ऐसा ही एक मामला मेरठ के थाना कंकड़खेड़ा क्षेत्र के पबरसा गांव का है. जहां रहने वाले एक परिवार की एक महिला ने एक निजी अस्पताल में जुड़वां बेटों को जन्म दिया. जन्म के बाद दंपति ने अपने दोनों बच्चों का नाम क्वारनटीन और सैनिटाइजर रख दिया. दरअसल, पबरसा गांव के रहने वाले निवासी धर्मेंद्र कुमार की पत्नी रेनु गर्भवती थी और उसका मेरठ के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. तभी समय पूरा होने के कारण रेनु को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. वहीं, पति धर्मेंद्र ने महिला चिकित्सक से बात की.
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आरोप है कि कोरोना वायरस फैलने की आशंका के चलते महिला चिकित्सक ने कोरोना की रिपोर्ट मांगी और इलाज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद धर्मेंद्र ने गर्भवती पत्नी को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर प्रतिमा तोमर ने महिला का प्रसव कराया. महिला ने दो स्वस्थ बेटों को जन्म दिया, जिस के बाद पति-पत्नी ने अपने दोनों बेटों का नाम सैनिटाइजर और क्वारनटीन रखा.
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दोनों बेटों का सैनिटाइजर और क्वारनटीन नाम रखने की वजह जब पति-पत्नी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस महामारी में कोरोना वायरस से बचने के दो ही नाम हैं सैनिटाइजर और क्वारनटीन, जो लोगों को बचा रहे हैं. सैनिटाइजर और क्वारनटीन को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने दोनों बच्चों का नाम सैनिटाइजर और क्वारनटीन रखा है ताकि समाज में लोगों को जागरूक कर सकें और समाज कुछ सीख सकें.
उस्मान चौधरी