बिहार: ट्रेन से 179 जिंदा कछुए बरामद, चार तस्कर गिरफ्तार

बिहार के पटना जंक्शन पर आरपीएफ की टीम ने 179 जिंदा कछुओं को बरामद किया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली से आ रही डाउन ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन की बोगी एस वन के शौचालय में चार बड़े बैग में इन कछुओं को रखा गया था.

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कछुओं की तस्करी में एक बड़ा नेटवर्क का भंड़ाफोड़ कछुओं की तस्करी में एक बड़ा नेटवर्क का भंड़ाफोड़

aajtak.in

  • पटना ,
  • 14 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST
  • ब्रह्मपुत्र मेल से 179 जिंदा कछुए बरामद
  • कछुओं की कीमत एक लाख से अधिक
  • ट्रेन के शौचालय में छुपाए गए थे कछुए

बिहार के पटना जंक्शन पर आरपीएफ की टीम ने 179 जिंदा कछुओं को बरामद किया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली से आ रही डाउन ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन की बोगी एस वन के शौचालय में चार बड़े बैग में इन कछुओं को रखा गया था. ट्रेन से कछुआ लेकर आ रही दो महिलाओं समेत चार तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है. तस्करों के साथ दो छोटे बच्चे भी थे, जिनकी उम्र दो और तीन साल बताई जा रही है. 

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इस मामले में रेल पुलिस ने सोनु कुमार, मुनुआ उर्फ उर्मिला, बिक्रम तथा मालती को गिरफ्तार किया है. सभी यूपी के सुल्तानपुर के निवासी बताए जा रहे हैं. पूछताछ के दौरान अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश हुआ है. वन विभाग की टीम भी अलग से जांच कर रही है. 

पुलिस और वन विभाग की टीम जांच में जुटी 

इन कछुओं की कीमत एक लाख रुपये से ज्यादा है और हर कछुए का वजन एक से डेढ़ किलो के बीच है. इसकी तस्करी करने पर सात साल की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है. ये कछुए यूपी के बहराइच, गोंडा, इटावा जैसी जगहों से पकड़े जाते हैं. 

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अन्तर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश

इन कछुओं को तस्कर 200 से 300 रुपये में खरीदते हैं और बिहार के रास्ते इन्हें बांग्लादेश ले जाते हैं इसके बाद इन्हें साउथ ईस्ट एशियन देशों में बेच दिया जाता है. जहां इनकी कीमत 1000 के आस-पास होती है. जानकारों का कहना है कि कछुए के कवच से दवाएं और ड्रग्स, जबकि उसकी खोल से सजावटी सामान और आभूषण आदि बनाए जाते हैं. 

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