सीरिया में जारी है भूख और रोटी के बीच जंग...

जंग ने सीरिया की अब ऐसी हालत कर दी है कि रोटी क्या लोग घास तक खा रहे हैं. भूख ने देखते ही देखते इंसानों को इस कदर डरावना बना दिया है कि जिस्म का ढांचा ही बचा है, बाकी तो सब भूख निगल गया है.

Advertisement
ये रोटी की जंग है ये रोटी की जंग है

सुरभि गुप्ता / शम्स ताहिर खान

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2016,
  • अपडेटेड 2:20 AM IST

जंग कोई भी जीते हारता हमेशा इंसान है. सरहदों को जीतने और अपनी हुकूमत कायम करने के चक्कर में चंद लोगों ने सीरिया के करीब चार लाख लोगों के मुंह से जिंदगी का निवाला छीन लिया है.

आईएसआईएस , विद्रोही सेना और सीरियाई राष्ट्रपति की फौज के बीच जारी जंग की वजह से सीरिया के कई शहरों में लोग खुद भूख का निवाला बनते जा रहे हैं. भूखे मरने से बचने के लिए यहां जिंदगी कैसे जद्दोजहद कर रही है, ये जानकर किसी की भी आंखें नम हो जाएं.

Advertisement

भूख से मर रहे हैं लोग
सीरिया में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसने जंग में अपनों को ना खोया हो. शायद ही कोई ऐसा हो जिसने कई-कई रोज रोटी की शक्ल ना देखी हो और शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे भूख ने भूखा ना मारा हो.

किस पर होगी हुकूमत
जंग और जेहाद की आग में झुलस रहे सीरिया के बाशिंदों की बगदादी के आईएसआईएस और इराक व सीरिया के हुक्मरानों से बस यही सवाल है कि अगर सरहदों के अंदर बसने वाले इंसान ही नहीं बचेंगे, तो इन सरहदों को जीत कर कौन किस पर कैसी हुकूमत कर पाएगा.

जीते जी मुर्दा बने लोग
एक तरफ आईएसआईएस के जल्लादों की टोली, दूसरी तरफ राष्ट्रपति बशर अल असद की फौज और तीसरी तरफ वजूद की लड़ाई लड़ रहे फ्री सीरिया आर्मी के जवान और इन सबके बीच फंसे सीरिया के मासूम और बेगुनाह लोग हैं. जमीन से लेकर आसमान तक से होती बमों की बारिश ने एक पूरी की पूरी नस्ल को ही जैसे जीते जी मुर्दा कर दिया.

Advertisement

5 साल पहले निर्यात करते थे अनाज
जंग सिर्फ गोली-बारूद का नाम नहीं है. भूख और रोटी के बीच भी जंग होती है. उसी एक अदद रोटी के लिए सैकड़ों सीरियाई शहरी कतार में खड़े रहते हैं. बस पांच साल पहले ही 2010 में 20 लाख टन से भी ज्यादा अनाज सीरियाई नागरिकों ने दूसरे देशों को निर्यात किया था.

घास खाने को मजबूर लोग
जंग ने इस मुल्क की अब ऐसी हालत कर दी कि रोटी क्या लोग घास तक खा रहे हैं. भूख ने देखते ही देखते इंसानों को इस कदर डरावना बना दिया है कि जिस्म का ढांचा ही बचा है, बाकी तो सब भूख निगल गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement