बेटी की कस्टडी के लिए पिता बना किडनैपर, अपनी ही एक्ट्रेस पत्नी को कराया क‍िडनैप!

फिल्म प्रोड्यूसर और उसकी पत्नी के बीच घरेलू विवाद के कारण वो दोनों अलग-अलग रह रहे थे. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है. परिवार ने बताया कि उनकी बेटी चैत्रा को शूटिंग के बहाने जबरन अगवा किया गया था. अब पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है.

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सगाय राज

  • बेंगलुरु,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST

कर्नाटक फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा एक गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक फिल्म प्रोड्यूसर पर आरोप है कि उसने अपनी अलग रह रही कन्नड़ एक्ट्रेस पत्नी का अपहरण कराया. प्रोड्यूसर उसके परिवार पर दबाव डालकर एक साल की बेटी की कस्टडी हासिल करना चाहता था. इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

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आरोपी की पहचान हर्षवर्धन के रूप में हुई है जो वर्धन एंटरप्राइजेज का मालिक है और कर्नाटक के हासन जिले का रहने वाला बताया गया है. ये शिकायत अभिनेत्री के परिवार की ओर से दर्ज कराई गई है.

क्या है दोनों के बीच व‍िवाद

शिकायत के मुताबिक हर्षवर्धन ने साल 2023 में अभिनेत्री चैत्रा आर से दोनों परिवारों की सहमति से शादी की थी. हालांकि, करीब 7 से 8 महीने पहले घरेलू विवादों के चलते दोनों के बीच रिश्ते बिगड़ गए और वे अलग रहने लगे. इसके बाद हर्षवर्धन हासन में रहने लगा जबकि चैत्रा बेंगलुरु के मगाड़ी रोड इलाके में किराए के मकान में शिफ्ट हो गईं.

परिवार ने पुलिस को बताया कि चैत्रा इसके बावजूद टीवी सीरियल्स और फिल्मों में काम करती रहीं. 7 दिसंबर 2025 को चैत्रा ने घरवालों को जानकारी दी कि वो मैसूर में शूटिंग के लिए जा रही है. लेकिन शिकायत में दावा किया गया है कि ये शूटिंग सिर्फ एक बहाना थी, जिसे हर्षवर्धन ने अपने दोस्त कौशिक के जरिए प्लान किया था. आरोप है कि कौशिक ने चैत्रा को शूटिंग के नाम पर 20 हजार रुपये एडवांस भी दिए थे.

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कैसे हुआ क‍िडनैप

एफआईआर के अनुसार, 7 दिसंबर की सुबह करीब 8 बजे चैत्रा को मैसूर रोड मेट्रो स्टेशन बुलाया गया. वहां पहले से मौजूद हर्षवर्धन, कौशिक और एक अन्य व्यक्ति ने चैत्रा को जबरन कार में बैठाया और अगवा कर लिया. इसके बाद उसे NICE रोड और बिदड़ी के रास्ते ले जाया गया. इस घटना की जानकारी चैत्रा के एक परिचित व्यक्ति ने उसके परिवार को दी.

परिवार का आरोप है कि उसी शाम हर्षवर्धन ने चैत्रा की मां को फोन कर धमकी दी कि अगर बच्ची उसे नहीं सौंपी गई तो चैत्रा को सुरक्षित नहीं छोड़ा जाएगा. इसी तरह का संदेश एक अन्य रिश्तेदार को भी दिया गया जिसमें कहा गया कि बच्ची को अर्सीकेरे लाया जाए, तभी चैत्रा को छोड़ा जाएगा.

शिकायतकर्ता ने बताया कि जब परिवार ने चैत्रा से संपर्क करने की कोशिश की तो उसका फोन स्विच ऑफ मिला. उन्होंने ये भी कहा कि शिकायत दर्ज कराने में इसलिए देरी हुई क्योंकि वो उस समय तिपटूर में थीं और वहां से लौटकर बेंगलुरु पहुंचने के बाद पुलिस के पास गईं. पुलिस ने इस मामले में हर्षवर्धन, कौशिक और एक अन्य आरोपी के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी की धाराओं में केस दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और सभी आरोपों की गंभीरता से पड़ताल की जा रही है.

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