दो राज्य, दो शहर और दो कत्ल... मोबाइल फोन की सीडीआर और CCTV फुटेज से मिला सुराग, यूं पकड़े गए कातिल

राजस्थान के अजमेर और यूपी के शामली में हुए दो कत्ल, जहां पति-पत्नी के आंसुओं के पीछे छिपा था खून का खौफनाक सच. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि दोनों ही मामलों में कत्ल के मास्टमाइंड खुद जीवनसाथी निकले. जानिए पूरी कहानी.

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राजस्थान के अजमेर और यूपी के शामली में हुए दो कत्ल (Photo: ITG) राजस्थान के अजमेर और यूपी के शामली में हुए दो कत्ल (Photo: ITG)

aajtak.in

  • अजमेर/शामली,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

आज आपको जुर्म से जुड़ी ऐसी दो कहानियों बताएंगे, जो आपको हैरान करने के साथ-साथ परेशान भी कर देंगी. पहली कहानी में एक पति है, जो अपनी पत्नी की लाश के पास बैठकर बेजार रोए जा रहा है. दूसरी कहानी एक पत्नी की है, जो अपने पति की मौत पर इस कदर रो रही है, मानों अपने आंसुओं के सैलाब में सबकुछ बहाकर ले जाएगी. लेकिन इन दोनों किरदारों का सच जब सामने आया, तो खुद आंसु भी रो पड़े.  

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दर्द, दहशत और मातम की तस्वीरों से किसी का भी सीना छलनी हो जाएगा. जब किसी की आंखों के सामने उसके जीवनसाथी का कत्ल कर दिया जाए और वो चाह कर भी कुछ ना कर सके, तो उस लाचारगी और बेबसी की शिद्दत क्या होती होगी, ये सिवाय उस शख्स के और कोई नहीं समझ सकता, जिस पर ये गुजरी है. दो ऐसी ही तस्वीरें हाल फिलहाल सामने आई हैं. 

पहली वारदात राजस्थान के अजमेर की है, जहां बीच सड़क पर गुमनाम कातिलों ने अपने पति के साथ बाइक पर जा रही एक महिला की गला रेत कर हत्या कर दी और वो अकेला कातिलों के झुंड के सामने कुछ ना कर सका. जबकि दूसरी यूपी के शामली की, जहां ठीक इसी तरह कातिलों की एक टोली ने बीच रास्ते में एक पत्नी की आंखों के सामने उसके पति की हत्या कर दी. यहां भी कातिलों ने चाकू से हमला किया और पति की जान ले ली और बेबस पत्नी अपने पति की जान बख्श देने की फरियाद करने के सिवाय और कुछ ना कर सकी.

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दो राज्य, दो शहर और दो कत्ल

देखा जाए तो दोनों ही कहानी एक ही जैसी हैं. दोनों ही वाकयों में इल्जाम लूटपाट के लिए क़त्ल का है. फर्क बस इतना है कि एक में पति की आंखों के सामने पत्नी का कत्ल हुआ है, तो दूसरे में पत्नी की आंखों के सामने पति का. लेकिन क्या ये वारदातें वाकई ऐसी ही हैं, जैसी बताई या दिखाई जा रही हैं? या फिर इनका सच कुछ और है? 

तो जवाब है कि इन दोनों ही मामलों का सच कुछ ऐसा है कि जान कर कोई भी हैरत में पड़ जाएगा. क्योंकि इन दोनों ही मामलों में सबसे ज्यादा दर्द और गम में जो दो लोग नजर आ रहे हैं, असल में कत्ल का खंजर इन्हीं दोनों के हाथों में है. जी हां, यानी उन्हीं दोनों के हाथों में जो सबसे ज्यादा गम और तकलीफ में नजर आ रहे हैं.

अब सच-सच बताइएगा कि जब तक हमने आपको कत्ल की इन दोनों वारदातों में असली क़ातिल का नाम और चेहरा नहीं बताया था, तब तक क्या आपने इन चीखों और मातम को देख कर एक बार भी सोचा था कि इनके पीछे कातिल कोई और नहीं बल्कि वही लोग हो सकते हैं, जो इस वक्त सबसे ज्यादा तकलीफ में हैं और दहाड़े मार कर रो रहे हैं? 

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आपने शायद ही ऐसा सोचा हो। सच तो ये है कि खुद पुलिस ने भी इनकी इस एक्टिंग को देख कर ऐसा नहीं सोचा था कि कत्ल में इनका भी हाथ हो सकता है। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई, तो कातिलों के चेहरे से नकाब उतरता गया।

अब आइए सबसे पहले अजमेर की कहानी का सच जानिए.

