कनाडा में बैठे मां और मामा पर बेटी की हत्या कराने का आरोप

कनाडा की एक अदालत ने हॉरर किलिंग केस में एक शख्स और उसकी बहन को भारत प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है. आरोपियों के भारत में न्याय मिलने में संदेह की स्थिति में अदालत ने ऐसा किया है. आरोपी पर अपनी भांजी की हत्या कराने का आरोप है.

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जसविंदर सिद्धू और सुखविंदर सिंह जसविंदर सिद्धू और सुखविंदर सिंह

मुकेश कुमार / IANS

  • टोरंटो,
  • 27 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST

कनाडा की एक अदालत ने हॉरर किलिंग केस में एक शख्स और उसकी बहन को भारत प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है. आरोपियों के भारत में न्याय मिलने में संदेह की स्थिति में अदालत ने ऐसा किया है. आरोपी पर अपनी भांजी की हत्या कराने का आरोप है.

जानकारी के मुताबिक, सुरजीत बदेशा और उनकी बहन मल्कित सिद्धू ने मिलकर मल्कित की बेटी जस्सी (जसविंदर) सिद्धू की हत्या कराने के लिए भाड़े के हत्यारों का इस्तेमाल किया. जस्सी ने पंजाब में एक ऑटो चालक से शादी कर ली थी, जो नीची जाति का था.

कनाडा में जन्मी जसविंदर सिद्धू की मुलाकात ऑटो ड्राइवर सुखविंदर सिंह (मिठु) से पंजाब के जागरांव में साल 1996 में हुई थी. इसके बाद दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. 1999 में कनाडा से वापस आने के बाद जसविंदर ने गुपचुप तरीके से सुखविंदर से शादी कर ली.

मामा और मां पर हत्या का आरोप
जसविंदर की हत्या जून 2000 में सुखविंदर के गांव के निकट हुई थी. पंजाब पुलिस ने अपनी जांच में इसे ऑनर किलिंग करार दिया, जिसे जसविंदर की मां मल्कित सिद्दू और उसके मामा सुरजीत बदेशा ने कनाडा में बैठकर अंजाम दिया था. इस बात के सबूत पुलिस को मिले थे.

हत्यारों को किए 266 फोन कॉल्स
सुरजीत द्वारा भाड़े के हत्यारों के पास किए 266 फोन कॉल के सबूत के आधार पर भारत ने साल 2005 में मल्कित और सुरजीत को मुकदमे का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया. मई 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें भारत भेजने का आदेश दिया था.

अपीलीय अदालत ने पलटा फैसला
शुक्रवार को ब्रिटिश कोलंबिया की अपीलीय अदालत ने भारत में बंदियों के साथ अच्छा व्यवहार न होने' का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के आदेश को पलट दिया. न्यायाधीश इयान डोनाल्ड ने अपने फैसले में कहा कि उनके साथ हिंसा और उत्पीड़न जैसी घटनाएं हो सकती हैं.

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