पीएम मोदी पर TMC सांसद का ताना, भाषण में उत्तर कोरिया के तानाशाह की झलक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आत्मनिर्भरता और लोकल प्रोडक्ट के प्रमोशन पर लंबी चर्चा की है. पीएम ने कहा कि विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कोरोना जैसे संकट से निपटने का एक ही रास्ता है आत्मनिर्भर भारत.

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अजमेर में पीएम मोदी का संबोधन देखती एक युवती (फोटो- पीटीआई) अजमेर में पीएम मोदी का संबोधन देखती एक युवती (फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2020,
  • अपडेटेड 12:14 AM IST

  • पीएम के भाषण में आत्मनिर्भरता पर जोर
  • टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने की आलोचना

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर तीखी टिप्पणी की है. महुआ मोइत्रा ने कहा कि पीएम मोदी के भाषणों में उत्तर कोरिया के पूर्व तानाशाह किम जोंग इल (Kim Jong-il) की झलक मिलती है.

महुआ मोइत्रा ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुन रही हूं. मुझे उत्तर कोरिया के पूर्व तानाशाह किम जोंग इल की विचाराधारा 'Juche' याद आ रही है. उन्होंने कहा कि Juche उत्तर कोरिया में शासन की एक कोर विचारधारा है. इसका मतलब है कि एक देश के रूप में उत्तर कोरिया को अलग और दुनिया से कटा हुआ होना चाहिए. इसे पूर्ण रूप से अपनी ताकत पर और देवता तुल्य एक नेता के सलाहों पर निर्भर होना चाहिए.

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बता दें कि किम जोंग इल 1994 से 2011 तक उत्तर कोरियां के दूसरे बड़े नेता रहे. वे उत्तर कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग उन के पिता थे.

पीएम के भाषण में आत्मनिर्भर भारत पर जोर

देश को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद, पीएम ने दिया लोकल के लिए वोकल फॉर्मूला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आत्मनिर्भरता और लोकल प्रोडक्ट के प्रमोशन पर लंबी चर्चा की है. पीएम ने कहा कि विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि कोरोना जैसे संकट से निपटने का एक ही रास्ता है आत्मनिर्भर भारत. हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है एशो पंथ: एक ही रास्ता है. आज एक राष्ट्र के रूप में हम अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संदेश लेकर आई है एक अवसर लेकर आई है.

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लोकल को ग्लोबल बनाएंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट ने हमें लोकल मैन्युफैक्चरिंग और लोकल मार्केट का महत्व समझा दिया है. संकट में लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है. लोकल ने ही बचाया है, लोकल हमारी जरूरत नहीं, जिम्मेदारी है. लोकल को हमें जीवन मंत्र बनाना होगा. आज जो ग्लोबल ब्रैंड्स लगते हैं वे भी कभी लोकल थे, लेकिन जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल और प्रचार शुरू किया तो वे प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए. इसलिए आज भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है. हमने न सिर्फ लोकल प्रॉडक्ट खरीदने हैं बल्कि प्रचार भी करना है.

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