नीता भाभी, मुकेश भैया, ये तो सिर्फ एक झलक है. अगली बार सामान पूरा होकर वापस आएगा और इंतजाम पूरा हो गया है. मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली स्कॉर्पियो में मिला ये खत और इसका मज़मून बता रहा है कि ये साज़िश कितनी बड़ी है. जिसने भी ये साज़िश रची उसने बिना डेटोनेटर के जिलेटिन की 20 छड़ें छोड़ी ही इसीलिए क्योंकि वो यहां धमाका करने नहीं धमकाने आया था. और वो चाहता था कि उसकी तस्वीरें सीसीटीवी में क़ैद हों. ऐसे में सवाल तो ये है कि जिस मुकेश अंबानी को ज़ेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई. उनके खिलाफ ऐसी साज़िश कौन रहा है.
'ये तो सिर्फ ट्रेलर है, नीता भाभी, मुकेश भैया, ये तो सिर्फ एक झलक है. अगली बार सामान पूरा होकर वापस आएगा और इंतजाम पूरा हो गया है.' मोहब्बत की चाश्नी में लिपटी जानलेवा धमकी. उसी संदिग्ध कार से पुलिस को मिली है. जो देश के सबसे रईस और सबसे रसूखदार शख्स मुकेश अंबानी के आलीशान महल एंटीलिया के बाहर रात से खड़ी थी. सुर्मई रंग की इस स्कॉर्पियो कार महाराष्ट्र नंबर की पांच फर्ज़ी नंबर प्लेट, सफेद रंग की पन्नी में लिपटी ज़िलेटिन की 20 छड़ें. एक खत मिला.
खत का मज़मून लिखने वाला मानों ये कहना चाहता हो. मुकेश अंबानी तक पहुंचना उसके लिए मुश्किल नहीं. लेकिन क्या वाकई मुकेश अंबानी या उनके परिवार के सदस्य और उनके घर तक पहुंचना और इस तरह की वारदात को अंजाम देने की कोशिश करना इतना ही आसान है. शायद नहीं. मगर ये कोशिश की किसने. क्या इसमें किसी विदेशी ताकत के शामिल होने की गुंजाइश. कहीं ऐसा तो नहीं कि जिन लोगों ने ये गाड़ी मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी की. वो सिर्फ मोहरा हों.
इस कार के चारों दरवाज़ों की तरह. इस मामले के ये तमाम सवाल भी खुले पड़े हैं. उनका जवाब ढूंढना ज़रूरी है और ज़ाहिर है मुंबई पुलिस ये कर भी रही होगी. पहला सुराग तो ये कार खुद है. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब संदिग्ध स्कॉर्पियो की पड़ताल शुरू करते हुए. चेचिस नंबर चेक की गई तो पता चला कि उसे खुरच दिया गया है ताकि इससे गाड़ी के मालिक तक ना पहुंचा जा सके.
लेकिन पुलिस ने दूसरे तरीकों से कार की डिटेल निकाल ली और कार मालिक तक पहुंचने की कोशिश हुई तो पता चला कि कार तो असल में चोरी की कार थी. जिसे 17 फरवरी को मुंबई के नज़दीक विक्रोली से चोरी किया गया था. कार मालिक के मुताबिक 17 फरवरी को रात आठ बजे वो ठाणे से मुंबई आ रहा था. विक्रोली में कार खराब होने की वजह से वो इसे सड़क किनारे ही छोड़कर चला गया था. लेकिन अगले रोज जब वो पहुंचा तो कार वहां नहीं थी. जिसकी रिपोर्ट भी लिखाई गई थी..
तो अब सवाल ये कि इस मामले के आरोपियों तक पहुंचने का दूसरी तरीका क्या हो सकता है. तो वो दूसरा तरीका है घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे. इन सीसीटीवी कैमरों में सब कुछ क़ैद हो गया. कब ये कार यहां आई. कब इसमें बैठा शख्स निकला और किधर गया. सीसीटीवी के इस वीडियो को गौर से देखने पर पता चलता है कि उस वीडियो में वो साजिश दर्ज है जिसकी वजह से मुंबई पुलिस समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप है.
