ऑपरेशन जामताड़ाः एक मैसेज, एक क्लिक और पूरा अकाउंट खाली, देश के सबसे बड़े धोखेबाजों की Inside Story

इन दिनों ऑनलाइन ठगी का नया हथकंडा बन गया है SMS या मैसेज. जिसके पीछे मॉडस ऑपरेंडी जामताड़ा मॉडल वाली ही है. कुछ लोग तो साइबर ठगी से बाल-बाल बच गए, लेकिन दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के मुताबिक 500 से ज्यादा लोगों की किस्मत ऐसी नहीं थी.

Advertisement
झारखंड का जामताड़ा इलाका साइबर क्राइम के लिए पूरे देश में कुख्यात है झारखंड का जामताड़ा इलाका साइबर क्राइम के लिए पूरे देश में कुख्यात है

सत्यजीत कुमार / अरविंद ओझा / हिमांशु मिश्रा

  • जामताड़ा/दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

देश में 75 करोड़ लोग स्मॉर्ट फोन इस्तेमाल करते हैं और आपकी लाइफ को स्मॉर्ट बनाने वाले मोबाइल को ही साइबर अपराधियों ने अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया है. देश की राजधानी दिल्ली में सैकड़ों लोगों के मोबाइल पर SMS या WHATSAPP के जरिए मैसेज आया, किसी मैसेज में बिजली काटने से जुड़ी जानकारी थी, किसी मैसेज में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी रद्द होने का संदेश था तो किसी को केबीसी से जुड़ा संदेश आया. लोगों के आये मैसेज का मजमून अलग-अलग था लेकिन ठगी का ट्रैप एक जैसा.

Advertisement

मैसेज और लिंक का खेल
बड़ी बात ये है कि दिल्ली में ही चंद दिनों में 500 से ज्यादा लोगों ने संदेश पर दिए नंबर पर फोन घुमाया या फिर मैसेज के साथ आए लिंक को क्लिक किया और वो ठगी के जामताड़ा मॉडल के शिकार बन गए. दिल्ली के रहने वाले आदेश गुप्ता, अनिरुध गोयल, विनोद पंडिता, किरण सिंह जैसे सैकड़ों लोगों के मोबाइल पर संदेश की बीप बजी, संदेश पढ़ते कुछ पल के लिए दिमाग घूम गया. क्योंकि संदेश में लिखा था कि बिल अपडेट नहीं कराया तो आधी रात को बिजली कट जाएगी. हालांकि अनिरुद्ध गोयल को समझते देर नहीं लगी कि संदेश साइबर ठगी को अंजाम देने वाले गैंग का हैं, क्योंकि थोड़े वक्त पहले ही एक ऐसे ही संदेश ने उनके खून पसीने की कमाई को लूट लिया था.

Advertisement

ठगी का नया हथकंडा
दरअसल इन दिनों ऑनलाइन ठगी का नया हथकंडा यही मैसेज हैं, जिसके पीछे मॉडस ऑपरेंडी जामताड़ा मॉडल वाली ही है. पेशे से वकील किरण सिंह को भी ऐसा ही संदेश आया था. ये लोग किस्मत वाले हैं, जो बाल-बाल बच गए, लेकिन दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के मुताबिक 500 से ज्यादा लोगों की किस्मत ऐसी नहीं थी.

22 जिलों से 66 गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस साइबर सेल के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि इस तरह के मामलों में उनकी टीम ने एक्शन लिया और 22 जिलों से 66 लोगों की गिफ्तारी की गई है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 60 डेबिट और क्रेडिट कार्ड बरामद किए और 45 मोबाइल फोन. साथ ही 9 चेक बुक और बैंक पासबुक भी बरामद की गई हैं. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के 100 से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया. हालांकि मास्टरमाइंड अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है, यानी वो अपना नया शिकार तलाश रहा है.

साइबर क्रिमिनल्स की असली मोडस ऑपरेंडी
फोन पर एसएमएस भेजकर ठगी कैसे की जाती है? इसका जवाब साइबर ठगी के जामताड़ा मॉडल में छिपा है. जी हां, झारखंड का जिला जामताड़ा. नाम आपने सुना होगा. हिंदुस्तान का सबसे ख़तरनाक साइबर क्राइम हब. पलक झपकते हैं लाखों-करोड़ों की ठगी और अपराधी ग़ायब. पूरे देश में इसकी इतनी चर्चा हुई कि ओटीटी पर जामताड़ा के नाम से साइबर गुनाहों की सीरीज तक बन गई. आज तक की टीम ने उसी जामताड़ा का दौरा किया. उस थाने तक पहुंचकर पड़ताल की, कि आखिर साइबर क्राइम का नया ट्रेंड क्या है. क्रिमिनल अब किन हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कैसे जामताड़ा की पुलिस को देशभर से ठगी की शिकायतें मिलती हैं और क्या है साइबर क्रिमिनल्स की असली मोडस ऑपरेंडी. साइबर क्राइम कैपिटल जामताड़ा के बारे में आपको अपनी ज़मीनी पड़ताल से रू-ब-रू कराते हैं.

