CAA हिंसा: PFI के 25 लोग गिरफ्तार, संगठन का नेटवर्क खंगाल रही पुलिस

पीएफआई को प्रतिबंधित करने के बारे में आईजी (लॉ एंड आर्डर) प्रवीण कुमार ने कहा कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के बीच जो भी ऐसी बातें होती हैं वह पूरी तरह गुप्त रखी जाती हैं.

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पपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST

  • गिरफ्तार लोगों पर अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप
  • प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत तीन सदस्य लखनऊ से हुए थे गिरफ्तार

नागरिकता संसोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में योगी सरकार ने पपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. आईजी (लॉ एंड आर्डर) प्रवीण कुमार ने कहा, 'अभी तक विभिन्न जिलों से पीएफआई के 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह सभी अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं.'

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संगठन के नेटवर्क की छानबीन जारी

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक पीएफआई को प्रतिबंधित करने के बारे में आईजी (लॉ एंड आर्डर) प्रवीण कुमार ने कहा, 'राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के बीच जो भी ऐसी बातें होती हैं वह पूरी तरह गुप्त रखी जाती हैं. हम लोग जब तक किसी आधार पर नहीं पहुंच जाते तब तक कोई खुलासा नहीं करते हैं.'

प्रवीण कुमार ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में हिंसा के बाद पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत तीन सदस्यों को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद से ही इस संगठन का यूपी में नेटवर्क खंगाला जा रहा था.

उधर, योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि पीएफआई बिल्कुल सिमी का दूसरा रूप है. इस संगठन ने केरल के बाद यूपी में पैर फैलाने शुरू किए हैं. सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद पीएफआई नाम का नया संगठन बनाया गया जो युवाओं को आतंकवाद की तरफ मोड़ रहा है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि यह संगठन युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर भेजना चाहता है.

प्रमोद तिवारी ने बोला योगी सरकार पर हमला

वहीं कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाये जाने को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार के आरोपों में सच्चाई है तो यह इंटेलिजेंस की बड़ी चूक है.

ज्ञात हो कि सीएए के खिलाफ हुई हिंसा की आंच पपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर आने के बाद गृह विभाग ने इस संगठन को भी प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की है.

सूत्रों के अनुसार पुलिस को पीएफआई सदस्यों की प्रदेश में सक्रियता के कई सबूत मिले हैं. पहले भी आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्टर चस्पा करने जैसे मामलों में दर्ज मुकदमों का रिकर्ड खंगाला गया है.

इसी आधार पर पिछले दिनों पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया था कि छह माह पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर पीएफआई पर प्रतिबंध की सिफारिश की जा चुकी है.

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