उस फुटेज के मुताबिक वक्त हो रहा है बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात के करीब एक बजे का. मुकेश अंबानी के घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक स्कॉर्पियो आकर रुकती है. उसके पीछे सफेद रंग की एक इनोवा कार भी है. करीब सत्रह सेकेंड तक दोनों गाड़ी अपनी जगह खड़ी रहती हैं और फिर स्कॉर्पियों की हेड लाइट बंद कर दी जाती. इसके ठीक ग्यारह सेकेंड के बाद इनोवा कार अपनी जगह से रेंगना शुरु करती है. जबकि स्कॉर्पियो अपनी जगह पर ही खड़ी रहती है. इनोवा स्क़ॉर्पियो के नज़दीक आती है. और तब स्क़ॉर्पियो में बैठा शख्स इनोवा कार में बैठकर निकल जाता है. सीसीटीवी से बचने के लिए ड्राइवर कार के दूसरे साइड से उतरता है.
पूरी रात मुंबई के पॉश पेडर रोड पर ये गाड़ी इसी तरह एंटीलिया के बाहर खड़ी रहती है. दोपहर तक फोन पर इसकी जानकारी मुंबई पुलिस को दी जाती है कि दक्षिण स्थित मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर एक संदिग्ध कार खड़ी है. मुंबई पुलिस में हड़कंप मच जाता है. कॉल मिलते ही डॉग स्क्वॉड के साथ मुंबई पुलिस और एटीएस की टीम मौके पर पहुंच जाती है. बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने स्कॉर्पियो को जैसे ही खोला तो मौके पर मौजूद लोगों के होश उड़ गए. कार में विस्फोटक का जखीरा रखा हुआ था.
तस्वीरों में दिख रहा है कि वो जिलेटिन है. जिसे डेटोनेटर के विस्फोट किया जाता है. और कार में इसकी तादाद कोई एक दो नहीं बल्कि विस्फोटक जिलेटिन की बीस छड़ें थी. इसके अलावा महाराष्ट्र नंबर की कई नंबर प्लेट्स और वो चिट्ठी मिली. जिससे ये साफ हो गया कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है. स्कॉर्पियो की ड्राइविंग सीट की बगल वाली सीट पर अंबानी की आईपीएल की टीम मुंबई इंडियन्स की ब्रांडिंग वाला एक बैग मिला. धमकी की चिट्ठी इसी बैग में रखी गई थी.
बड़ा सवाल ये है कि आखिर मुकेश अंबानी के घर के बाहर कार में विस्फोटक रखने की ये साज़िश के पीछे है कौन. और जैसा कि चिट्ठी में लिखा है कि ये उस साज़िश का सिर्फ ट्रेलर भर है. शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं. मसलन, स्कॉर्पियो के चेचिस नंबर को खुरच दिया गया था ताकि इससे गाड़ी के मालिक तक ना पहुंचा जा सके. स्कॉर्पियो और इनोवा में बैठे शख्स ने मास्क लगा रखा था जिससे उसकी पहचान मुश्किल हो रही है.
स्क़ॉर्पियो की नंबर प्लेट मुकेश अंबानी के सुरक्षा काफिले की एक कार का नंबर है. माना जा रहा है कि शक से बचने के लिए साजिशकर्ता अपनी गाड़ी में वही नंबर लगा रखा था, जो सुरक्षा काफिले की एक गाड़ी की थी. पुलिस के मुताबिक हो सकता है कि आरोपी अंबानी परिवार की काफी दिनों से रेकी कर रहा हो. उनके काफिले की गाड़ियों पर नजर रख रहा हो. तभी उसने उसी नंबर प्लेट्स का डुप्लीकेट बनवा लिया.
सूत्रों के मुताबिक साजिशकर्ता इस साजिश में पिछले एक महीने से लगे हुए थे. आरोपी की साजिश अंबानी के घर एंटीलिया के और करीब कार खड़ी करने की रही होगी लेकिन सख्त सुरक्षा की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाया. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक स्क़ॉर्पियो में मिली जिलेटिन की छड़ें नागपुर की एक कंपनी से खरीदी गई थी. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच के लिए दस टीमें बना दी हैं. मुंबई पुलिस की सीआईयू और प्रॉपर्टी सेल भी इस मामले की जांच कर रही है. फिलहाल मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस करीब आधा दर्जन लोगों से पूछताछ कर रही है.
सीसीटीवी फुटेज के जरिये मुंबई पुलिस सफेद इनोवा कार की भी तलाश कर रही है. मगर जिस तरह से सीसीटीवी के सामने कार छोड़ी गई उससे भी जाहिर है कि साजिशकर्ता अपनी मौजूदगी को अच्छे से दिखाना चाहता था. पुलिस को शक है कि मुमकिन है कि कॉल करने वाला शख्स साजिश में शामिल आरोपी ही हो.
शम्स ताहिर खान / सौरभ वक्तानिया