बाप-भाई का कत्ल, शहर-शहर घूमते कातिल, पीछा करती पुलिस... पहेली बनी जबलपुर की 'शातिर जोड़ी'

15 मार्च को जबलपुर में हुई दोहरे कत्ल की वारदात ने पूरे देश को दहला दिया था. इस कत्ल का खुलासा तब हुआ जब कातिल जोड़ी में से एक ने अपने रिश्तेदारों को मैसेज भेज कर ये बताया कि किसी ने उसके पिता राजकुमार विश्वकर्मा और 8 साल के भाई तनिष्क की हत्या कर दी है.

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जबलपुर में हुई दोहरे कत्ल की वारदात ने पूरे देश को दहला दिया था. जबलपुर में हुई दोहरे कत्ल की वारदात ने पूरे देश को दहला दिया था.

aajtak.in

  • जबलपुर,
  • 02 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

मध्य प्रदेश के जबलपुर में 15 मार्च को हुए डबल मर्डर केस में पुलिस पिछले 40 दिन से आरोपियों की तलाश कर रही है. जबलपुर की मिलेनियम कॉलोनी में रेलवे अफसर राजकुमार विश्वकर्मा और उनके आठ साल के बेटे तनिष्क की तेजधार हथियार से वार कर के हत्या कर दी गई थी. कत्ल के बाद कातिलों ने बच्चे की लाश को फ्रिज में ठूंस कर बंद कर दिया था. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब खुद राजकुमार की बेटी ने अपने रिश्तेदारों को अपने मोबाइल फोन से एक वॉयस मैसेज भेजा था, लेकिन वो उस दिन से ही गायब है. वो अपने बॉयफ्रेंड मुकुल के साथ शहर-शहर घूम रही है. पुलिस को चकमा दे रही है.
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लोकेशन नंबर-1 19 मार्च सुबह 8.30 बजे कलबुर्गी, कर्नाटक

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कर्नाटक के कलबुर्गी के बस स्टैंड पर रोज की तरह मुसाफिरों की आवाजाही लगी है. इन्हीं मुसाफिरों के बीच लड़का-लड़की की एक जोड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रही है, लेकिन ये वो जोड़ी है जो पुलिस के निगाहों में मोस्ट वॉन्टेड है. उन्हें मध्य प्रदेश के जबलपुर की पुलिस पिछले 47 दिनों से बेसाख्ता ढूंढ रही है. नीले रंग के एक सूटकेस और काले रंग का बैग लिए ये बस स्टैंड के वेटिंग लाउंज में कुछ देर के लिए नजर आती है. फिर आगे की सफर पर निकल जाती है. 

लोकेशन नंबर-2 10 अप्रैल दोपहर 12 बजे मथुरा, उत्तर प्रदेश

कलबुर्गी से 1494 किलोमीटर दूर भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा. वक्त है दोपहर के 12 बजे. कलबुर्गी की तस्वीरों के ठीक 23 दिन बाद वही मोस्ट वॉन्टेड जोड़ी यहां भी नजर आती है. यहां दोनों की तस्वीरें तीन अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों में क़ैद हुई हैं. एक सीसीटीवी फुटेज में दोनों एक दुकान के बाहर नजर आते हैं. लड़का कुछ देर के लिए दुकान के अंदर दाखिल होता है, जबकि लड़की उसका इंतजार करती रहती है. दूसरे फुटेज में लड़का एक एटीएम बूथ के अंदर रुपए निकालने के लिए अपनी बारी का इंतजार करता हुआ दिखता है. तीसरी और आखिरी फुटेज में दोनों कृष्ण जन्मभूमि के गेट के पास नजर आते हैं.

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लोकेशन नंबर-3 11 अप्रैल दोपहर 2 बजे आईएसबीटी, चंडीगढ़

मथुरा के ठीक अगले ही दिन कातिल जोड़ी की तस्वीरें चंडीगढ़ के आईएसबीटी में कैद हुई. दोपहर का वक्त मोस्ट वॉन्टेड जोड़ी आईएसबीटी से अपने किसी नए सफर की शुरुआत करने जा रही है. लेकिन अब दोनों के पास लगेज पहले से ज्यादा हो चुका है. यहां दोनों के साथ पांच अलग-अलग बैग हैं. एक ब्लू सूटकेस, काले रंग का एक पिट्ठू बैग, लाल रंग का एक बैग, एक स्लिपिंग बैग और एक पाउच. यहां भी पुलिस को दोनों के चार अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं. लेकिन ये जोड़ी अब भी पुलिस और कानून के शिकंजे से बाहर है. यानी कदम कदम पर पुलिस बेशक इस मोस्ट वॉन्टेड कपल का पीछा कर रही हो, लेकिन हक़ीकत यही है कि हर जगह पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों फरार हो चुके होते हैं. ये और बात है कि अब पुलिस को उम्मीद है कि दोनों के पास पैसों की कमी होने लगी हैं और ऐसे में दोनों जरूर ऐसी कोई ना कोई गलती करेंगे, जिससे पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब हो जाएगी. 