Advertisement

ठगी का शिकर बनी मशहूर हस्तियां
पहले आपको कुछ ऐसे नाम बताते हैं जो इस साइबर ठगी का शिकार बने तो लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ. अभिनेत्री स्वरा भास्कर एटीएम में धोखाधड़ी का शिकार बनीं. इसी तरह से सोनम कपूर के रिश्तेदार हरीश आहूजा के साथ 27 करोड़ रूपये की साइबर ठगी की गई. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर से 23 लाख रूपये की साइबर ठगी अंजाम दी गई. अभिनेता करन सिंह ग्रोवर के साथ 5.60 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई. मशहूर अभिनेत्री शबाना आज़मी भी साइबर ठगी का शिकार बनीं. इसी तरह से अभिनेत्री शुभांगी अत्रे को भी साइबर ठगों ने नहीं बख्शा. इस तरह गायक और अभिनेता अन्नू कपूर को भी साइबर ठगों ने 4 लाख रुपये का चूना लगा दिया.

साइबर क्राइम का गढ़ बना जामताड़ा
जब इस तरह की वारदातें जांच के दायरे में आई, तो सामने आया एक ही नाम जामताड़ा. झारखंड का जामताड़ा आज पूरे देश में साइबर अपराध के लिए कुख्यात हो चुका है. आज तक की टीम इसी जामताड़ा में साइबर ठगों के हथकंडों की पड़ताल करने पहुंची थी. जामताड़ा साइबर थाने के इंस्पेक्टर बताते हैं कि अपराधियों ने अब नई मोडस ऑपरेंडी के साथ काम करना शुरू कर दिया है.

Advertisement

अलग-अलग तरीकों से होती है ठगी
इसमें साइबर अपराधी अब बिजली बिल के नाम पर ठगी कर रहे हैं. ये शातिर साइबर अपराधी ऑनलाइन कॉल करके लोगों को फंसा रहे हैं और सेक्सटॉर्शन भी कर रहे हैं. ये लोगों को लॉटरी और ईनाम का लालच देकर ठगी कर रहे हैं. उनके बैंक खातों, एटीएम, क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने का डर दिखाकर ये शातिर अपराधी ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

ये है साइबर ठगी की नई मोडस ऑपरेंडी
इसके लिए साइबर अपराधियों ने स्क्रीन शेयरिंग ऐप का सहारा लेना शुरू किया है. साइबर थाने में बैठे एक्सपर्ट साइबर क्रिमिनल्स के मोडस ऑपरेंडी बताते हैं. साइबर क्रिमिनल्स सबसे पहले शिकार को एक मैसेज भेजते हैं. फिर उस मैसेज में दिये गये फोन पर कॉल करने को कहा जाता है. कॉल करने पर साइबर क्रिमिनल अपने टारगेट को कुछ मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहता है. मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करते ही टारगेट के मोबाइल का स्क्रीन उस साइबर ठग के साथ शेयर हो जाता है. और फिर मोबाइल की स्क्रीन के जरिये ठग अपने टारगेट की सीक्रेट जानकारियों और एटीएम पिन नंबरों तक पहुंच जाता है.

रिमोट एक्सिस एप्लिकेशंस का इस्तेमाल
साइबर एक्सपर्ट और जामताड़ा साइबर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर नागेंद्र राय बताते हैं कि ठगों ने आज कल कई तरह के रिमोट एक्सिस ऐप्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जिसमें एनीडेस्क, टीम व्यूअर, ज्वाइन मी, फ्री कॉन्फ्रेंस कॉल, स्प्लैश शॉट जैसे कई मोबाइल एप्लिकेशंस हैं. जिनका इस्तेमाल करके ठगी की जा रही है. और अब ये भी देखा गया है कि रिमोट एक्सिस एप्लिकेशंस का इस्तेमाल करके साइबर ठग इन दिनों लोगों को सेक्सटॉर्शन कर रहे हैं.

Advertisement

दूसरे जिलों में बना रहे हैं ठिकाने
जामताड़ा साइबर थाने के एसएचओ अजय कुमार के मुताबिक जामताड़ा की पुलिस इन साइबर क्रिमिनल्स पर लगातार कार्रवाई कर रही है. यही वजह है कि अब साइबर क्रिमिनल्स सिर्फ जामताड़ा नहीं बल्कि आसपास के जिलों तक पहुंच गए हैं. उन्होंने वहां नए ठिकाने बना लिए हैं. साइबर क्राइम के लिए सबसे ज्यादा बदनाम है यहां का गांव करमाटांड़.

पहले ही पहचान सकते हैं ठगी की दस्तक
इस तरह के साइबर अपराध से बचने के लिए सर्तक रहना जरूरी हैं क्योंकि आज देश में ज्यादातर लेन-देन ऑनलाइन होता है. ऐसे में आपकी छोटी सी सावधानी, आपको साइबर ठगी की वारदात से बचा सकती है. आज से एक बात को गांठ बांध लें. याद कर लें. साइबर अपराधी मोबाइल नंबरों के जरिए संपर्क करते हैं, कभी खुद को बैंक एक्जक्यूटिव बताते हैं तो कभी किसी संस्था से जुड़ा हुआ, यहां आपको याद रखना है कि कभी भी किसी बैंक या वित्तीय संस्था से आपके पास लैंडलाइन से फोन आएगा, मोबाइल नंबर से नहीं. यानी जुर्म की दस्तक को आप पहले ही पहचान सकते हैं.

