साल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद रेप से जुड़े कानून में हुए बदलावों का फायदा कई केस में देखने को मिलता है. इसमें सबसे बड़ी बात ये कि कोर्ट की प्रक्रिया फास्ट ट्रैक हो गई. वरना एक वक्त था कि कोर्ट का निर्णय आते-आते आरोपी अपना पूरी जीवन जीकर बिना दंड भुगते दुनिया को अलविदा कह जाता था. लेकिन अब कुछ महीनों या वर्षों में ही कोर्ट अपना फैसला सुना देती है.
ताजा मामला, उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले का है, जहां स्पेशल पॉस्को कोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ हुए रेप केस में दो साल से कम समय में अपना फैसला सुना दिया है. इतना ही नहीं अपने फैसले के जरिए एक कड़ा संदेश देते हुए 50 वर्षीय रेपिस्ट को 26 साल की कठोर करावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर 50 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
जानकारी के मुताबिक, रेप की वारदात 2 दिसंबर 2021 को हुई थी. इस दौरान कन्नौज जिले के एक गांव के रहने वाला राजेश जाटव उर्फ महात्मा ने अपने पड़ोस में रहने वाली 3 साल की बच्ची का अहरण कर लिया था. उसे अपने घर में कैद करके रेप का शिकार बनाया था. बच्ची की तलाश में लगे परिजनों को उसकी चीख सुनाई दी, तो वो उसके मकान की तरफ भागे.
तब तक आरोपी वहां से फरार हो चुका था. खून से लथपथ पीड़िता दर्द की वजह से चिल्लाए जा रही थी. उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद पीड़िता के चाचा की तहरीर पर स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी और पॉस्को एक्ट की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया था. पुलिस की एक टीम ने कई जगह दबिश देने के बाद आखिरकार दोषी का गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया.
स्पेशल जज (पॉस्को) अल्का यादव ने पेश की मिसाल
सरकारी वकील नवीन कुमार दूबे ने बताया कि स्पेशल जज (पॉस्को) अल्का यादव ने इस मामले में सुनवाई के बाद राजेश जाटव उर्फ महात्मा को रेप का दोषी पाया है. इसके बाद उसे 26 साल की कठोर करावास की सजा और 50 हजार 500 रुपए का जुर्माना सुनाया है. यदि महात्मा जुर्माना भरने में असमर्थ होता है तो उसे दो साल अधिक जेल में रहना होगा. बताते चलें कि छह महीने पहले भी इसी तरह की एक घिनौनी वारदात सामने आई थी.
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कन्नौज के छिबरामऊ के तालाग्राम थाना क्षेत्र के एक गांव में 7 साल की बच्ची से रेप के बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. बच्ची परिवार के साथ शादी में शामिल होने के लिए आई थी. इसी दौरान उसका अपहरण कर लिया गया. तीन बाद उसका शव बुरे हाल में एक खेत से बरामद किया गया. उसकी आंखें तक फोड़ दी गई थी.
3 साल के भीतर रेपिस्ट प्रिंसिपल को 20 साल की सजा
कन्नौज की तरह कानपुर में भी स्पेशल कोर्ट ने फास्ट ट्रैक सुनवाई के बाद एक प्रिंसिपल को अपनी छात्रा के साथ रेप करने के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई थी. कानपुर के नौबस्ता थाने में 5 सितंबर 2020 को एक स्कूल के प्रिंसिपल अवधेश सिंह यादव के खिलाफ इंटर की छात्रा ने रेप का आरोप लगाया था. उसका आरोप था कि आरोपी फीस बकाया होने की बात कहकर छात्रा की टीसी नहीं दे रहा था.
एक दिन उसने स्कूल के पीछे बने अपने कमरे पर कागज जांचने के बहाने बुलाया. उसके बाद जबरदस्ती पकड़ कर रेप किया. इसके बाद उसे ब्लैकमेल करके लगातार उसके साथ रेप करता रहा. यहां तक वीडियो कॉल करके रात में छात्रा के कपड़े उतरवा कर देखता था. आखिरकार उससे तंग आकर पीड़िता ने परिजनों को सारी बात बता दी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
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