तीन अलग-अलग शहरों की अलग-अलग लोकेशन पर सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुई कालित जोड़ी पिछले 47 दिनों से पुलिस को पानी पिला रही है. मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली कातिल जोड़ी ने लड़की के पिता और भाई को ऐसी दर्दनाक मौत दी कि लाश देखने वालों तक की रूह कांप गई. क़त्ल की ये वारदात पिछले महीने की 15 तारीख यानी 15 मार्च को हुई थी. लेकिन अब इस वारदात को चालीस दिनों से ज्यादा का वक़्त गुजरने के बावजूद इस केस के दोनों आरोपी पुलिस के लिए एक ऐसी पहेली बनी है, जो सुलझाए नहीं सुलझ रही. पुलिस दोनों की लोकेशन ट्रैक करते हुए पहुंचती उससे पहले वो गायब हो जाते.

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ऐसा चालीस दिनों से बार-बार हो रहा है. लेकिन अब पुलिस को इस केस की तफ्तीश में कुछ ऐसी बातें पता चली हैं, जो चौंकाने वाली हैं. ये बातें मर्डर मिस्ट्री की साजिश से जुड़ी होने के साथ-साथ, दोनों की फरारी के बाद उनकी मूवमेंट से जुड़ी हैं. कुछ दिनों पहले पुलिस को दोनों की लोकेशन भारत बांग्लादेश और भारत नेपाल बॉर्डर पर भी पता चली थी, जिससे पुलिस को शक हो रहा था कि शायद अब दोनों विदेश भागने के फिराक में हैं. लेकिन पुलिस ने बॉर्डर पर तमाम सिक्योरिटी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है और अब उसे लग रहा है कि दोनों भारत के ही किसी शहर में छुपने की कोशिश कर रहे हैं. 

फिलहाल आरोपी तो पुलिस की पकड़ से दूर हैं, लेकिन मामले की तफ्तीश करते हुए पता चला है कि इस क़त्ल की साजिश मुकुल सिंह ने काफी पहले रच ली थी और करीब महीने भर से वो इसकी प्लानिंग कर रहा था. पुलिस की मानें तो इस साजिश में खुद राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी भी मुकुल सिंह का साथ दे रही थी. मुकुल ने करीब महीने भर पहले से क़त्ल के लिए हथियार और दूसरे साजो सामान खरीदने शुरू कर दिए थे. लेकिन वो इतना शातिर है कि उसने ये सामान किसी लोकल स्टोर से नहीं बल्कि ऑनलाइ खरीदा, ताकि मैन टू मैन कॉन्टैक्ट ना को बराबर हो और उसे ट्रेस करना मुश्किल हो.

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सबसे पहले उसने दो चॉपर खरीदे और इनकी डिलिवरी के लिए अपने घर का पता देने की जगह रेलवे स्टेशन के नजदीक के एक और मकान का पता दे दिया. इसके बाद डिलिवरी बॉय से कॉन्टैक्ट कर चॉपर कलेक्ट कर लिया. इन चॉपर को उसने अपने घर में नहीं बल्कि अपने गैरेज नंबर 361/6 में छिपा दिया था. इसी तरह उसने गैस कटर और हैंड ग्लव्स जैसी चीजें भी ऑनलाइन खरीदी थीं, जिसका इस्तेमाल उसने क़त्ल करने में किया था. इसके बाद जब बाप-बेटे की लाश का पोस्टमार्टम हुआ, तो पता चला कि क़ातिल ने किस बेरहमी से दोनों की जान ली. राजकुमार विश्वकर्मा पर चॉपर से 10 वार किए गए, जबकि मासूम बच्चे पर 6 वार. इस वार से दोनों के सिर की हड्डियां टूट गईं और बच्चे के सिर की हड्डी तो एक ही वार से टूट गई.

अब बात दोनों को दबोचने के लिए जारी पुलिस की प्लानिंग और उसकी कोशिशों की. आरोपी मुकुल सिंह को दो बैंक एकाउंट हैं, लेकिन उनमें ज्यादा पैसे नहीं हैं. लेकिन राजकुमार विश्वकर्मा की बेटी अपने पिता का डेबिट कार्ड और मां के जेवर लेकर निकली है. दोनों इसी डेबिट कार्ड से अब तक अलग-अलग शहरों में घूम-घूम कर पैसे निकाल रहे थे. वो जिस शहर में पैसे निकलते थे, वहां फोन स्विच्ड ऑफ कर देते थे. जबकि नई जगह पहुंचने पर फोन फिर से ऑन होता था. पहले तो पुलिस ने उन्हें ट्रैक करने के लिए उनके बैंक खातों को खुला ही रहने दिया, लेकिन अब जब उनके पैसे भी खत्म हो चले हैं. पुलिस ने उसके एकाउंट सील करवा दिए हैं. अब आरोपियों के पास बमुश्किल तीस से चालीस हजार रुपए बचे हैं. ऐसे में उनके लिए आगे भागना मुश्किल हो सकता है. 

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