सेक्सटॉर्शन का खेल
जामताड़ा के रहने वाले हैदर अली को साइबर अपराधी अपने खौफनाक साजिश में फंसाना चाहते थे. इसके लिए उन्हें जाल में फंसाया गया. हैदर की फोटो को मॉफ किया गया और फिर फोटो से ब्लैकमेलिंग की कोशिश की गई. जिसे साइबर अपराध की दुनिया में सेक्सटॉर्शन का नाम दिया गया है. इसमें अपराधियों की तरफ से कोई महिला नैकेड वीडियो कॉल करती है, और उस वीडियो को रिकॉर्ड कर लिया जाता है. इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल यानी सेक्सटॉर्शन.

Advertisement

साइबर ठगी के नए-नए प्रयोग
जामताड़ा मॉडल में साइबर ठगी के नए-नए प्रयोग हो रहे हैं, जो इन दिनों देश के अलग-अलग शहरों से लोगों को शिकार बनाया जा रहा है. जामताड़ा के डीसी फैज बताते हैं कि साइबर ठग अपराध की दुनिया के बड़े खिलाड़ी हैं, पहले ट्रेन में चोरी की वारदार को अंजाम देते थे अब, शातिर साइबर अपराधी बन गए हैं. आज जामताड़ा मॉडल का नेटवर्क सिर्फ देश में नहीं बल्कि विदेश में भी मौजूद है, देश के अलग शहरों को छोड़िए, जामताड़ा के ठग अब विदेश के लोगों को भी चूना लगा रहे हैं.

छोटी सी गलती से बड़ा नुकसान
जामताड़ा के कारोबारियों ने तो ऑन लाइन पेमेंट लेना बंद कर रखा हैं, डर इस बात का है कि पता नहीं किस रूप में कहां कोई साइबर अपराधी मिल जाए, कारोबारी सौरभ की मानें तो ऐसी ठगी के लिए पेमेंट के प्लेटफॉर्म जिम्मेदार हैं. जानकार यही मानते हैं कि साइबर अपराधी लोगों को शॉट टर्म में मोटी कमाई का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं. ज्यादातर मामलों में लोगों की छोटी सी गलती बड़े नुकसान की वजह बन जाती है. यानी आपको एक बात गांठ बांधकर रखनी हैं कि अब ऑनलाइन लेन-देन के वक्त हमेशा सतर्क रहना है.

Advertisement

पहले चोरी, अब साइबर क्राइम
साइबर क्राइम से पहले जामताड़ा रेलवे में वैगन ब्रेकिंग, पिल्फरेज यानी चोरी और नशा खिलाकर यात्रियों को लूटने के लिए बदनाम था. मगर अब ये इलाका साइबर फ्रॉड के कारनामों और भोले भाले लोगों को ठगने के लिए कुख्यात है. इस तरह मामलों में अब तक 22 राज्यों की पुलिस तहकीकात के लिए इस इलाके में पहुंच चुकी है. सख्ती बढ़ने के साथ-साथ यहां साइबर क्राइम करने का तरीका भी बदल गया है. हालांकि ये शातिर साइबर ठग घर बनाकर यहां नहीं रहते हैं, ताकि पुलिस के हाथ इन तक ना पहुंच पाएं. 

विकास और निवेश पर भी असर
साइबर अपराध की वजह से जामताड़ा की छवि पूरे देश में खराब हो चुकी है. जिसका असर यहां के विकास और कारोबार पर भी पड़ रहा है. कोई इन्वेस्टर यहां निवेश नहीं करना चाहता. कोई भी कंपनी यहां नया प्रोजेक्ट लगाने से कतराती है. जो पुराने नामी गिरामी कारोबारी हैं, उनका बिजनेस भी 25 से 30 प्रतिशत तक प्रभावित हो चुका है. 

सौरभ गुटगुटिया और तरुण गुप्ता कहते हैं कि देशभर में डिजिटल क्रांति हो रही है लेकिन वे अपना एटीएम, डेबिट या क्रेडिट कार्ड तक यूज नहीं करते हैं. ऐसा करने पर उन्हें कार्ड क्लोनिंग का खतरा बना रहता है.

डीसी फैज बताते हैं कि बीते सालभर से साइबर अपराध के केस कुछ कम हुए हैं. बीते साल जून तक 71 मामले दर्ज हुए थे. तो इस बार जून तक सिर्फ 21 केस ही दर्ज हुए हैं. हालांकि चिंता की बात ये है कि साइबर क्रिमिनल्स का जाल अब मुंबई, कोलकाता और नेपाल या अन्य शहरों में भी फैल गया है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement