दिल्ली के आजादपुर मंडी में एक बुजुर्ग पिता अपने ही बेटे के साइबर फ्रॉड का शिकार बन गए. उन्होंने जिस बेटे पर ऑनलाइन बैंकिंग का भरोसा किया, उसी ने उनके अकाउंट से सिम कार्ड चुराकर 26 लाख रुपए उड़ा दिए. चार महीने तक चालाकी से ठगी करने वाला आरोपी पिता के सामने नाटक करता रहा. उनके साथ खुद थाने जाकर शिकायत भी दर्ज कराया. लेकिन पुलिस ने उसकी पोल खोलते हुए गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान शिवम शर्मा के रूप में हुई है. उसके पिता की उम्र 68 साल है. वो आजादपुर मंडी में पार्किंग ऑपरेटर थे और अब रिटायर हैं. पिता ने अपनी खराब सेहत और डिजिटल जानकारी की कमी के चलते अपने बेटे पर ऑनलाइन बैंकिंग का जिम्मा सौंप रखा था. लेकिन शातिर बेटा उनके भरोसे को तार-तार करते हुए उनसे ठगी करता रहा. शुरू में इसकी कानोंकान किसी को खबर तक नहीं लगी.
पीड़ित पिता ने अपनी पहली शादी से हुए बेटे को परिवार का पार्किंग बिजनेस सौंप दिया था. इसी बात से गुस्सा और जलन में आकर शिवम ने अपने पिता की जमा पूंजी हड़पने की साजिश रच डाली. मौका उसे 23 मार्च को मिला, जब उसके पिता अपनी पहली पत्नी के अंतिम संस्कार में गए हुए थे. उसी दिन शिवम ने चुपके से अपने पिता के बैंक अकाउंट से जुड़े सिम कार्ड को निकाल लिया. इसके बाद ठगी करना शुरू कर दिया.
आरोपी शिवम ने उस मोबाइल नंबर से एक फर्जी UPI ID बनाई और अगले चार महीनों तक धीरे-धीरे लाखों रुपए ट्रांसफर करता रहा. वो अपने पिता के बैंक अकाउंट से पैसे निकालता, फिर उन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए सोने के सिक्कों में बदल देता. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि उसने इन सोने के सिक्कों को घर की दीवार में बनी एक अलमारी में छिपा रखा था.
इतना ही नहीं आरोपी ने लगभग 6 लाख रुपए कैश निकालने के लिए साइबर कैफे ऑपरेटरों की मदद ली. इन ऑपरेटरों को पैसे निकालने के एवज में वो 2 से 10 प्रतिशत कमीशन देता था. अपनी हर डिजिटल ट्रेस को मिटाने के लिए उसने बाद में सिम कार्ड और अपना मोबाइल फोन दोनों तोड़ डाले. हैरानी की बात यह रही कि आरोपी ने खुद को निर्दोष दिखाने के लिए अपने पिता के साथ 'पीड़ित' का रोल भी निभाया.
आरोपी अपने पिता के साथ साइबर थाने जाकर शिकायत दर्ज कराने में मदद करता रहा. लेकिन पुलिस ने जब एडवांस्ड डिजिटल एनालिटिक्स और फील्ड इंटेलिजेंस के ज़रिए लेनदेन की ट्रैकिंग की, तो हर ट्रांजैक्शन की कड़ी आखिरकार उसी तक पहुंच गई. जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के घर से करीब 100 ग्राम सोना बरामद किया. इसके अलावा उसके बैंक अकाउंट में रखे 3 लाख रुपए फ्रीज कर दिए गए.
आरोपी शिवम शर्मा ग्रेजुएट है और पहले एक BPO में काम कर चुका है. उसका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. गिरफ्तारी के बाद शुरू में उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जब उसके सामने डिजिटल सबूत रखे गए, तो उसने अपराध कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर बरामद हुई चोरी की संपत्ति ने पूरे मामले की पुष्टि कर दी. पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच करने में जुटी है.
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