Explainer: हथियार का इस्तेमाल-मौके पर मौजूदगी, Lakhimpur case की चार्जशीट में आशीष मिश्रा पर ये आरोप

Lakhimpur Kheri Violence Chargesheet: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने चार्जशीट में केद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनेी के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया है. चार्जशीट में वीरेंद्र शुक्ला का नाम भी जोड़ा है जो केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार है.

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लखीमपुर हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. (फाइल फोटो-PTI) लखीमपुर हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST
  • लखीमपुर कांड के 3 महीने बाद चार्जशीट दाखिल
  • तिकुनिया गांव में हुई हिंसा में 8 की मौत हुई थी

Lakhimpur Kheri Violence Chargesheet: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जीप से कुचलकर 4 किसानों की हत्या के मामले में SIT ने चार्जशीट दाखिल की. इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को मुख्य आरोपी बनाया गया है. आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के नाम इसमें हैं. 

लखीमपु खीरी के तिकुनिया गांव में पिछले साल 3 अक्टूबर को हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में 4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. इस हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने सोमवार को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. एसआईटी ने इसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के साले और आशीष मिश्रा के मामा वीरेंद्र शुक्ला (Virendra Shukla) का नाम भी जोड़ा है. वीरेंद्र शुक्ला पर सबूत मिटाने का आरोप है. हालांकि, शुक्ला को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. 

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आशीष मिश्रा पर क्या लगे आरोप?

1. हथियारों का इस्तेमालः तिकुनिया गांव में हिंसा के दौरान गोलियां भी चली थीं. एसआईटी के मुताबिक, ये गोलियां आशीष मिश्रा और उनके दोस्त अंकित दास की लाइसेंसी हथियार से चली थीं. 

2. दोस्तों की संलिप्तताः एसआईटी ने आशीष मिश्रा के अलावा 13 और लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. ये सभी आशीष मिश्रा से जुड़े हुए थे. अंकित दास और सुमित जायसवाल जैसे आशीष के दोस्त इस हिंसा में शामिल थे.

3. मौके पर मौजूदगीः ये भी सामने आया है कि वारदात के वक्त आशीष मिश्रा मौके पर ही मौजूद था. सीनियर प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर (एसपीओ) एसपी यादव ने बताया कि केस डायरी में गवाहों के बयानों के आधार पर मौके पर आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की मौजूदगी थी.

ये भी पढ़ें-- Lakhimpur Kheri violence: लखीमपुर हिंसा में 14 आरोपी, फिर आशीष मिश्रा ही क्यों बना 'मुख्य आरोपी'?

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एसआईटी ने बताया था सोची-समझी साजिश

लखीमपुर खीरी में हुई इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने पिछले साल 14 दिसंबर को इस मामले में दर्ज FIR में धाराएं बदलने के लिए कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट के सामने एसआईटी ने लखीमपुर कांड को सोची-समझी साजिश बताया था. एसआईटी ने कहा था कि लखीमपुर में जो हुआ था वो कोई हादसा या लापरवाही नहीं थी, बल्कि सोच-समझकर किसानों को कुचला गया था. कोर्ट ने बाद में FIR में गैर-इरादतन हत्या की बजाय हत्या की धारा जोड़ने को मंजूरी दी थी.

लखीमपुर कांड के कितने आरोपी?

- लखीमपुर कांड में दो FIR दर्ज हुईं हैं. एक FIR बहराइच के किसान जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी. दूसरी FIR बीजेपी नेता सुमित जायसवाल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में दर्ज करवाई थी. 

- जगजीत सिंह की एफआईआर के मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया. इनमें से 13 को गिरफ्तार किया जा चुका है और सभी जेल में हैं. इस मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्यम, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशु पाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र बंजारा गिरफ्तार हो चुके हैं. वीरेंद्र शुक्ला भी आरोपी हैं, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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- वहीं, बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मामले में रविवार को खैरतिया गांव के कंवलजीत सिंह और बाबौरा गांव के कमलजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. इनसे पहले विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, रंजीत सिंह और अवतार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं.

 

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