तमाम कड़े कानूनों के बनने के बाद भी महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. आज भी भारत में हर घंटे तीन महिलाओं की अस्मत लूटी जा रही है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार साल 2021 में रेप के 31677 केस दर्ज किए गए थे. इनमें 28840 वयस्क महिलाएं और 3038 नाबालिग लड़कियां शामिल थीं. ताजा मामला, वेस्ट बंगाल के मालदा जिले का है, जहां एक महिला का निर्वस्त्र शव मिला है. शव की हालत देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि रेप के बाद उसकी बर्बरता पूर्वक हत्या की गई है. इतना ही नहीं पहचान छुपाने के लिए उसके चेहरे को एसिड से जलाया गया है. पुलिस शव को कब्जे में लेने के बाद घटना की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, मालदा जिले के हरिश्चंद्रपुर थाना क्षेत्र के कुशीदा इलाके में स्थानीय लोगों ने सड़क के किनारे धान के खेत में एक महिला का शव पड़ा देखा. शव क्षत-विक्षत निर्वस्त्र पड़ा हुआ था. महिला के शरीर पर कई जगह चाकू से हमला किया गया था. उसके चेहरे को एसिड और चूने के पाउडर से जला दिया गया था. महिला की उम्र 30 से 35 साल के बीच बताई जा रही है. घटना स्थल से चाकू, एसिड, कंडोम और जले हुए कपड़े भी बरामद किए गए हैं. इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई. महिला के शव को कब्जे में ले लिया. इसके बाद घटनास्थल से बरामद सामानों को जांचे के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया. महिला की पहचान नहीं हो पाई है.
महिला के शव ने बयां की बर्बरता की कहानी
महिला के शव को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसके साथ क्या हुआ है. पहले महिला को बहला फुसलाकर घटनास्थल तक लाया गया. उसके बाद रेप की वारदात को अंजाम दिया गया. चूंकि वारदात में कंडोम का इस्तेमाल भी किया गया है, इसलिए कहा जा सकता है कि महिला अपराधी को पहले से जानती रही होगी. रेप के बाद अपराधी ने अपनी कुंठा निकालने के लिए उसके शरीर पर चाकू से कई वार किए. उसके कपड़े तक जला दिए. इसके बाद महिला की पहचान मिटाने के लिए उसका चेहरा एसिड और चूने से जला दिया. महिला का शव जिस तरह से बुरे हाल में मिला है, उसकी पहचान नहीं हो पा रही है. इस घटना से इलाके में दहशत है.
कुंठित अपराधी करते हैं ऐसे जघन्य अपराध
ज्यादातर केस में देखा गया है कि ऐसे जघन्य अपराध करने वाले अपराधी मानसिक रूप से कुंठित होते हैं. उनके मन में सेक्स को लेकर अजीब सी कुंठा होती है. वो हर महिला को एक वस्तु के रूप में देखते हैं. उनके शरीर को भोगना चाहते हैं. महिला विरोध करती हैं, तो उसका कत्ल कर देते हैं. कुछ केस में ये भी देखा गया है कि अपराधी अपनी हवस की आग बुझाने के बाद पहचान उजागर होने के डर से पीड़िता की हत्या कर देते हैं. कई बार घबराहट में भी रेप के बाद मर्डर कर देते हैं. अपने देश में ऐसे कई सीरियल किलर पकड़े गए हैं, जिनकी दरिंदगी को इस वारदात से जोड़ा जा सकता है. उन्होंने भी उसी पैटर्न पर वारदात को अंजाम दिया, जैसा कि मालदा में हुआ है.
रेप के ज्यादातर आरोपी पहचान वाले होते हैं
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साल 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, रेप जैसे घिनौने वारदात को अंजाम देने वाले ज्यादातर आरोपी पीड़िता के पहचान वाले होते हैं. इन आंकड़ों के अनुसार 97 फीसदी केस में पहचान वाला ही आरोपी निकलता है. साल 2021 में 31677 में से 30571 मामलों में आरोपी पीड़िता की पहचान वाले थे. इतना ही नहीं 2024 मामलों में तो आरोपी पीड़िता के ही परिवार का कोई सदस्य था. 15196 मामलों में आरोपी कोई पारिवारिक दोस्त, पड़ोसी या जान-पहचान वाला था. 12951 मामलों में ऑनलाइन फ्रेंड, लिव इन पार्टनर या शादी का झांसा देने वाला आरोपी था. हालांकि, रेप के 1106 मामलों में आरोपी की पहचान नहीं हो सकी थी.
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