पुणे: लॉकडाउन में महिला टीचर का देसी जुगाड़, ट्राइपॉड की जगह हैंगर, वीडियो वायरल

मोउमिता ने ऑनलाइन क्लास के लिए शर्ट टांगने वाले हैंगर पर मोबाइल को कपड़ों के सहारे बांधा था. फिर इसे किसी तरह जुगाड़ के जरिए हवा में लटका दिया था. आखिर उन्हें यह आइडिया कैसे आया, इस पर वह कहती है कि उनकी बेटियां लगातार मोबाइल पकड़ते-पकड़ते बोर हो गई थीं.

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जुगाड़ के जरिए केमेस्ट्री पढ़ातीं मोउमिता (वीडियो ग्रैब) जुगाड़ के जरिए केमेस्ट्री पढ़ातीं मोउमिता (वीडियो ग्रैब)

पंकज खेळकर

  • पुणे,
  • 12 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

  • सोशल मीडिया में वायरल हो गया यह वीडियो
  • जुगाड़ के सहारे 2 क्लास ले रही हैं मोउमिता
  • 'बेटियां मोबाइल पकड़ते-पकड़ते बोर हो गई थीं'
कोरोना महामारी की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं और इस दौरान अध्यापक बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करा रहे हैं. इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें एक केमिस्ट्री टीचर अपने मोबाइल को हैंगर के सहारे लटकाकर ऑनलाइन क्लास ले रही है. इस वीडियो को बेहद कम समय में 6 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

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पंचगनी के एक बोर्डिंग स्कूल की एक केमिस्ट्री टीचर मोउमिता भट्टाचार्जी ने इस वीडियो को पोस्ट किया था. ऑनलाइन क्लास के लिए किया गया यह जुगाड़ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.

वायरल वीडियो में मोउमिता भट्टाचार्जी मुंबई, पुणे, महाराष्ट्र और गुजरात में फैले अपने छात्रों के लिए ऑनलाइन केमिस्ट्री क्लास लेते हुए दिख रही हैं.

जुगाड़ के जरिए क्लास लेतीं हुई

आखिर जुगाड़ का इस्तेमाल क्यों

मोउमिता ने ऑनलाइन क्लास के लिए शर्ट टांगने वाले हैंगर पर मोबाइल को कपड़ों के सहारे बांधा था. फिर इसे किसी तरह जुगाड़ के जरिए हवा में लटका दिया था.

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हल्के ट्राइपोड का इस्तेमाल करने के बजाए, टीचर ने मोबाइल को हवा में लटकाने के लिए शर्ट हैंगर, प्लास्टिक की कुर्सी, कपड़ों और तार का उपयोग क्यों किया.

इस सवाल का जवाब जानने के लिए, इंडिया टुडे ने सतारा जिले के पंचगनी हिल स्टेशन में स्थित सेंट जेवियर इंटरनेशनल स्कूल में केमेस्ट्री टीचर मोउमित भट्टाचार्जी से संपर्क किया. इंडिया टुडे से बात करने के दौरान यह उत्साही शिक्षक यह साझा करने में बहुत खुश थी कि उन्होंने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन का सबसे अच्छा उपयोग किया है.

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कोर्स पूरा कराने की जिम्मेदारी

मार्च के अंत में लगे लॉकडाउन से पढ़ाई पर पड़े असर के बारे में मोउमिता ने साझा किया कि हम सभी टीचरों की जिम्मेदारी थी कि समय पर आईसीएसई के 10वीं और 12वीं के कोर्स पूरा कराया जाए.

उन्होंने कहा, 'इसलिए मैंने ऑनलाइन केमिस्ट्री की कक्षाएं लेने का फैसला किया. हमारे स्कूल के निदेशक फादर टॉमी ने आसानी से एक चॉकबोर्ड की व्यवस्था करवा दिया, जिसे मैं ने अपने कमरे में फिट करवा दिया.'

पहले पति-बेटियां पकड़ती रहीं मोबाइल

उन्होंने आगे कहा, 'मेरे पति पृथ्वीराज भट्टाचार्जी, मेरी जुड़वां बेटियों ने मुझे मोबाइल के जरिए ऑनलाइन क्लास जारी रखने में मोबाइल पकड़ने में मेरी मदद की. मैंने घंटों लंबी केमिस्ट्री की कक्षाएं लेनी शुरू कर दीं, लेकिन कुछ समय बाद उनके हाथों ने हार मान ली और उनके हाथों में मोबाइल स्थिर नहीं हो पा रहा था, फिर मेरे छात्रों ने अस्थिर वीडियो के बारे में शिकायत शुरू कर दी.

मोउमिता ने बताया कि 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली उनकी दोनों बेटियां भी लगातार मोबाइल पकड़ते रहने से बोर हो गईं.

फिर किया जुगाड़

मोउमिता ने कहा कि फिर उन्हें ट्राइपोड जैसी किसी चीज की जरूरत महसूस हुई, लेकिन लॉकडाउन की वजह से बाजार जाने की अनुमति नहीं थी, साथ ही बाजार भी बंद था. ऐसे में यह आइडिया आया. फिर जुगाड़ का इस्तेमाल करते हुए शर्ट टांगने वाले हैंगर, रबर बैंड और कपड़े की मदद से मोबाइल को हवा में रोकने में कामयाबी हासिल की.

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मोउमिता खुश हैं कि उनका यह जुगाड़ काम कर गया. अब वह स्कूल की जरूरत के हिसाब से एक दिन में 2 कक्षाएं लेती हैं जो करीब 60 से 65 मिनट तक चलती है. यह सब केवल निर्देशक फादर टॉमी और उनके पति की वजह से संभव हो पाया है. अगर ऑनलाइन क्लास में ज्यादा बिजी रहती हूं तो मेरे पति खाना बना देते हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि उनके शुभचिंतकों ने उनके लिए एक ट्राइपॉड देने की इच्छा जाहिर की है लेकिन ऐसा नहीं है, मैं खुद इसे खरीदने के लिए तैयार हूं और मुझे भी पता है कि ट्राइपॉड कैसे काम करता है, लेकिन मुझे इस जुगाड़ से जो संतुष्टि मिल रही है उसे शब्दों में नहीं समझाया जा सकता है. उन्होंने अंत में कहा कि किसी ने सही कहा है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है.

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