दिल्ली में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज, रोज विदेश से आते थे ढाई लाख कॉल, Gulf से ऑपरेट हो रहा था सर्वर

इससे पहले सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2021 में दिल्ली के हौजकाजी इलाके में चल रहे अवैध इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज पर जाकर रेड की थी. उस वक्त एक शख्स पकड़ा गया था.

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भारत की सुरक्षा से हो रहा था खिलवाड़! (फोटो- आजतक) भारत की सुरक्षा से हो रहा था खिलवाड़! (फोटो- आजतक)

अरविंद ओझा / तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST
  • अवैध इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा
  • दिल्ली पुलिस ने बड़े रैकेट का किया भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने अवैध इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया है. इस अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए रोजाना विदेश से ढाई लाख कॉल आती थी. इस सर्वर का हैंडलर गल्फ कंट्री में बैठा है, वहीं से ये ऑपरेट किया जा रहा था. दिल्ली पुलिस के सामने कई सारे सवाल हैं, जैसे कि क्या इन कॉल के जरिए आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही थी? कहीं ये कॉल स्मगलिंग, हवाला और देश के खिलाफ गतिविधियों के लिए तो नहीं की जा रही थी?

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इससे पहले सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2021 में दिल्ली के हौजकाजी इलाके में चल रहे अवैध इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज पर जाकर रेड की थी. उस वक्त एक शख्स पकड़ा गया था. उसी के फ्लैट पर ये सब चल रहा था. लेकिन इसका टेक्निकल हेड जो दिल्ली में मास्टरमाइंड है, वो पकड़ से बाहर था. क्योंकि उस तक पहुंचने के लिए लीड नहीं मिल पा रही थी. जिसके बाद सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की सायबर सेल ने मौके से बरामद दो सर्वर का पता लगाया की ये सर्वर यहां तक कैसे पहुंचा. तब जाकर इतने महीने बाद पुलिस को इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है. एक आरोपी पहले ही पकड़ा जा चुका है.

29 सितंबर को साइबर सेल ने दिल्ली में इस रैकेट के मास्टरमाइंड समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. जब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की गई तो कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए. जिसको सुनकर दिल्ली पुलिस के होश उड़ गए. पुलिस को पता चला कि पाकिस्तान समेत कई देशों से आने वाली ये कॉल हर रोज भारत सरकार को डेढ़ करोड़ रुपये की चपत लगा रही थी.

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प्रत्येक दिन टेलीफोन एक्सचेंज के इन सर्वर पर ढाई लाख कॉल भारत में आती थी. लेकिन ये कॉल कहां से कौन कर रहा है, इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है? अब इस मामले में सुरक्षा एजेंसियां इन आरोपियों से जल्द ही पूछताछ कर सकती हैं. यह इंटरनेट कनेक्शन, रेकैट के मास्टरमाइंड मोहम्मद इरफान (जो टेक्निकल हेड है), जुल्फिकार, अरीब और इरफान अली के नाम पर था. 

क्या है ये इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज ?

जब कोई शख्स भारत की एजेंसियों से बचकर भारत की टेलीकॉम गेटवे को बाइपास कर कॉल करना चाहता है तो वो विदेश वाले सर्वर से अपनी कॉल VOIP के जरिये करता है. वो भारत के अवैध सर्वर से कनेक्ट होकर, जिससे बात करना चाहता है उस आदमी के लैंडलाइन या फिर मोबाइल फोन से कनेक्ट होकर बात करता है. लेकिन इन कॉल को मॉनिटर करना बहुत मुश्किल है. ये कॉल कहां से और किसने की है, इस बात की जानकारी तब तक नहीं मिल सकती जब तक भारत में बात करने वाला शख्स खुद से न बताए. वहीं भारत में इन सर्वर पर आने वाली कॉल से सर्वर मालिक को कॉल का प्रतिशत मिलता है. जो पैसा हवाला के ज़रिए पहुंचता है.
 

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