पीछा करते हुए किचन तक पहुंच गया. वहां उसने महिला से छेड़खानी की. इस दौरान महिला ने इलेक्ट्रीशियन को धक्का देकर वहां से हटाया और पैसे देकर काम छोड़कर जाने के लिए कहा. लेकिन इलेक्ट्रीशियन जाने के बजाय महिला की गर्दन पकड़कर उसे धक्का दिया और घर से जाते-जाते फिर से बच्ची के गाल को छुआ.
इसके बाद पीड़ित महिला ने बिल्डिंग सुपरवाइजर को फोन कर घटना के बारे में बताया और अपनी बहन से भी इस घटना के बारे में बात की. महिला के भाई ने पुलिस को फोन कर शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन बाद में उसे जमानत दे दी गई.
इसी केस में अब कोर्ट ने महिला की याचिका पर सुनवाई के बाद, आरोपी को महिला के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में एक साल कैद की सजा सुनाई. लेकिन बच्ची से छेड़छाड़ के आरोप में उसे यह कहते हुए बरी कर दिया कि गाल को छूने का कार्य कोई अपराध नहीं.
विद्या