कैसे की जाती है कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग, लैब के अंदर पहुंची 'आजतक' की टीम

दूसरी लहर के भयानक रूप के बाद जब डेल्टा के नए वैरिएंट की जांच ज़रूरी हो गयी तो दिल्ली सरकार ने अपनी 2 लैब तैयार की थी. इनमें से एक लैब सेंट्रल दिल्ली के LNJP अस्पताल में जबकि दूसरी लैब साउथ दिल्ली के ILBS अस्पताल में बनाई गई है.

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जीनोम सिक्वेंसिंग लैब जीनोम सिक्वेंसिंग लैब

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST
  • दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट की टेस्टिंग के लिए दो लैब तैयार
  • 'आजतक' ने जाना- कैसे की जाती है दिल्ली के लैब में जीनोम सिक्वेंसिग

दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीज़ों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग करने का फैसला लिया गया है. इसी को लेकर 'आजतक' की टीम ने लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में बनाई गई जीनोम सिक्वेंसिंग लैब के भीतर पहुंचकर समझा कि लैब में आने वाले सैम्पल की किस तरह युद्व स्तर पर टेस्टिंग की जा रही है.

कितनी है अभी दिल्ली में सैंपलिंग की क्षमता

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दूसरी लहर के भयानक रूप के बाद जब डेल्टा के नए वेरिएंट की जांच ज़रूरी हो गयी तो दिल्ली सरकार ने अपनी 2 लैब तैयार की थी. इनमें से एक लैब सेंट्रल दिल्ली के LNJP अस्पताल में जबकि दूसरी लैब साउथ दिल्ली के ILBS अस्पताल में बनाई गई है.

LNJP अस्पताल की जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में तमाम हाईटेक मशीनें मौजूद हैं.  हर 3 दिन में एक मशीन में 380 सैम्पल और दूसरी मशीन में 96 सैम्पल टेस्ट किए जा सकते हैं. हालांकि अस्पताल का कहना है कि फ़िलहाल सैम्पल की संख्या कम है लेकिन सैम्पल की संख्या बढ़ती है तो इसकी टेस्टिंग क्षमता हर हफ़्ते 1000 तक बढ़ाई जा सकती है. 

वहीं साउथ दिल्ली स्थित ILBS अस्पताल में भी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब बनाई गई है. ILBS अस्पताल के मुताबिक लैब में 2 मशीनें हैं. हर 3 दिन में एक मशीन में 380 सैम्पल और दूसरी मशीन में 96 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं. हालांकि अस्पताल का कहना है कि फ़िलहाल सैंपल की संख्या कम है लेकिन सैंपल की संख्या बढ़ती है तो इसकी टेस्टिंग क्षमता हर हफ़्ते 1000 तक बढ़ाई जा सकती है.

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कैसे की जाती है जीनोम सिक्वेंसिंग

LNJP अस्पताल की जीनोम सिक्वेंसिंग लैब के बीचों-बीच मौजूद फ्रीजर की इसमें सबसे अहम भूमिका है. मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आने वाले सैम्पल को अल्ट्रा लो टेम्परेचर फ्रीजर में माइनस 70 डिग्री में रखा जाता है.

इस टेम्परेचर पर सैंपल की उम्र 6 महीने से 1 साल और उससे अधिक भी हो सकती है. फ्रीजर में एक बार में 1000 से ज़्यादा सैम्पल स्टोर किए जा सकते हैं. 

ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद से ही जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों का दिल्ली हवाई अड्डे पर RTPCR टेस्ट किया जाता है.

RTPCR टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों को LNJP अस्पताल में भर्ती किया जाता है. डॉ सुरेश कुमार ने एक तकनीकी टर्म का ज़िक्र करते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों के सैंपल में से RNA निकाला जाता है और उसकी जीनोम सिक्वेंसिंग की जाती है. RNA सैम्पल की जांच के लिए कंप्यूटर से अटैच मशीन के साथ एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. 

जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में सबसे अहम ज़िम्मेदारी माइक्रो बायोलॉजी स्टाफ की होती है. LNJP अस्पताल की जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में डॉक्टर, टेक्नीशियन, कंसल्टेंट को मिलाकर 20 माइक्रो बायलॉजी स्टॉफ तैनात किए गए हैं. ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के साथ ही अब जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में 24 घण्टे सैंपल की टेस्टिंग की जाती है.

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डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि फ़िलहाल LNJP अस्पताल में रोजाना 100 सैम्पल टेस्ट करने की क्षमता है हालांकि क्षमता को बढ़ाया भी जा सकता है. किसी भी सैंपल की रिपोर्ट आने में 48 से 72 घण्टे का समय लगता है. 

एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना के 61 कोरोना पॉजिटिव

दिल्ली के LNJP अस्पताल में अबतक जोखिम वाले देशों से यात्रा करके आने वाले 61 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ भर्ती हो चुके हैं. जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद इनमें से 34 मरीज़ ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाए गए हैं. अबतक 17 ओमिक्रॉन मरीज़ डिस्चार्ज भी हो चुके हैं जबकिं बाकी मरीजों के सैपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है.

700-800 सैंपलिंग के जांच का लक्ष्य: सत्येंद्र जैन 

जीनोम सिक्वेंसिंग पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि 'मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जितने भी पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं, उन सबका जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट किया जाए. अगले एक हफ्ते में यह क्लियर हो जाएगा कि कितने फीसदी लोगों में ओमिक्रॉन वैरिएंट है. इसके लिए दिल्ली सरकार के दो लैब हैं, एक एलएनजेपी अस्पताल और एक आईएलबीएस अस्पताल में है. इन दोनों जगह 100-100 सैम्पल टेस्ट किए जाते हैं, वीकली कैपेसिटी 700-800 सैम्पल टेस्ट करने की है.

इसके अलावा केंद्र सरकार के भी दो लैब हैं, जिनकी क्षमता इनसे कहीं ज्यादा है. अभी 100 के करीब हर दिन कोरोना केस आ रहे हैं, जबकि हमारी कैपेसिटी ही हर दिन की 200 से भी ज्यादा टेस्ट करने की है.

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