हाथरस केस की जांच के सिलसिले में सीबीआई लगातार पूछताछ कर रही है. इसी सिलसिले में सीबीआई आज शनिवार को पीड़िता के परिजनों से पूछताछ करने उनके घर पहुंची. सीबीआई की टीम ने करीब 5 घंटे तक परिजनों से पूछताछ की और उसके बाद टीम हाथरस की पीड़िता के घर से निकल गई.
सीबीआई की टीम ने पीड़िता की भाभी और पीड़िता की मां से लंबी पूछताछ की. पीड़िता की भाभी ने बताया कि सीबीआई की टीम ने उनसे पीड़िता के बारे में पूछताछ की है. उन्होंने बताया कि चश्मदीद छोटू ने जो बयान दिया उस आधार पर पूछताछ की गई है. साथ ही पीड़िता और संदीप के बीच जो कॉल डिटेल सामने आए थे उसके बारे में भी पूछताछ की गई.
भाभी ने बताया कि 14 सितंबर को कौन सबसे पहले घर आया था. साथ इस दिन कौन कहां था इसके बारे में भी सीबीआई टीम ने पूछताछ की. पूछताछ के लिए सीबीआई की डीएसपी के साथ एक और महिला अधिकारी टीम में हैं.
इससे पहले सीबीआई ने शुक्रवार को हाथरस केस के चमश्दीद छोटू उर्फ विक्रांत के बयान दर्ज किए थे. विक्रांत वही शख्स है जिसका खेत था और जो घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचा था. कहीं ना कहीं विक्रांत ने जो सीबीआई को बयान दिए थे, उसमें पीड़िता के परिवार को ही कठघरे में खड़ा किया था, इसलिए पीड़िता के परिवार के बयान काफी अहम हो जाते हैं. हाथरस केस के चश्मदीद छोटू उर्फ विक्रांत ने सबसे पहले आजतक पर मौका-ए-वारदात को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए थे.
पीड़िता के परिवार को अपने यहां रखने को तैयारः संजय सिंह
इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'मैं हाथरस की गुड़िया के परिवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर साथ रखने को तैयार हूं, उन्हें आदित्यनाथ राज के खौफ में रहने की ज़रूरत नही. मैंने गुड़िया के चाचा से फोन पर बात करके अनुरोध किया है.'
SIT की रिपोर्ट में फिर देरी
हाथरस गैंगरेप और मर्डर केस में जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट दाखिल करने में फिर देर हुई है. इससे पहले रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय बढ़ाया गया था. एसआईटी को 17 अक्टूबर को अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपनी थी. बताया जा रहा है कि SIT को हाथरस मामले की रिपोर्ट जमा करने में अभी कम से कम तीन दिन का वक्त लग सकता है. एसआईटी हाथरस मामले की जांच करके वापस लौटी चुकी है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं है.
बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस गैंगरेप कांड हुआ था, जबकि 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी. इसके बाद आनन-फानन में प्रशासन ने युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था. पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठे थे.
अरविंद ओझा