CBI अफसर बन 7 घंटे तक किया डिजिटल अरेस्ट, DU में साइंटिस्ट की मां से यूं ठगे 4 लाख रुपए

Cyber Fraud: साइबर क्राइम के मामले में देश में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं. हाल ही में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में सामने आया है. यहां एक महिला से चार लाख ठग लिए गए.

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देश भर में साइबर ठगी की वारदातों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. देश भर में साइबर ठगी की वारदातों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.

सचिन गौड़

  • फरीदाबाद,
  • 20 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने के बाद से देश भर में साइबर ठगी की वारदातों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद में सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग महिला को फोन करके 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया. फोन काटने पर उसके बेटे के हाथ-पैर काटने की धमकी देते रहे. यही नहीं साइबर ठगों ने महिला से चार लाख रुपए से ज्यादा की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर भी करा ली. पीड़ित महिला की शिकायत पर फरीदाबाद पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है.

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साइबर ठगी के प्रति पुलिस लगातार लोगों से जागरूक रहने की अपील कर रही है. लेकिन साइबर ठग इतने शातिर हैं कि अपने मकसद में लगातार कामयाब हो रहे हैं और जब तक कोई उनकी इस कलाकारी को समझ पाता है, तब तक वो लाखों रुपए से हाथ धो बैठता है. फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के आदर्श नगर की रहने वाली कुसुम कौशिक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उनका बेटा शुभम कौशिक दिल्ली यूनिवर्सिटी में साइंटिस्ट है. बीते दिन उनको एक कॉल आई. कॉलर ने कहा कि उनका बेटा रेप केस में पकड़ा गया है. 

कॉलर ने आगे कहा कि यदि वो उसे बचाना चाहती हैं तो जैसा कहा जा रहा है, वैसा करें, वरना उनके बेटे को जेल भेज दिया जाएगा. कुसुम को कॉलर की बात पर यकीन हो जाए, इसलिए उन्हें उनके बेटे की आवाज सुनाई गई. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद हूबहू उनके बेटे जैसी आवाज सुनाई गई. इसके बाद कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और धमकी दी कि यदि उन्होंने उनका फोन काटा तो वो उनके बेटे के हाथ पैर काट देंगे. करीब सात घंटे तक साइबर ठगों का ड्रामा चलता रहा.

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इस दौरान साइबर ठगों ने कुसुम कौशिक को मजबूर करके 14 अलग-अलग खातों में उनसे चार लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए. उस वक्त महिला के पास पैसे नहीं थे. ऐसी स्थिति में उन्होंने अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों तक से पैसे मांग कर उन्हें दे दिए. हद तो उसे वक्त हो गई जब महिला का बेटा शाम को अपने काम से घर लौटा तब भी साइबर ठग है उससे पैसे की मांग कर रहे थे. शुभम के आने के बाद मां ने पूरी बात बताई, तो उन्होंने कहा कि उनके साथ तो ऐसा कुछ हुआ नहीं था.

इसके बाद मां-बेटे को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो गई है. इसके बाद कुसुम और शुभम फरीदाबाद के साइबर थाने गए. वहां उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने साइबर फ्रॉड का केस दर्ज कर लिया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. थाना साइबर प्रभारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि लोगों को साइबर फ्रॉड के प्रति लगातार आगाह किया जा रहा है. साइबर ठगी होने के बाज इसकी सूचना तुरंत 1930 पर देनी चाहिए. यहीं से ऑनलाइन पूरी जानकारी संबंधित थाने में आ जाती है, जिससे कार्रवाही आसान हो जाती है.

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देश में तेजी से बढ़ रहा है साइबर क्राइम, पहले स्थान पर यूपी

बताते चलें कि साइबर क्राइम के मामले में देश में लगातार बढ़ रहे हैं. हाल ही में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है. देश में होने वाले कुल साइबर अपराधों में आधे से ज्यादा केवल 5 राज्यों में हो रहे हैं. इस रोकने के तमाम उपाय नाकाफी नजर आ रहे हैं. डिजिटल युग में साइबर अपराध लोगों के साथ ही पॉलिसी मेकर्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. देश में साइबर अपराधी आम से लेकर खास लोगों तक को अपना शिकार बना रहे हैं. 

लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने जो रिपोर्ट पेश की है उसके मुताबिक 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम हुए हैं. इस दौरान यूपी में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. ठगों ने इस दौरान यूपी में 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी की है. इसके बाद महाराष्ट्र और फिर गुजरात में साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा केस हुए हैं. उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने के लिए 16 जिलों में साइबर थाने संचालित हो रहे हैं. साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए सीनियर अधिकारियों को लगाया गया है. 

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आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके साइबर ठगों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है. यदि कारोबारी साल 2022-23 में साइबर ठगी से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो 11.28 लाख मामले देशभर में सामने आए थे. इसमें आधे मामले तो केवल पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख केस दर्ज हुए है. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 1 लाख 30 हजार केस, तीसरे नंबर पर गुजरात में 1 लाख 20 हजार केस, चौथे और पांचवे नंबर पर राजस्थान और हरियाणा में करीब 80-80 हजार मामले दर्ज किए गए थे. 

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