देश के अलग-अलग हिस्सों से लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के अपने राज्य लौटने की खबरें आ रही हैं. इन मजदूरों को उनके गृह राज्य छोड़ने के लिए केंद्र ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में बड़ी तादाद में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए शनिवार यानी आज से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इसे लेकर जिला प्रशासन ने मजदूरों को घर भेजने की कवायद शुरू कर दी है.
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गौतमबुद्ध नगर से 6 हजार प्रवासी मजदूरों को लेकर आज 4 ट्रेनें बिहार के लिए रवाना हो रही हैं. 2 स्पेशल ट्रेन दादरी और 2 दनकौर रेलवे स्टेशन से रवाना की जाएंगी. 11 बजे से दादरी से एक ट्रेन बिहार के औरंगाबाद के लिए रवाना होगी. वहीं दोपहर 12 बजे दनकौर से एक ट्रेन बक्सर के लिए रवाना होगी. इसके अलावा दोपहर 3 बजे दादरी से एक ट्रेन सासाराम के लिए और 4 बजे एक अन्य ट्रेन दनकौर से सिवान के लिए खुलेगी.
नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बड़ी तादाद में मजदूर
इसके लिए जिला प्रशासन, रेलवे, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने सभी तैयारी पूरी कर ली है. दोनों स्टेशनों का निरीक्षण किया गया है. साथ ही स्टेशन जाने वाले रास्तों को भी सील कर दिया गया है.
गौतमबुद्ध नगर में बड़े पैमाने पर मजदूर कंस्ट्रक्शन साइट और फैक्ट्री में काम करते हैं. लॉकडाउन के कारण औद्योगिक नगरी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी तादाद में मजदूर फंसे हुए हैं. उन्हें उनके घर भेजने के लिए गौतमबुद्ध नगर से आज से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना हो रही है.
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फिलहाल ये ट्रेनें गौतमबुद्ध नगर से बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही हैं. जिन लोगों ने जन सुनवाई पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. उन्हें एसएमएस के जरिए ट्रेन की टाइमिंग और डिटेल्स भेजी गई हैं. वहीं, जिन मजदूरों को टिकट मिलेगा सिर्फ वहीं जा सकेंगे.
जानकारी के मुताबिक, 60 हजार लोगों ने टिकट के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. एक ट्रेन में 1600 लोगों को भेजा जा रहा है. टिकट का खर्च यूपी सरकार उठा रही है. जिनका टिकट कन्फर्म होगा, उनको घर से रेलवे स्टेशन ले जाने के लिए बस की व्यवस्था की गई है.
नि:शुल्क चलाई जा रही हैं ये ट्रेनें
वहीं, अधिकारियों का कहना है कि जिन श्रमिकों ने जनसुनवाई पोर्टल रजिस्टेशन कराया उनको ही भेजा जाएगा. कोई अन्य व्यक्ति किसी भी तरह यात्रा में शामिल न हो सके, इसके लिए प्रशासन ने स्टेशन की ओर से जाने जाने वाली गलियों को सील कर दिया है. स्टेशन को पूरी तरह से सेनेटाइज किया गया है. सोशल डिसटेंसिग के लिए सर्कल बनाए गए हैं. ट्रेन राज्य और केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क चलाई जा रही है.
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अरविंद ओझा