कर्नाटक में सरकारी अफसरों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश, कलबुर्गी पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ दर्ज किया केस

कर्नाटक की कलबुर्गी पुलिस ने सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर हनी ट्रैप में फंसाने के आरोप में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. शिकायत के अनुसार, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी फंसाया था और एक मामले में एक पुलिस अधिकारी से 7 लाख रुपये छीन लिए थे.

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कर्नाटक में अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाया गया. (Representational image) कर्नाटक में अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाया गया. (Representational image)

अनघा

  • बेंगलुरु,
  • 08 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

कर्नाटक में कलबुर्गी पुलिस ने सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर हनी ट्रैप में फंसाने के आरोप में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.  शिकायत के अनुसार, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी फंसाया था और एक मामले में एक पुलिस अधिकारी से 7 लाख रुपये छीन लिए थे. आरोपी हनीट्रैप में फंसाकर लोगों से पैसे वसूलते थे.

आरोपियों में से अधिकांश ने दलित समुदाय के उत्थान के लिए एक संगठन बनाया था. एक महिला जिसे इस गिरोह का हिस्सा बनने के लिए जबरदस्ती इस्तेमाल किया गया था,ने शिकायत दर्ज कराई है. उसकी शिकायत के आधार पर आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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महिला का आरोप

महिला ने आरोप लगाया है कि उस पर गिरोह में शामिल होने के लिए दबाव बनाया गया और  धमकी दी गई कि अगर शामिल नहीं हुई तो उसे मार दिया जाएगा.

आरोप है कि गिरोह ने महाराष्ट्र की एक युवती का इस्तेमाल कर एक कारोबारी को भी हनीट्रैप में फंसाया. कारोबारी को कलबुर्गी के एक लॉज में बुलाकर कई वीडियो बनाए और फिर उसे ब्लैकमेल किया. 

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पहले भी सामने आया था मामला

आपको बता दें कि इसी साल जून में सेंट्रल क्राइम ब्रांच पुलिस (सीसीबी) ने कर्नाटक में प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले हनी ट्रैपिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया था. इस ऑपरेशन के दौरान मैसूर के मूल निवासी संतोष और पुट्टाराजू नामक दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. एक युवती, जिसकी पहचान उजागर नहीं की गई है, वह भी इस गिरोह में शामिल थीं.

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गिरोह प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाता था और उनके काम करने के तरीकों पर बारीकी से नजर रखता था. गिरोह अऐसे लोगों की हर गतिविधियों पर नज़र रखता था और यह भी पता करता था कि वह कौन से होटलों में ठहरे हैं. जैसे ही वीआईपी होटल के कमरे खाली करते थे तो गिरोह उन्हीं कमरों को किराए पर लेता था और गुप्त रूप से हिडन कैमरे लगाता था. फिर वे युवती का इस्तेमाल करके शख्स आपत्तिजनक हालत में फंसाकर हिडन कैमरे से उसे रिकॉर्ड कर लेते थे.

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