रविवार 10 अगस्त 2025, राखी का दिन

अजमेर के सिलोरा का भाजपा मंडल महामंत्री रोहित कुमार अपनी पत्नी के साथ राखी के मौके पर अपने ससुराल रलावता गया था. उसकी पत्नी को अपने भाइयों को राखी बांधनी थी. लेकिन अभी वो बाइक पर रलावता से वापस सिलोरा लौट ही रहे थे कि बीच रास्ते में कथित तौर पर लुटेरों ने दोनों रोका और लूटपाट की कोशिश शुरू कर दी. विरोध करने पर लुटेरों ने रोहित को धक्का देकर एक गड्ढे में गिरा दिया, जबकि उसकी पत्नी का चाकू से गला रेत दिया. 

वारदात दोपहर करीब दो बजे हुई. बाद में जब उस रास्ते से गुजरने वाले लोगों ने रोहित और उसकी पत्नी संजू को देखा, तो उनकी हालत देख कर घबरा गया. संजू का गला कटा हुआ था, जबकि लहूलुहान रोहित उसके पास पास में बैठा मातम कर रहा था. लोगों ने उनका हाल पूछा और पति-पत्नी दोनों को अस्पताल पहुंचाया. राखी के मौके पर एक दंपती के साथ हुई इस वारदात से उनके समाज के लोग गुस्से में आ गए और उन्होंने गुनहगारों की धर पकड़ के लिए धरना प्रदर्शन की शुरुआत कर दी. 

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हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने पहली ही नजर में कहानी की सच्चाई भांप ली थी. असल में मौका-ए-वारदात पर पुलिस की नजर दो चीजों पर गई. पहली ये कि वारदात लूटपाट के लिए चलते होने की बात बताई गई, लेकिन मौके पर रोहित की पत्नी संजू के जेवर पड़े हुए थे. यानी लुटेरे अपने साथ सारे जेवर लेकर नहीं गए. दूसरी ये कि आम तौर पर ऐसी वारदातों में जानलेवा हमला पति पर ही होता है, क्योंकि पति ही ऐसे मामलों में हमलावरों से सामने से भिड़ता है, लेकिन यहां जिस तरह पत्नी संजू की गला रेत कर जान ली गई थी, उसे देख कर ये शक हो रहा था कि संजू की हत्या लूटपाट की वजह से नहीं, बल्कि टारगेट करके की गई है. और बस यहीं से पुलिस के शक की सुई संजू के पति रोहित पर टिक गई.

ऊपर से पुलिस की पूछताछ में वो बार-बार अपने बयान भी बदल रहा था. इस बीच जब पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए रोहित के मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाई, तो असली कहानी सामने आ गई. संजू के कत्ल की साजिश किसी और ने नहीं बल्कि उसके पति रोहित ने ही अपने कुछ दोस्तों के साथ मिल कर रची थी, क्योंकि उसका किसी और लड़की से अफयेर चल रहा था और उसकी पत्नी इसका विरोध किया करती थी. 

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अब आइए आपको अजमेर से 506 किलोमीटर दूर शामली की वो कहानी सुनाते हैं, जिसमें क़ातिल के तौर पर खुद उस बीवी के चेहरे से ही नकाब उतरा है, जो अपने शौहर की मौत के बाद उसकी लाश पर जारो-कतार रो रही थी, बार-बार बेहोश हो रही थी.

गुरुवार 7 अगस्त 2025, शामली (यूपी)

उस दिन शामली का रहने वाला फर्नीचर कारोबारी शहनवाज बाइक पर अपनी पत्नी महफरीन के साथ शामली से खुरगान जा रहा था. अभी वो खुरगान से थोड़ी ही दूरी पर थे कि कैराना इलाके में गुमनाम कातिलों की टोली ने पति-पत्नी को बीच सड़क पर घेरा और शहनवाज के पास मौजूद रुपयों से भरा बैग छीनने की कोशिश की और नहीं देते पर चाकुओं से गोद कर उसकी हत्या कर दी. 

