इंदौर में सड़क पर टहल रही लड़की से स्कूटर सवार ने की छेड़छाड़, VIDEO वायरल

इंदौर के एमआईजी थाना क्षेत्र में एक युवती से स्कूटर सवार युवक द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. युवती फोन पर बात करते हुए सड़क पर टहल रही थी तभी युवक उसे छूकर भाग गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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इंदौर में सड़क पर टहल रही युवती से छेड़छाड़ का वीडियो वायरल इंदौर में सड़क पर टहल रही युवती से छेड़छाड़ का वीडियो वायरल

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

  • इंदौर,
  • 20 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

इंदौर के एमआईजी थाना क्षेत्र से एक शर्मनाक घटना का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में एक स्कूटर सवार युवक को सड़क पर टहल रही एक युवती से छेड़छाड़ करते हुए देखा जा सकता है.

फोन पर बात कर रही थी युवती
जानकारी के अनुसार, यह घटना दो दिन पुरानी है जब एमआईजी थाना क्षेत्र में खाना खाने के बाद एक युवती टहल रही थी. उसी दौरान फोन पर बात कर रही युवती के पास एक स्कूटर सवार युवक आया और उसे गलत तरीके से छूते हुए निकल गया.

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सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई घटना
यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में युवक को स्पष्ट रूप से स्कूटर से आते हुए और युवती से छेड़छाड़ करते हुए देखा जा सकता है.

वहीं, पीड़ित युवती की शिकायत के आधार पर एमआईजी थाना पुलिस ने अज्ञात युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस वायरल वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान करने में जुटी हुई है.

बता दें कि छेड़छाड़ से जुड़े मामलों में मुख्य रूप से भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्नलिखित धाराएं लागू होती हैं.

IPC Section 354 – महिला की लज्जा भंग करने का प्रयास
किसी महिला को जानबूझकर गलत तरीके से छूना, उसका पीछा करना, या कोई ऐसा कार्य करना जिससे उसकी अस्मिता आहत हो. इस पर 1 से 5 साल तक की जेल और जुर्माना या दोनों हो सकता है.

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धारा 354 लागू होने की शर्तें:

पीड़िता महिला होनी चाहिए
आरोपी ने जानबूझकर महिला को नुकसान पहुंचाने की नीयत से या असभ्य व्यवहार करते हुए हमला किया हो. उस हरकत का उद्देश्य महिला की अस्मिता को ठेस पहुंचाना हो.

यह अपराध कैसा होता है?
गंभीर अपराध (Cognizable offence) – पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है.
जमानती नहीं (Non-bailable) – अदालत से ही जमानत मिल सकती है.
मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (First Class Magistrate) द्वारा सुनवाई होती है.

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