बेंगलुरु में इंटरनेशनल कॉल को लोकल बनाने वाले बड़े टेलीकॉम रैकेट का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी UAE भागा

बेंगलुरु पुलिस ने इंटरनेशनल कॉल को लोकल में बदलने वाले गैर-कानूनी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया है. मौके से 28 SIM बॉक्स, 1,193 SIM कार्ड, लैपटॉप-राउटर सहित 40 लाख का सामान जब्त किया गया है. जबकि इस रैकेट का सरगना दुबई भाग गया है.

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इस रैकेट का मुख्य आरोपी दुबई में छुपा हुआ है (सांकेतिक फोटो- ITG) इस रैकेट का मुख्य आरोपी दुबई में छुपा हुआ है (सांकेतिक फोटो- ITG)

aajtak.in

  • बेंगलुरु,
  • 04 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

Bengaluru illegal telephone exchange exposed: बेंगलुरु पुलिस ने एक बड़े टेलीकॉम रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो इंटरनेशनल कॉल को अवैध तरीके से लोकल कॉल में बदलकर सरकार और टेलीकॉम कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा रहा था. इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ा दी है.

पुलिस की यह कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक सिटी फेज-2 में देवराज बिल्डिंग की चौथी मंज़िल से शुरू हुई. जहां एक गुप्त टेलीफोन एक्सचेंज चलाया जा रहा था, जिसमें खास तकनीक की मदद से कॉल्स को ट्रांसफॉर्म किया जाता था. यह तरीका पूरी तरह गैर-कानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा माना जाता है.

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वोडाफोन की शिकायत से खुला मामला
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब वोडाफोन ने 28 नवंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. कंपनी ने बताया कि उनके नेटवर्क पर कई ऐसे पैटर्न दिखे जो SIM बॉक्स के अवैध इस्तेमाल की ओर इशारा कर रहे थे. शिकायत में कहा गया कि आरोपी इंटरनेशनल कॉल को बिना अनुमति लोकल कॉल में बदल रहा था, जिससे न सिर्फ तकनीकी सिस्टम खतरे में आ रहा था, बल्कि सरकारी राजस्व को भी नुकसान हो रहा था. इस शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी.

28 SIM बॉक्स और 1,193 SIM कार्ड जब्त
जांच के दौरान CCB की साइबर क्राइम पुलिस ने मौके पर छापा मारा और भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं. जिनमें 28 SIM बॉक्स, 1,193 SIM कार्ड, एक लैपटॉप, तीन राउटर और एक MI पोर्टेबल CC कैमरा शामिल थे. ये सभी उपकरण इंटरनेशनल कॉल ट्रैफिक को छलपूर्वक लोकल रूट में डायवर्ट करने के काम आते थे. पुलिस ने बताया कि जब्त किए गए सामान की कुल कीमत करीब 40 लाख रुपये है.

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SIM बॉक्स का इस्तेमाल
पुलिस की शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि सिम कार्ड और सिम बॉक्स दोनों का इस्तेमाल अलग-अलग साइबर अपराधों में किया जाता था. SIM बॉक्स के जरिए बड़ी संख्या में कॉल एक साथ प्रोसेस की जाती हैं, जिससे कॉल की असली लोकेशन छिप जाती है. इससे सुरक्षा एजेंसियों को नुकसान होता है और कॉल ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है. पीटीआई के मुताबिक, अब पुलिस यह पता लगा रही है कि इन उपकरणों का इस्तेमाल और किन-किन साइबर फ्रॉड में किया गया.

आरोपी की तलाश तेज
कॉल एक्सचेंज ऑपरेट करने वाला मुख्य आरोपी केरल का रहने वाला बताया जा रहा है. पुलिस का कहना है कि रैकेट चलाने के बाद आरोपी भारत से भाग गया था और फिलहाल वह दुबई में छिपा हुआ है. उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए जाने की तैयारी है. पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोपी के साथ इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग जुड़े हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला
पुलिस अधिकारियों ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद संवेदनशील बताया है. इंटरनेशनल कॉल्स को लोकल नेटवर्क में बदलने की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कई बार फर्जी पहचान बनाने, अवैध लेन-देन और अन्य साइबर क्राइम में किया जाता है. ऐसे रैकेट देश की कम्युनिकेशन सिस्टम और इंटेलिजेंस नेटवर्क को खतरा पहुंचाते हैं. पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ले रही है.

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