असल में खुरगान में शहनवाज की पत्नी महफरीन के ममेरे भाई की शादी थी. पति-पत्नी दोनों इसी शादी में शामिल हो जा रहे थे. खास बात ये थी कि ससुराल जाने से पहले कैराना से शहनवाज से डेढ़ लाख रुपये के नोटों की एक माला भी खरीदी थी, जिसे वो अपने सारे को गिफ्ट के तौर पर देना चाहता था. खुरगान पहुंचने से पहले कैराना से ये मामला खरीदने से पहले शहनवाज ने उसे अपने बैग में रखा और दोनों पति-पत्नी शादी वाले घर के लिए निकल पड़े, लेकिन रास्ते में ही लुटेरों ने शहनवाज की हत्या कर दी. आंखों के सामने पति की मौत के बाद पत्नी महफरीन का बुरा हाल था. वो बार-बार रोती हुई बेहोश हो रही थी.

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जब महफरीन के घर वालों और आस-पास के लोगों को बीच सड़क पर हुई इस वारदात का पता चला, तो उन्होंने शहनवाज को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया. 

उधर, जब जांच हुई तो पुलिस को शुरू में शक होने लगा कि शहनवाज की हत्या नोटों की माला लूटने के लिए ही गई होगी. लेकिन जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, तो पुलिस की जांच की दिशा बदल गई. असल में पोस्टमार्टम में शहनवाज पर सिर्फ चाकुओं के वार के निशान नहीं थे, बल्कि उसके साथ मौत से पहले मारपीट की गई थी और चाकू के साथ-साथ उसे गोली भी मारी गई थी. जिससे पुलिस को ये शक होने लगा कि हो ना हो लुटेरों के भेष में जिन लोगों ने शहनवाज की जान ली, उनका असल इरादा लूटपाट का नहीं, बल्कि शहनवाज के कत्ल का ही था. ऊपर से जब इस मामले में पुलिस ने महफरीन से पूछताछ करने की कोशिश की, तो उसने पहले पुलिस को बयान देने से भी इनकार दिया. इससे पुलिस का शक और भी बढ़ गया.

लेकिन इस भयानक वारदात की असली साजिश तब सामने आई, जब पुलिस ने शक के आधार पर महफरीन के मोबाइल फोन की सीडीआर और मौका-ए-वारदात के आस-पास की सीसीटीवी फुटेज निकलवाई. सीडीआर में पता चल गया कि महफरीन का अपने ही दूर के रिश्ते के दौर तसव्वुर के साथ अफेयर चल रहा था और दोनों में दिन-रात घंटों बातें होती थीं. इत्तेफाक से जब पुलिस ने कत्ल वाली जगह के आस-पास का सीसीटीवी फुटेज चेक किया, तो उन कैमरों में भी पुलिस तसव्वुर के साथियों की तस्वीरें नजर आईं. जहां तक कि सीडीआर में कत्ल से ऐन पहले महफरीन की तसव्वुर से मोबाइल फोन पर बातचीत और अपनी लोकेशन शेयर करने की बात का भी पता चला. जिसके बाद कहानी पूरी तरह साफ हो गई.

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असल में शहनवाज को अपनी पत्नी के साथ तसव्वुर के अफेयर का पता था और वो इसका विरोध किया करता था, लेकिन इसी अफेयर के चक्कर में महफरीन ने अपने आशिक तसव्वुर के साथ मिलकर शहनवाज की हत्या करने की साजिश रच ली. पुलिस की मानें तो उसने कत्ल से पहले ना सिर्फ कातिलों को अपना लाइव लोकेशन शेयर किया, बल्कि बाइक में बैठी-बैठी कोडवर्ड से तसव्वुर से बातें भी करती रहीं. पुलिस ने मंजिल आने वाली है, पुल पार करो, बस थोड़ा इंतजार करो जैसे कोडवर्ड का पता लगाया है, जिससे महफरीन तसव्वुर को हिंट दे रही थी. मंजिल आने वाली है, मतलब वो खुरगान पहुंचने वाले हैं. पुल पार करो मतलब बाइक के पीछे-पीछे आओ और बस थोड़ा इंतजार करो मतलब अब हमले का वक्त आ रहा है, जैसी बातों का पुलिस ने पता लगाया है.

फिलहाल, पुलिस ने करीब पांच सौ किलोमीटर के फासले पर दो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तारीखों पर हुई कत्ल की दो वारदातों का खुलासा तो कर दिया है, लेकिन इन वारदातों में जिस तरह पति-पत्नी ही अपने-अपने पति-पत्नियों के कत्ल के मास्टमाइंड निकले हैं, उसने साबित कर दिया है कि अब लोग अपनी जायज-नाजायज़ ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए किस तरह कभी भी किसी भी जान लेने लगे हैं.

(अजमेर से चंद्रशेखर शर्मा और शामली से शरद मलिक का इनपुट)

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