छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए विस्फोटक जुटाने वाले नेटवर्क पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने शिकंजा कस दिया है. NIA ने साल 2024 के एक बड़े मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. इनमें चार आरोपी फिलहाल फरार हैं, जबकि एक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
NIA की यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट मंगलवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर स्थित स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई. जांच एजेंसी के मुताबिक सभी आरोपी बैन CPI (माओवादी) संगठन के लिए हथियार, विस्फोटक और अन्य आपत्तिजनक सामान की खरीद और सप्लाई में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे.
इस चार्जशीट में गिरफ्तार आरोपी आरोपी मनीष सोढ़ी उर्फ हुर्रा, फरार आरोपी सोढ़ी केसा, मनीला, मड़कम केसा और सोढ़ी लखमा के नाम शामिल हैं. ये सभी छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं. आरोपी मनीष सोढ़ी को NIA ने इसी साल जुलाई में गिरफ्तार किया था.
जांच एजेंसी ने बताया कि आरोपियों के पास से गैरकानूनी तरीके से जुटाया गया विस्फोटक सामान बरामद हुआ था. इस सामग्री का इस्तेमाल CPI (माओवादी) की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी यानी PLGA की बटालियन नंबर 1 के सदस्य और सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके में सक्रिय कैडर करने वाले थे.
NIA के मुताबिक, माओवादियों की योजना इन सामानों से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी IED तैयार करने की थी, ताकि सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जा सके. जांच में यह भी सामने आया है कि इस नेटवर्क के पीछे एक संगठित सप्लाई चेन काम कर रही थी. यह केस 25 सितंबर 2024 को दर्ज हुआ था.
उस समय छत्तीसगढ़ पुलिस ने मंतोष मंडल और एस नागार्जुन को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान टिफिन बम, डेटोनेटर, पोटेशियम नाइट्रेट, एल्यूमीनियम मेटल पाउडर, पैकेजिंग रैपर, नक्सल साहित्य और मोबाइल फोन बरामद किए गए थे. जांच में टेरर फंड के ट्रेल और सप्लाई चेन का भी खुलासा हुआ है.
दिसंबर 2024 में NIA ने यह केस लोकल पुलिस से अपने हाथ में लिया था. जांच एजेंसी का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं.
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