कुशीनगर मेडिकल कॉलेज से लापता नवजात सकुशल बरामद, प्रिंसिपल-CMS समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज

कुशीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में घटी एक घटना ने पूरे जिले की नींद उड़ा दी. डिलीवरी के कुछ घंटे बाद ही सांस की दिक्कत बताकर जिस नवजात को SNCU वार्ड में शिफ्ट किया गया, वह वार्ड से रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया. CCTV बंद थे, स्टाफ के बयान उलझे थे और परिजनों की हालत बेहाल.

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डिलीवरी के कुछ घंटे बाद ही बच्चा गायब, मेडिकल कॉलेज में लापरवाही की परतें खुलीं. (Photo: X/@kushinagarpol) डिलीवरी के कुछ घंटे बाद ही बच्चा गायब, मेडिकल कॉलेज में लापरवाही की परतें खुलीं. (Photo: X/@kushinagarpol)

aajtak.in

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  • 27 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में सरकारी मेडिकल कॉलेज से एक नवजात शिशु के गायब होने की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है. स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट यानी SNCU से नवजात के अचानक लापता हो जाने के बाद पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, CMS और नर्स सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है.

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जानकारी के मुताबिक, जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के बलकुड़िया गांव के मनिया छापर टोला की रहने वाली रीना ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था. परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन शाम को हालात बदल गए. करीब 6.45 बजे एक स्टाफ नर्स ने बताया कि नवजात को सांस लेने में दिक्कत है. उसे SNCU वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. 

परिवार को भरोसा दिलाया गया कि बच्चा नर्स की निगरानी में है. लेकिन कुछ घंटों बाद वार्ड सूना मिला. बच्चा गायब था. नवजात के पिता प्रदीप चौधरी ने जब सवाल पूछे, तो स्टाफ के जवाब उलझाने वाले थे. किसी को पता नहीं था कि बच्चा कब और कैसे गायब हुआ. इसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया. देर रात पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी.

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इसके बाद पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरके शाही, CMS डॉ. दिलीप कुमार, ड्यूटी इंचार्ज डॉ. रितेश सिंह, नर्स इंदु सिंह, स्नेहा मौर्य, जूली, उर्मिला, अनारकली और गार्ड धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर ली गई. इसी बीच एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस सिद्धार्थ वर्मा खुद पडरौना सर्कल ऑफिसर के साथ मौके पर पहुंच गए. 

उन्होंने SNCU वार्ड, ड्यूटी रजिस्टर और वार्ड में मौजूद स्टाफ से एक-एक कर पूछताछ शुरू कर दी. शुरुआती जांच में मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की भारी लापरवाही का पता चला. पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि नर्सिंग स्टाफ को पहले से शक था कि बच्चे की हालत को लेकर कुछ गड़बड़ी हो सकती है. लेकिन मेडिकल रिकॉर्ड में इस संदेह का कोई ठोस सबूत नहीं मिला.

सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस केशव कुमार ने बताया कि अस्पताल में लगे सभी CCTV कैमरे बंद पाए गए हैं. वार्ड में क्या हुआ, कौन आया, कौन गया, इसकी कोई रिकॉर्डिंग मौजूद ही नहीं है. यह तथ्य पुलिस को और ज्यादा संदेहास्पद लगा, क्योंकि नवजात वार्ड से बिना किसी की जानकारी के बाहर जाना संभव नहीं माना जा रहा. यह केस गंभीर लापरवाही और खामियों की ओर इशारा करता है. 

इसी बीच पुलिस की एक टीम ने नवजात बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया. उसे पुलिस अधीक्षक कार्यालय लाया गया, जहां से उसके पिता प्रदीप चौधरी को उसको सौंप दिया गया. पिता ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वो कुशीनगर पुलिस-प्रशासन की इस सक्रियता से बहुत खुश हैं. उनको गर्व है कि उनके वहां इतनी मुस्तैद पुलिस मौजूद है.

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