जापानी छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में JNU के प्रोफेसर बर्खास्त, ICC ने की कार्रवाई

JNU Sexual Harassment Case: जेएनयू में एक विदेशी महिला रिसर्चर से जुड़े यौन उत्पीड़न के आरोप में एक प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, ये घटना कुछ महीने पहले यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुष्टि की कि यह कोई अकेला मामला नहीं है.

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JNU में यौन उत्पीड़न के आरोप में एक प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया. JNU में यौन उत्पीड़न के आरोप में एक प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में एक विदेशी महिला रिसर्चर से जुड़े यौन उत्पीड़न के आरोप में एक प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, ये घटना कुछ महीने पहले यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुष्टि की कि यह कोई अकेला मामला नहीं है. आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें मिली हैं.

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जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने बताया, "यूनिवर्सिटी प्रशासन महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी अपराध और उसके अपराधी के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है." उन्होंने कहा कि बर्खास्तगी कैम्पस की सुरक्षा और जवाबदेही पर यूनिवर्सिटी के सख्त रुख को दर्शाती है. यह फैसला एक विस्तृत आंतरिक जांच के बाद लिया गया है.

पीड़िता जापान की रहने वाली है. यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रही है. उसके साथ विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान संकाय सदस्य द्वारा छेड़छाड़ की गई थी. जापान लौटने पर उसने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले को राजनयिक माध्यमों से भारतीय दूतावास के ध्यान में लाया गया. इसके बाद में विदेश मंत्रालय और विश्वविद्यालय को भेजा गया.

आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने आरोपों को विश्वसनीय पाया. इसके बाद कार्यकारी परिषद ने आरोपी प्रोफेसर की बर्खास्तगी की सिफारिश कर दी. सूत्रों ने कहा कि आरोपी को विश्वविद्यालय की अपीलीय समिति के समक्ष अपील करने या अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार है. फिलहाल कानूनी कार्रवाई तक उसकी बर्खास्तगी जारी रहेगी.

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इस बीच पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक अन्य संकाय सदस्य को एक रिसर्च प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया. इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेज दिया गया है. इस प्रोजेक्ट पर तथ्य-खोज समिति की रिपोर्ट के बाद दो गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है. अन्य पर भी कार्रवाई की जा रही है.

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