नाबालिग से डिलीवरी बॉय ने किया बलात्कार, 5 साल बाद मिली 10 साल की सजा

महाराष्ट्र के ठाणे की एक विशेष अदालत ने एक गैस सिलेंडर डिलीवरी बॉय को सात वर्षीय लड़की से बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराते हुए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. आरोपी ने साल 2019 में इस वारदात को अंजाम दिया था.

Advertisement
महाराष्ट्र के ठाणे की एक विशेष अदालत ने सुनाई कठोर कारावास की सजा. महाराष्ट्र के ठाणे की एक विशेष अदालत ने सुनाई कठोर कारावास की सजा.

aajtak.in

  • ठाणे,
  • 08 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:38 PM IST

महाराष्ट्र के ठाणे की एक विशेष अदालत ने एक गैस सिलेंडर डिलीवरी बॉय को सात वर्षीय लड़की से बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराते हुए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. आरोपी ने साल 2019 में इस वारदात को अंजाम दिया था. 

न्यायाधीश डीएस देशमुख ने सोमवार को जारी आदेश में अपराधी नूर मोहम्मद हुसैन खान को इस मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि पीड़ित लड़की को जुर्माने की रकम दी जाएगी. इतना ही पीड़िता संबंधित कानूनी प्रावधानों के अनुसार अतिरिक्त मुआवजे की भी हकदार है. 

Advertisement

विशेष लोक अभियोजक संध्या म्हात्रे ने कहा कि नूर मोहम्मद खान ने 23 मई, 2019 को अपने घर में पड़ोसी की बेटी के साथ बलात्कार किया था. उसने पहले भी उसने पीड़ित लड़की का यौन उत्पीड़न किया था. पीड़िता ने अपने माता-पिता को आपबीती सुनाई, तो वो उसे लेकर थाने पहुंचे. आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया.

पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. मुकदमे के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष के सात गवाहों की गवाही हुई. न्यायाधीश ने आदेश में उल्लेख किया कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ सभी आरोपों को उचित संदेह से परे सफलतापूर्वक साबित कर दिया है.

बताते चलें कि इसी साल अप्रैल में ठाणे के कल्याण में एक नाबालिग लड़की का अपहरण करके उसके साथ बलात्कार करने के जुर्म में एक शख्स को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी. ये वारदात भी साल 2019 में हुई थी. पांच साल तक चली सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया. 
अदालत ने दोषी पर 8000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था. इसके साथ ही आदेश दिया कि ये राशि पीड़ित को मुआवजे के रूप में दी जाए. अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश एआर अष्टूरकर ने इस केस में अपराधी दीपक उर्फ गबरू सोनावणे को दोषी ठहराते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.

Advertisement

इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार की मनोधैर्य योजना या किसी अन्य संबंधित योजना के तहत मुआवजे के भुगतान के लिए मामले को डीएलएसए (जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण) को भेज दिया. मनोधैर्य योजना राज्य में यौन उत्पीड़न, बलात्कार और एसिड हमलों के पीड़ितों को 3 से 10 लाख रुपए तक का मुआवजा प्रदान करती है. 
अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) सचिन कुलकर्णी ने बताया था कि दीपक और पीड़िता पांच साल पहले कल्याण में एक ही इलाके में रहते थे. उस वक्त पीड़िता की उम्र महज 16 साल की थी. उस समय 10वीं कक्षा में पढ़ती थी. 13 जुलाई, 2019 की शाम अपराधी ने उसका अपहरण करके रेप किया था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement